जोधपुर. ब्रह्मपुरी, हजारी चबूतरा निवासी मुरली मनोहर ओझा की ओर से अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने एकलपीठ फौजदारी विविध याचिका प्रस्तुत कर न्यायालय को बताया कि मुरली मनोहर ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में 50 हजार रुपये की एफडी 9 अक्टूबर 2018 को करवायी, जिसकी परिपक्वता अवधि दिनांक 9 फरवरी 2024 को 1 लाख रुपये मिलने थे. इस एफडी के संबंध में आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के कर्मचारियों व एजेन्टों द्वारा याचिकाकर्ता से संपर्क कर अत्यधिक धनलाभ होने का भरोसा व विश्वास जताकर एफडी करवाई गई.
जब उसे ज्ञात हुआ कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में करोड़ों-अरबों रुपयों का घोटाला हुआ है तो इस संबंध में शाखा में बातचीत की, लेकिन किसी ने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया. एफडी परिपक्वता से पूर्व राशि लौटाने की प्रार्थना करने पर भी राशि नहीं दी गई. इस पर कानूनी नोटिस भी भिजवाया गया, लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया. उसके बाद पुलिस कमिश्नर जोधपुर को परिवाद देने पर भी एफआईआर दर्ज नहीं की गयी. वहीं, न्यायालय के आदेश पर भी कई दिन बाद दिनांक 12 जुलाई 2019 को एफआईआर मुकेश मोदी, राहुल मोदी, विवेक हरिव्यासी, विरेन्द्र मोदी, कमलेश चौधरी, ईश्वर सिंह, श्रीमती प्रियंका मोदी, वैभव लोढ़ा, समीर मोदी, रोहित मोदी, भारत मोदी, भारत दास, ललिता राजपुरोहित, विवेक पुरोहित, डायरेक्टर, प्रबंधक, संस्थापक सदस्य, शाखा प्रबंधक, एजेन्ट व अन्य के विरुद्ध दर्ज की गई.
जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा लगातार चक्कर काटने के बावजूद भी अनुसंधान प्रारम्भ नहीं किया गया है और न तो याचिकाकर्ता के बयान लिए गए हैं और न ही दस्तावेज प्राप्त कर अनुसंधान शुरू किया गया है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के प्रभाव में पुलिस स्वतंत्र व निष्पक्ष अनुसंधान नहीं कर रही है और न ही उनके विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई कर अनुसंधान कर रही है. याचिकाकर्ता ने मजबूर होकर आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष अनुसंधान करने के लिए दस्तावेज रिकॉर्ड पर लेकर उनके द्वारा किए गए अपराधों की विस्तृत जांच एवं कानूनी कार्रवाई हेतु याचिका दायर की है.