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स्पेशल रिपोर्टः नियमों में उलझी पाक विस्थापित हिंदू लड़की की पढ़ाई, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रिजेक्ट किया फार्म

2 साल पहले जोधपुर आए पाक विस्थापित चोखा कोहली ने ईटीवी भारत को बताया कि यहां आने के बाद भी मुसीबतों ने उनका साथ नहीं छोड़ा. चोखा की बेटी डमी ने जोधपुर में 11 वीं पास करने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का फॉर्म भर दिया. लेकिन अब शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा से ठीक पहले डमी के फार्म को इसलिए रिजेक्ट कर दिया. क्योंकि, डमी ने दसवीं के बोर्ड के साथ पात्रता प्रमाण पत्र नहीं लगाया.

पाक विस्थापित डमी कोहली,  Pak Displaced Dummy Kohli
पाक विस्थापित डमी कोहली
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Published : Jan 1, 2020, 5:16 PM IST

जोधपुर. पाक विस्थापितों हिंदुओं को नागरिकता देने का कानून संसद ने पास कर दिया है. लेकिन इसे लेकर अब भी देश में विरोध और समर्थन का दौर जारी है. ऐसे में जोधपुर में रहने वाले पाक विस्थापित परिवार ने ईटीवी भारत को बताया कि वो पाक से यहां तो आ गए. लेकिन यहां भी मुसीबतों ने उनका साथ नहीं छोड़ा.

पाक विस्थापित डमी का बोर्ड ने रिजेक्ट किया फार्म

पाक विस्थापित चोखा ने बताया कि 2 साल पहले अपने परिवार के साथ वो जोधपुर आए थे. उनकी बेटी डमी कोहली ने पाकिस्तान के मीरपुर खास के शिक्षा बोर्ड से दसवीं पास की थी. इसके बाद जोधपुर में सरस्वती विद्या मंदिर में उसे 11वीं क्लास में एडमिशन मिल गया. डमी कोहली डॉक्टर बनना चाहती थी, इसलिए उसने बायोलॉजी ली और 11 वीं पास करने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का फॉर्म भर दिया.

पढ़ें- 15 RAS बनेंगे IAS, नए साल में मिलेगा पदोन्नति का तोहफा

लेकिन अब शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा से ठीक पहले डमी के फार्म को इसलिए रिजेक्ट कर दिया. क्योंकि, डमी ने दसवीं के बोर्ड के साथ पात्रता प्रमाण पत्र नहीं लगाया. जबकि, वर्ष 2012 में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. जिसमें पाक विस्थापितों के शिक्षा ग्रहण करने में किसी तरह की अड़चन नहीं आए इसके लिए उनके बोर्ड सर्टिफिकेट को ही प्रमाण पत्र के तौर पर मान्य किया था.

लेकिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने डमी कोहली के मामले में हठधर्मिता दिखाते हुए इसे पूरी तरह रिजेक्ट कर दिया. जबकि, इससे पहले डमी के परिजनों और सीमांत संगठन के हिंदू सिंह सोढा ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नोटिफिकेशन सहित सभी कागजात प्रस्तुत किए. लेकिन इसके बावजूद बोर्ड ने इन्हें नहीं माना और अब डमी कोहली और उसका परिवार राज्य सरकार से गुहार लगा रहा है कि उसे परीक्षा में बैठने दिया जाए. जिससे उसका एक साल खराब ना हो.

जोधपुर. पाक विस्थापितों हिंदुओं को नागरिकता देने का कानून संसद ने पास कर दिया है. लेकिन इसे लेकर अब भी देश में विरोध और समर्थन का दौर जारी है. ऐसे में जोधपुर में रहने वाले पाक विस्थापित परिवार ने ईटीवी भारत को बताया कि वो पाक से यहां तो आ गए. लेकिन यहां भी मुसीबतों ने उनका साथ नहीं छोड़ा.

पाक विस्थापित डमी का बोर्ड ने रिजेक्ट किया फार्म

पाक विस्थापित चोखा ने बताया कि 2 साल पहले अपने परिवार के साथ वो जोधपुर आए थे. उनकी बेटी डमी कोहली ने पाकिस्तान के मीरपुर खास के शिक्षा बोर्ड से दसवीं पास की थी. इसके बाद जोधपुर में सरस्वती विद्या मंदिर में उसे 11वीं क्लास में एडमिशन मिल गया. डमी कोहली डॉक्टर बनना चाहती थी, इसलिए उसने बायोलॉजी ली और 11 वीं पास करने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का फॉर्म भर दिया.

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लेकिन अब शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा से ठीक पहले डमी के फार्म को इसलिए रिजेक्ट कर दिया. क्योंकि, डमी ने दसवीं के बोर्ड के साथ पात्रता प्रमाण पत्र नहीं लगाया. जबकि, वर्ष 2012 में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. जिसमें पाक विस्थापितों के शिक्षा ग्रहण करने में किसी तरह की अड़चन नहीं आए इसके लिए उनके बोर्ड सर्टिफिकेट को ही प्रमाण पत्र के तौर पर मान्य किया था.

लेकिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने डमी कोहली के मामले में हठधर्मिता दिखाते हुए इसे पूरी तरह रिजेक्ट कर दिया. जबकि, इससे पहले डमी के परिजनों और सीमांत संगठन के हिंदू सिंह सोढा ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नोटिफिकेशन सहित सभी कागजात प्रस्तुत किए. लेकिन इसके बावजूद बोर्ड ने इन्हें नहीं माना और अब डमी कोहली और उसका परिवार राज्य सरकार से गुहार लगा रहा है कि उसे परीक्षा में बैठने दिया जाए. जिससे उसका एक साल खराब ना हो.

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Body:जोधपुर ।पाकिस्तान से आने वाले हिंदू पाक विस्थापितों को नागरिकता देने का कानून संसद ने पास कर दिया लेकिन इसको लेकर विरोध जारी है विरोध करने वालों को शायद यह पता नहीं है बिना नागरिकता के इन विस्थापितों का जीवन कितना दूभर है ऐसी ही एक परेशानी एक बार फिर जोधपुर में 2 साल से रह रहे पाक विस्थापित चोखा के परिवार पर आई है चोखा 2 साल पहले अपने बच्चों के साथ भारत आया था उसकी बेटी डमी कोहली ने पाकिस्तान के मीरपुरखास के शिक्षा बोर्ड से दसवीं पास की थी इसके बाद जोधपुर में सरस्वती विद्या मंदिर में उसे 11वीं क्लास में एडमिशन मिल गया डॉक्टर बनना चाहती थी इसलिए साइंस बायोलॉजी ली 11 वीं पास करने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का फॉर्म भर दिया लेकिन अब शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा से ठीक पहले डमी के फार्म को इसलिए रिजेक्ट कर दिया की डमी ने दसवीं के बोर्ड के साथ पात्रता प्रमाण पत्र नहीं लगाया जबकि कायदे से वर्ष 2012 में सरकार का एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसमें पाक विस्थापितों के शिक्षा ग्रहण करने में किसी तरह की अड़चन नहीं आ सकती उनकी मार्कशीट बोर्ड प्रमाण पत्र मान्य होंगे लेकिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने डमी के मामले में हठधर्मिता दिखाते हुए इसे पूरी तरह रिजेक्ट कर दिया जबकि इससे पहले डमी उसके परिजन व लोग सीमांत संगठन के हिंदू सिंह सोढा ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नोटिफिकेशन सहित सभी कागजात प्रस्तुत किए लेकिन बोर्ड ने इन्हें नहीं माना अब डमी और उसके परिवार की राज्य सरकार से गुहार है कि उसे परीक्षा में बैठने दिया जाए जिससे कि उसका 1 साल खराब नहीं हो और वह डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा कर सके।


बाईट 1 डमी कोहली, पाक विस्थापित छात्रा
bite 2 चोखा कोहली डमी का पिता
बाईट 3 हिन्दू सिंह सोढा, समन्वयक सीमांत लोक संगठन


Conclusion:
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