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जोधपुरः नाबालिग को भगाकर ले जाने के आरोपी की जमानत खारिज

नाबालिग को भगाकर ले जाने के आरोपी युवक को जिला एवं सत्र न्यायाधीश जोधपुर ग्रामीण की अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया. बता दें कि आरोपी ने न्यायिक अभिरक्षा के दौरान अपने अधिवक्ता के जरिए जमानत याचिका पेश की थी.

जोधपुर ग्रामीण अदालत , Jodhpur Rural Court
नाबालिग को भगाकर ले जाने के आरोपी की जमानत खारिज
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Published : Apr 24, 2020, 8:48 PM IST

जोधपुर. नाबालिग को भगाकर ले जाने के आरोपी युवक को जिला एवं सत्र न्यायाधीश जोधपुर ग्रामीण की अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया. डीजे ग्रामीण बृजेश पंवार की अदालत में आरोपी की ओर से पेश किए गए जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया गया.

नाबालिग को भगाकर ले जाने के आरोपी की जमानत खारिज

मामले के अनुसार आरोपी ने 21 फरवरी 2020 को नाबालिग को जबरन भगाकर ले गया था, जिस पर नाबालिग के पिता ने आरोपी के खिलाफ बोरून्दा थाने में धारा 363, 366 भादस के तहत मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नाबालिग को दस्तयाब करने के साथ ही आरोपी को 6 मार्च 2020 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवा दिया.

पढ़ें- 'हम हैं हिंदुस्तानी' गाने से MDM अस्पताल के कर्मवीरों की होती है सुबह...'भारत माता की जय' बोलकर मैदान में उतरते हैं योद्धा

आरोपी ने न्यायिक अभिरक्षा के दौरान अपने अधिवक्ता जीएल कंसारा के जरिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जमानत के लिए जमानत याचिका पेश की, जिस पर अपर लोक अभियोजक किशनलाल गेवा ने कोर्ट के आदेश से बोरून्दा थाने से केस डायरी कोर्ट में तलब करवाई. केस डायरी के तथ्यों को देखते हुए प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि युवती स्वयं अपनी इच्छा से आरोपी के साथ गई थी.

मामले में अपर लोक अभियोजक किशनलाल गेवा ने कहा कि नाबालिग ने सीआरपीसी 164 के बयान में जबदस्ती जैसी किसी भी घटना से इंकार किया है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आरोपी की जमानत देने से इंकार कर दिया और आवेदन खारिज कर दिया.

जोधपुर. नाबालिग को भगाकर ले जाने के आरोपी युवक को जिला एवं सत्र न्यायाधीश जोधपुर ग्रामीण की अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया. डीजे ग्रामीण बृजेश पंवार की अदालत में आरोपी की ओर से पेश किए गए जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया गया.

नाबालिग को भगाकर ले जाने के आरोपी की जमानत खारिज

मामले के अनुसार आरोपी ने 21 फरवरी 2020 को नाबालिग को जबरन भगाकर ले गया था, जिस पर नाबालिग के पिता ने आरोपी के खिलाफ बोरून्दा थाने में धारा 363, 366 भादस के तहत मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नाबालिग को दस्तयाब करने के साथ ही आरोपी को 6 मार्च 2020 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवा दिया.

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आरोपी ने न्यायिक अभिरक्षा के दौरान अपने अधिवक्ता जीएल कंसारा के जरिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जमानत के लिए जमानत याचिका पेश की, जिस पर अपर लोक अभियोजक किशनलाल गेवा ने कोर्ट के आदेश से बोरून्दा थाने से केस डायरी कोर्ट में तलब करवाई. केस डायरी के तथ्यों को देखते हुए प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि युवती स्वयं अपनी इच्छा से आरोपी के साथ गई थी.

मामले में अपर लोक अभियोजक किशनलाल गेवा ने कहा कि नाबालिग ने सीआरपीसी 164 के बयान में जबदस्ती जैसी किसी भी घटना से इंकार किया है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आरोपी की जमानत देने से इंकार कर दिया और आवेदन खारिज कर दिया.

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