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नाबालिग पढ़ना चाहती है लेकिन परिजनों ने कर दी शादी, अब कोर्ट ने भेजा बालिका गृह - Married minor sent to shelter home

भीलवाड़ा में एक नाबालिग के घर से गायब होने पर परिजनों ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की. जब कोर्ट ने नाबालिग का पक्ष सुना तो सामने आया कि उसके परिजनों ने उसका बाल विवाह करवा दिया था. वे उसे ससुराल भेजना चाहते हैं, लेकिन वह पढ़ना चाहती है और परिजनों के साथ नहीं जाना चाहती. इस पर न्यायालय ने नाबालिग को बालिका गृह भेजा (Court sent minor to shelter home) है. मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

Court sent minor to shelter home who wants to study after her early marriage
नाबालिग पढ़ना चाहती है लेकिन परिजनों ने कर दी शादी, अब कोर्ट ने भेजा बालिका गृह
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Published : Jun 27, 2022, 9:21 PM IST

जोधपुर. परिजनों ने नाबालिग का बाल विवाह कर दिया. अब वह पढ़ना चाहती है तो उसे ससुराल जाने पर मजबूर किया जा रहा है. ये मामला भीलवाड़ा से सामने आया है. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान कैमरे में दिए बयानों में नाबालिग ने कहा कि परिजनों ने जबरन विवाह कर दिया. लेकिन वह अब पढ़ना चाहती है और परिजनों के साथ नहीं जाना चाहती (Married minor wants to continue study) है.

वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई और न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई में दिए बयानों एवं तथ्यों को देखने के बाद कोर्ट ने नाबालिग को बालिका गृह अजमेर भेजने के निर्देश दिए हैं. वहीं, बालिका गृह अधीक्षक को निर्देश दिए कि यदि नाबालिग माता-पिता से मिलना चाहें तो उसे मिलवाया जाए. नाबालिग के घर से गायब होने पर परिजनों ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के दौरान नाबालिग ने कहा कि वह अभी नाबालिग है और पढ़ना चाहती है. लेकिन परिजनों ने उसका बाल विवाह कर दिया. यदि उसे माता-पिता के साथ भेजा गया तो वह उसे ससुराल भेज देंगे. इसीलिए वह अन्य प्रतिवादी युवक के साथ जाना चाहती है. कोर्ट ने नाबालिग होने की वजह से उसे बालिका गृह भेजा (Married minor sent to shelter home) है. इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

जोधपुर. परिजनों ने नाबालिग का बाल विवाह कर दिया. अब वह पढ़ना चाहती है तो उसे ससुराल जाने पर मजबूर किया जा रहा है. ये मामला भीलवाड़ा से सामने आया है. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान कैमरे में दिए बयानों में नाबालिग ने कहा कि परिजनों ने जबरन विवाह कर दिया. लेकिन वह अब पढ़ना चाहती है और परिजनों के साथ नहीं जाना चाहती (Married minor wants to continue study) है.

वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई और न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई में दिए बयानों एवं तथ्यों को देखने के बाद कोर्ट ने नाबालिग को बालिका गृह अजमेर भेजने के निर्देश दिए हैं. वहीं, बालिका गृह अधीक्षक को निर्देश दिए कि यदि नाबालिग माता-पिता से मिलना चाहें तो उसे मिलवाया जाए. नाबालिग के घर से गायब होने पर परिजनों ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के दौरान नाबालिग ने कहा कि वह अभी नाबालिग है और पढ़ना चाहती है. लेकिन परिजनों ने उसका बाल विवाह कर दिया. यदि उसे माता-पिता के साथ भेजा गया तो वह उसे ससुराल भेज देंगे. इसीलिए वह अन्य प्रतिवादी युवक के साथ जाना चाहती है. कोर्ट ने नाबालिग होने की वजह से उसे बालिका गृह भेजा (Married minor sent to shelter home) है. इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

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