जोधपुर. जालोर जिले के सुराना गांव में दिवंगत दलित बालक इंद्र कुमार मेघवाल की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में दिवंगत इंद्र कुमार के गांव पहुंचने के लिए बुधवार को जोधपुर पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को जोधपुर पुलिस ने एयरपोर्ट से (Chandrashekhar Azad stopped at Jodhpur airport) बाहर ही नहीं आने दिया. भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को करीब 4 घंटे तक जोधपुर पुलिस की ओर से एयरपोर्ट में रोकने के बाद भी जालोर नहीं जाने को लेकर मना नहीं सकी. पुलिस की पूरी मशक्कत उस समय विफल हो गई जब उसने बाहर आते ही मीडिया से कहा कि जालोर में परिवार से मिले बिना नहीं जाऊंगा.
जब चंद्रशेखर (Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad) मीडिया से बात कर रहे थे उसी समय डीसीपी ईस्ट अमृता दुहन ने बयान दिया कि चंद्रशेखर ने हमारी बात मान ली है. उनको अपनी यात्रा में परिवर्तन करने को कहा है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. उन्हें बताया कि जालोर में धारा 144 लगी हुई है. हमारा सहयोग करें. वहीं चंद्रशेखर ने कहा कि मैं गहलोत से पूछना चाहता हूं कि जब पूरी सरकार वहां जा सकती है तो मैं क्यों नहीं जा सकता?. मैं अकेला भी जाना चाहता हूं, लेकिन मुझे जाने नहीं दिया जा रहा है. भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि मैं उस परिवार से बिना मिले नहीं जाऊंगा.
हालांकि पुलिस चंद्रशेखर को जबरन एक निजी गाड़ी में बैठाकर रवाना हुई. पुलिस सूत्रों के अनुसार जोधपुर कमिश्नरेट की स्पेशल टीम उसे दिल्ली छोड़ कर आएगी. यह टीम सब इंस्पेक्टर दिनेश डांगी के नेतृत्व में गई है. बता दें कि चंद्रशेखर ने भीम आर्मी से आह्वान किया था कि 18 अगस्त को जालोर के सुराणा गांव पहुंचे, पीड़ित परिवार से मिलने के लिए वह खुद बुधवार को दिल्ली से जोधपुर के लिए रवाना हुआ.
जोधपुर से उसे जालोर जाना था, उसे लेने के लिए एयरपोर्ट पर कई समर्थक भी आ गए थे. लेकिन पुलिस ने पहले ही पहुंच कर सभी को भगा दिया और प्लेन से उतरते ही चंद्रशेखर को एयरपोर्ट में पर रोक लिया. बता दें कि जालोर के सुराना में दलित छात्र इंद्र कुमार की मौत के बाद से परिजनों से मिलने के लिए पक्ष व विपक्ष के लोग आ रहे हैं. इस दौरान चंद्रशेखर ने भी आने की घोषणा की थी.
मीडिया से बचाने की मशक्कतः दरअसल चंद्रशेखर को बाहर निकालने से पहले डीसीपी मीडिया के सामने आई थी. उन्होंने अपना बयान देना शुरू किया, उसी समय पुलिस की एक टीम उसे दूसरे गेट से लेकर बाहर निकली. जिससे वह मीडिया से बात नहीं कर सके. लेकिन पुलिस की प्लानिंग फेल हो गई. चंद्र शेखर अपने बैग के साथ धीरे धीरे बाहर निकला तो मीडिया की नजर पड़ गई. चंद्रशेखर ने जैसे ही बोलना शुरू किया तो पुलिस उसे जबरदस्ती गाड़ी में डालने की मशक्कत करने लगी. जब उसने कहा की वह परिवार से मिले बिना नहीं जाएगा तो उसे गाड़ी में डाल दिया. इस बीच सोशल मीडिया में चंद्रशेखर को जोधपुर पुलिस की ओर से गिरफ्तार (chandrashekhar arrest news on social media) किए जाने की खबरें भी आ रही हैं. फिलहाल पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है क्योंकि जोधपुर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए अब अगली फ्लाइट गुरुवार सुबह ही है.
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आजाद ने किया था 18 अगस्त को लोगों को जालोर पहुंचने का एलान
जालोर प्रकरण को लेकर चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर लोगों से आह्वान किया था कि 18 अगस्त को जालोर पहुंचे तो खुद ही वह वहां पहुंच रहे हैं. गुरुवार को जालौर के सुराना में बड़ा प्रदर्शन रखा गया था जिसमे भाग लेने वह आज दिल्ली से जोधपुर पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट बिल्डिंग से ही बहार नहीं निकलने दिया.
जोधपुर के अधिकारी तैनात सुराना में
सुराना गांव में इस प्रकरण के बाद से पुलिस का जाप्ता तैनात है. बाहरी लोगों की आवाजाही देखते हुए जोधपुर के अधिकारियों को पुलिस ने वहां तैनात किया है. इनमें ग्रामीण एएसपी सुनील कुमार, जोधपुर एसीपी मांगीलाल राठौड़, जोधपुर रेंज पुलिस उपाधीक्षक पुष्पेंद्र वर्मा, हिमांशु जांगिड़, बालोतरा से नितेश आर्य को लगाया है. आईजी पी रामजी लगातर मॉनिटरिंग कर रहे हैं.