जोधपुर. जिले के आदर्श पुलिस थाना बासनी में एसीबी की कार्रवाई के बाद से गायब चल रहे पुलिस निरीक्षक संजय बोथरा आखिरकार 7 दिन बाद पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ के समक्ष पेश हुए. जिसके बाद पुलिस कमिश्नर ने उन्हें लाइन में भेज दिया. बोथरा की गुरुवार को आमद कराई गई. वहीं हेड कांस्टेबल तेजाराम अभी भी गायब हैं. एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल सिंह लखावत ने बताया कि संजय बोथरा को बुलाने के लिए नोटिस तलब करेंगे. और इस मामले के बारे में पूछताछ की जाएगी.
पुलिस कमिश्नर के समक्ष पेश होने के बाद संजय बोथरा मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि मीडिया में मेरे खिलाफ गलत खबरें दिखाई जा रही है. मैं बीमार होने के कारण नहीं आ पाया था. वहीं उन्होंने कहा कि ट्रैपिंग में कहीं भी उनका नाम नहीं है. एसीबी मामले की जांच कर रही है. और मेरे द्वारा एसीबी को जांच में पूरा सहयोग दिया जाएगा. एसीबी द्वारा जब भी बुलाया जाएगा, मैं पेश हो जाउंगा.
वहीं एसीबी की ट्रैप कार्रवाई पर बोलते हुए बोथरा ने कहा कि सब इंस्पेक्टर को ट्रैप करने की उनके पास कोई जानकारी नहीं थी, क्योंकि वह सूरसागर थाने में ड्यूटी पर तैनात थे. वहीं उन्होंने कहा कि मीडिया में उनके खिलाफ भ्रामक खबरें फैलाई गई है. मीडिया में जोधपुर में उनका 3 करोड़ का बंगला, ज्वेलरी शोरूम होने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि मैं जोधपुर में किराए के मकान में रह रहा हूं, वहीं मेरा परिवार पिछले 20 सालों से व्यवसाय कर रहा है. उससे मेरा नाता जोड़ना गलत है.
आपको बता दें कि एसीबी ने 10 मई को जोधपुर के बासनी थाना में ट्रैप की कार्रवाई करते हुए 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते सब इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह चारण को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. एसीबी की पूछताछ में गजेंद्र सिंह ने थानाधिकारी संजय बोथरा और हेड कांस्टेबल तेजारा के कहने पर रिश्वत लेने की बात कही थी. जिसके बाद एसीबी ने एफआईआर में संजय बोथरा और तेजाराम मेघवाल का भी नाम दर्ज किया था. जिसके बाद से ही दोनों गायब हो गए थे. जिसके बाद दोनों को रिकॉल नोटिस भी जारी किया गया था.