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आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के विरुद्ध हाईकोर्ट में आपराधिक याचिका दायर

राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के समक्ष बुधवार को मुरली मनोहर ओझा द्वारा एकलपीठ फौजदारी विविध याचिका प्रस्तुत की गई. जिसमें न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने स्टेटस रिपोर्ट मंगवाकर आगामी सुनवाई 23  सितंबर मुकर्रर की है.

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Published : Sep 18, 2019, 10:27 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 11:38 PM IST

जोधपुर. ब्रह्मपुरी, हजारी चबूतरा निवासी मुरली मनोहर ओझा की ओर से अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने एकलपीठ फौजदारी विविध याचिका प्रस्तुत कर न्यायालय को बताया कि मुरली मनोहर ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में 50 हजार रुपये की एफडी 9 अक्टूबर 2018 को करवायी, जिसकी परिपक्वता अवधि दिनांक 9 फरवरी 2024 को 1 लाख रुपये मिलने थे. इस एफडी के संबंध में आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के कर्मचारियों व एजेन्टों द्वारा याचिकाकर्ता से संपर्क कर अत्यधिक धनलाभ होने का भरोसा व विश्वास जताकर एफडी करवाई गई.

आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ याचिका

जब उसे ज्ञात हुआ कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में करोड़ों-अरबों रुपयों का घोटाला हुआ है तो इस संबंध में शाखा में बातचीत की, लेकिन किसी ने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया. एफडी परिपक्वता से पूर्व राशि लौटाने की प्रार्थना करने पर भी राशि नहीं दी गई. इस पर कानूनी नोटिस भी भिजवाया गया, लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया. उसके बाद पुलिस कमिश्नर जोधपुर को परिवाद देने पर भी एफआईआर दर्ज नहीं की गयी. वहीं, न्यायालय के आदेश पर भी कई दिन बाद दिनांक 12 जुलाई 2019 को एफआईआर मुकेश मोदी, राहुल मोदी, विवेक हरिव्यासी, विरेन्द्र मोदी, कमलेश चौधरी, ईश्वर सिंह, श्रीमती प्रियंका मोदी, वैभव लोढ़ा, समीर मोदी, रोहित मोदी, भारत मोदी, भारत दास, ललिता राजपुरोहित, विवेक पुरोहित, डायरेक्टर, प्रबंधक, संस्थापक सदस्य, शाखा प्रबंधक, एजेन्ट व अन्य के विरुद्ध दर्ज की गई.

पढ़ें : गोवा में 20 सितंबर को GST काउंसिल की बैठक...यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल करेंगे राजस्थान का प्रतिनिधित्व

जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा लगातार चक्कर काटने के बावजूद भी अनुसंधान प्रारम्भ नहीं किया गया है और न तो याचिकाकर्ता के बयान लिए गए हैं और न ही दस्तावेज प्राप्त कर अनुसंधान शुरू किया गया है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के प्रभाव में पुलिस स्वतंत्र व निष्पक्ष अनुसंधान नहीं कर रही है और न ही उनके विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई कर अनुसंधान कर रही है. याचिकाकर्ता ने मजबूर होकर आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष अनुसंधान करने के लिए दस्तावेज रिकॉर्ड पर लेकर उनके द्वारा किए गए अपराधों की विस्तृत जांच एवं कानूनी कार्रवाई हेतु याचिका दायर की है.

जोधपुर. ब्रह्मपुरी, हजारी चबूतरा निवासी मुरली मनोहर ओझा की ओर से अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने एकलपीठ फौजदारी विविध याचिका प्रस्तुत कर न्यायालय को बताया कि मुरली मनोहर ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में 50 हजार रुपये की एफडी 9 अक्टूबर 2018 को करवायी, जिसकी परिपक्वता अवधि दिनांक 9 फरवरी 2024 को 1 लाख रुपये मिलने थे. इस एफडी के संबंध में आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के कर्मचारियों व एजेन्टों द्वारा याचिकाकर्ता से संपर्क कर अत्यधिक धनलाभ होने का भरोसा व विश्वास जताकर एफडी करवाई गई.

आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ याचिका

जब उसे ज्ञात हुआ कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में करोड़ों-अरबों रुपयों का घोटाला हुआ है तो इस संबंध में शाखा में बातचीत की, लेकिन किसी ने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया. एफडी परिपक्वता से पूर्व राशि लौटाने की प्रार्थना करने पर भी राशि नहीं दी गई. इस पर कानूनी नोटिस भी भिजवाया गया, लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया. उसके बाद पुलिस कमिश्नर जोधपुर को परिवाद देने पर भी एफआईआर दर्ज नहीं की गयी. वहीं, न्यायालय के आदेश पर भी कई दिन बाद दिनांक 12 जुलाई 2019 को एफआईआर मुकेश मोदी, राहुल मोदी, विवेक हरिव्यासी, विरेन्द्र मोदी, कमलेश चौधरी, ईश्वर सिंह, श्रीमती प्रियंका मोदी, वैभव लोढ़ा, समीर मोदी, रोहित मोदी, भारत मोदी, भारत दास, ललिता राजपुरोहित, विवेक पुरोहित, डायरेक्टर, प्रबंधक, संस्थापक सदस्य, शाखा प्रबंधक, एजेन्ट व अन्य के विरुद्ध दर्ज की गई.

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जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा लगातार चक्कर काटने के बावजूद भी अनुसंधान प्रारम्भ नहीं किया गया है और न तो याचिकाकर्ता के बयान लिए गए हैं और न ही दस्तावेज प्राप्त कर अनुसंधान शुरू किया गया है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के प्रभाव में पुलिस स्वतंत्र व निष्पक्ष अनुसंधान नहीं कर रही है और न ही उनके विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई कर अनुसंधान कर रही है. याचिकाकर्ता ने मजबूर होकर आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष अनुसंधान करने के लिए दस्तावेज रिकॉर्ड पर लेकर उनके द्वारा किए गए अपराधों की विस्तृत जांच एवं कानूनी कार्रवाई हेतु याचिका दायर की है.

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Body:आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के विरूद्ध राजस्थान उच्च न्यायालय में आपराधिक याचिका दायर
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के समक्ष मुरली मनोहर ओझा द्वारा एकलपीठ फौजदारी विविध याचिका प्रस्तुत की गयी, जिसमें न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी द्वारा स्टेटस रिपोर्ट मंगवाकर, आगामी सुनवाई 23  सितंबर मुकर्रर की है। जोधपुर, ब्रह्मपुरी, हजारी चबूतरा निवासी मुरली मनोहर ओझा की ओर से अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने एकलपीठ फौजदारी विविध याचिका प्रस्तुत कर, न्यायालय को बताया कि मुरली मनोहर ने आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में 50,000/- रूपये की एफडी  09 अक्टूबर 2018 को करवायी, जिसकी परिपक्वता अवधि दिनांक 09 फरवरी 2024 को 1 लाख रुपए मिलने थे। इस एफडी के संबंध में आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के कर्मचारियों व एजेन्टों द्वारा याचि से संपर्क कर, अत्यधिक धनलाभ होने का भरोसा व विश्वास जताकर, एफडी करवायी, जब उसे ज्ञात हुआ कि आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में करोड़ो-अरबों रूपयों का घोटाला हुआ है तो इस संबंध में शाखा में बातचीत की, परन्तु किसी ने कोई प्रत्युत्तर नही दिया, एफडी परिपक्वता से पूर्व राशि लौटाने की प्रार्थना करने पर भी राशि नही दी गयी, इस पर कानूनी नोटिस भी भिजवाया गया, परन्तु उसका भी जवाब नही दिया गया, पश्चात पुलिस कमिश्नर जोधपुर को परिवाद देने पर भी एफआईआर दर्ज नही की गयी, पश्चात न्यायालय के आदेश पर भी कई दिन पश्चात दिनांक 12 जुलाई 2019 को एफआईआर  मुकेश मोदी, राहुल मोदी, विवेक हरिव्यासी, विरेन्द्र मोदी, कमलेश चौधरी, ईश्वर सिंह, श्रीमती प्रियंका मोदी, वैभव लोढा, समीर मोदी, रोहित मोदी, भारत मोदी, भारत दास, ललिता राजपुरोहित, विवेक पुरोहित, डायरेक्टर, प्रबंधक, संस्थापक सदस्य, शाखा प्रबंधक, एजेन्ट व अन्य के विरूद्ध दर्ज की गयी, जिसमें याचि द्वारा लगातार चक्कर काटने के बावजूद भी अनुसंधान प्रारम्भ नही किया गया है, न तो याचि के बयान लिये गये है, न ही दस्तावेज प्राप्त कर, अनुसंधान शुरू किया गया है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के प्रभाव में पुलिस स्वतंत्र व निष्पक्ष अनुसंधान नही कर रही है, न ही उनके विरूद्ध कोई कानूनी कार्यवाही कर, अनुसंधान कर रही है, याचिकाकर्ता  ने मजबूर होकर, आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के विरूद्ध आपराधिक कार्यवाही में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष अनुसंधान करने, दस्तावेज रिकॉर्ड पर लेकर, उनके द्वारा किये गये अपराधों की विस्तृत जांच एवं कानूनी कार्यवाही हेतु याचिका दायर की है। 


             



Bite प्रवीण दयाल दवे, अधिवक्ता याचिकाकर्ता






Conclusion:
Last Updated : Sep 18, 2019, 11:38 PM IST
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