जोधपुर.इसका पता चलते ही लड़के के पिता ने मुकदमे में दर्ज कराई गई FIR को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जोधपुर हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई तो लड़के के पक्ष की ओर से कोर्ट में कहा गया कि सगाई तोड़ने की कोई विधिक प्रक्रिया नहीं है. यह रस्म है, अतः इस मामले में आपराधिक मुकदमा नहीं बनता है. कोर्ट ने इससे सहमत होते हुए दर्ज कराई गई FIR के आधार पर लड़के की गिरफ्तारी पर रोक लगाई. साथ ही लड़की के पिता को भी नोटिस जारी किया गया है.
दरअसल, चूरू जिले के राजगढ़ पुलिस थाना के निवासी शिवनाथ सिंह ने जयपुर निवासी इंदर सिंह और उसके परिवार जनों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाएं. जिसमें बताया गया है कि उपरोक्त आरोपियों ने अपने पुत्र की सगाई उसकी पुत्री के साथ की थी, लेकिन सगाई निरस्त किए बिना ही उसकी दूसरी जगह सगाई कर विवाह कर दिया गया. FIR को राजस्थान हाईकोर्ट में आरोपियों की ओर से अधिवक्ता रज्जाक को हैदर ने चुनौती दी. जिस पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए परिवादी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश दिया है.