जोधपुर. प्रदेश में इन दिनों डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है, खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री का गृह जनपद भी इसकी चपेट में आ गया है. बता दें कि डेंगू से जिले में चार लोगों की मौते हो गई है. इनमें तीन तो जोधपुर के सरकारी अस्पतालों में हुई है. जबकि एक अहमदाबाद में, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक एक भी मौत की पुष्टि इसलिए नहीं की है, क्योंकि मरने वालों का एलिजा टेस्ट नहीं हुआ था. उनके कार्ड टेस्ट हुए थे, जिन्हें स्वास्थ्य विभाग मान्यता नहीं देता है.
यानि कि विभाग मौतों पर तकनीकी रूप से पर्दा डालकर छुपा रहा है. ईटीवी भारत ने जोधपुर सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा से मौतों के बारे में सवाल पूछा तो उनका कहना था कि मीडिया रिपोर्ट को वो नहीं मानते विभाग एलिसा टेस्ट के बिना पुष्टि के किसी भी मौत को स्वीकार नहीं करता है.
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जोधपुर में एक भी मौत नहीं हुई है. इतना नहीं विभाग निजी अस्पतालों में कार्ड टेस्ट के आधार पर पॉजिटिव आने वाले मरीजों की संख्या भी नहीं गिन रहा है. विभाग के खाते में जोधपुर में सिर्फ 748 मरीज है, जबकि हजारों की संख्या में कार्ड टेस्ट के रोगी पॉजिटिव आ चुके हैं. यह आंकड़ा 30 हजार के पार है.
यह हुई चार मौतें
जोधपुर में डेंगू से पहली मौत अक्टूबर में पाल रोड निवासी एक युवक की अहमदाबाद में हुई. इसके बाद एमडीएम में युवक की मौत हुई. वहीं रविवार को महात्मा गांधी अस्पताल में एक महिला की मौत हुई. लेकिन अभी तक किसी मौत को विभाग ने माना नहीं है.
घर-घर डेंगू इसलिए सर्वे
स्वास्थ्य विभाग भले ही डेंगू के कार्ड टेस्ट को नहीं मानता है, लेकिन इसके बावजूद घर घर सर्वे करवा रहा है. जहां बुखार के रोगी है लेकिन उनको गणना में शामिल नहीं कर रहा है, जिससे डेंगू रोगियों की संख्या बढ़ी हुई नजर नहीं आए.