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जोधपुर की खेजड़ली को यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल करने की मांग

जोधपुर में पेड़ों को बचाने के लिए खेजड़ली में बलिदान हुए 363 लोगों की स्थली को (Demand to include Jodhpur Khejadli in UNESCO heritage list ) यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की मांग को लेकर अभिनव राजस्थान ने अधिकार पत्र जिला प्रशासन को सौंपा है.

People sacrificed to save trees in Jodhpur Khejadli,  Every year a fair is held in Khejadli
खेजड़ली को यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल करने की मांग.
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Published : Mar 23, 2022, 4:11 PM IST

जोधपुर. पेड़ों को बचाने के लिए खेजड़ली में बलिदान हुए 363 लोगों की स्थली को यूनेस्को की विश्वधरोहरों की (Demand to include Jodhpur Khejadli in UNESCO heritage list ) सूची में शामिल करने की मांग को लेकर अभिनव राजस्थान ने पहल की है.

पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने बुधवार को इस मांग को लेकर जोधपुर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम अधिकार पत्र सौंपा. डॉ चौधरी ने बताया कि पूरी ​दुनिया में पेड़ों को बचाने के लिए यह एक अनोखा उदाहरण है जो अमर घटना रही है. इसे अगर यूनेस्कों की धरोहर में शामिल किया जाता है तो क्षेत्र का पर्यटन बढ़ेगा. साथ ही इस स्थान की जानकारी पूरी दुनिया को मिलेगी. इस मांग को लेकर अभिनव राजस्थान पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जोधपुर पहुंचे. उन्होंने रैली निकाली. उसके बाद सभी कायकर्ता खेजड़ली के लिए रवाना हुए. जहां पर पौधरोपण किया. बता दें कि सन 1730 में जोधपुर के तत्कालीन राजा ने नजदीकी गांव खेजड़ली में पेड़ काटने का आदेश दिया था. जिसका सबसे पहले अमृता देवी ने विरोध किया था.

पढ़ेंः पेड़ों के लिए 363 शहीदों को बिश्नोई समाज ने खेजड़ली मेले में दी श्रद्धांजलि, सैकड़ों की संख्या में उमड़े श्रद्धालु

उन्होंने नारा दिया था कि 'सिर साठे रूख रहे तो भी सस्ता जाण' यानी कि सिर कटने पर अगर पेड़ बचता है तो भी सस्ता समझो. इस आह्वान के बाद आस पास के गांव के 363 लोग पेड़ों से लिपट गए. लेकिन राजा के आदमियों ने पेड़ सहित (People sacrificed to save trees in Jodhpur Khejadli ) उनको भी काट दिया. इसमें 71 महिलाएं व 292 पुरुष थे. ​इनकी याद में प्रतिवर्ष खेजड़ली में मेला भरता है. पहली बार किसी संगठन ने इस स्थान को यूनेस्कों की सूची में शामिल करने की मांग की है. फिलहाल सरकार यहां स्मारक बनवा रही है.

जोधपुर. पेड़ों को बचाने के लिए खेजड़ली में बलिदान हुए 363 लोगों की स्थली को यूनेस्को की विश्वधरोहरों की (Demand to include Jodhpur Khejadli in UNESCO heritage list ) सूची में शामिल करने की मांग को लेकर अभिनव राजस्थान ने पहल की है.

पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने बुधवार को इस मांग को लेकर जोधपुर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम अधिकार पत्र सौंपा. डॉ चौधरी ने बताया कि पूरी ​दुनिया में पेड़ों को बचाने के लिए यह एक अनोखा उदाहरण है जो अमर घटना रही है. इसे अगर यूनेस्कों की धरोहर में शामिल किया जाता है तो क्षेत्र का पर्यटन बढ़ेगा. साथ ही इस स्थान की जानकारी पूरी दुनिया को मिलेगी. इस मांग को लेकर अभिनव राजस्थान पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जोधपुर पहुंचे. उन्होंने रैली निकाली. उसके बाद सभी कायकर्ता खेजड़ली के लिए रवाना हुए. जहां पर पौधरोपण किया. बता दें कि सन 1730 में जोधपुर के तत्कालीन राजा ने नजदीकी गांव खेजड़ली में पेड़ काटने का आदेश दिया था. जिसका सबसे पहले अमृता देवी ने विरोध किया था.

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उन्होंने नारा दिया था कि 'सिर साठे रूख रहे तो भी सस्ता जाण' यानी कि सिर कटने पर अगर पेड़ बचता है तो भी सस्ता समझो. इस आह्वान के बाद आस पास के गांव के 363 लोग पेड़ों से लिपट गए. लेकिन राजा के आदमियों ने पेड़ सहित (People sacrificed to save trees in Jodhpur Khejadli ) उनको भी काट दिया. इसमें 71 महिलाएं व 292 पुरुष थे. ​इनकी याद में प्रतिवर्ष खेजड़ली में मेला भरता है. पहली बार किसी संगठन ने इस स्थान को यूनेस्कों की सूची में शामिल करने की मांग की है. फिलहाल सरकार यहां स्मारक बनवा रही है.

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