जोधपुर. नकली घी-तेल को शुद्ध बताकर बेचने का कारोबार करने वाले चार आरोपियों को अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-4 जोधपुर महानगर की पीठासीन अधिकारी डॉ. मनोज जोशी ने जमानत देने से इनकार कर दिया. आरोपी दिनेश पुत्र हरकचंद, संजय पुत्र हरकचंद, हितेश व ओम प्रकाश की ओर से जमानत आवेदन पेश किया गया था, जिस पर सुनवाई के बाद जमानत आवेदन खारिज कर दिया गया.
मामले के अनुसार 24 जून, 2020 को महामंदिर थाना पुलिस निरीक्षक सुमेरदान को मुखबिर से सूचना मिली थी, जिस पर मय जाप्ता पुलिस ने नवरतन चौरडिया के मकान पर दबिश दी. जहां आरोपियों को नकली घी-तेल का कारोबार करते पाया गया. आरोपी नकली घी-तेल को बेचकर आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ और धोखाधड़ी कर रहे थे. जिस पर पुलिस ने अपराध अन्तर्गत धारा 272, 273, 420 के तहत मामला दर्ज कारवाई शुरू की.
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वहीं आरोपियों के अधिवक्ता ने कहा कि प्रार्थीगण निर्दोष हैं. धारा 420 भादस का अपराध बनना नहीं पाया जाता है और अधिकतम धारा 272, 273 भादस का अपराध है, जो कि जमानतीय अपराध है.
एक अन्य मामले में आरोपी की जमानत खारिज
वहीं अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-5 जोधपुर महानगर की पीठासीन अधिकारी श्वेता शर्मा ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत धारा 9 और 51 के आरोपी केहरनाथ को जमानत देने से इनकार कर दिया है. मामले के अनुसार आरोपी के विरुद्ध क्षेत्रीय वन अधिकारी, वन्य जीव उड़न दस्ता जोधपुर प्रभाग की ओर से एफआईआर पेश की गई थी. दोनों आरोपी के पास मृत पाटागोह, एक जिंदा तीतर और प्लास्टिक का जाल बरामद हुआ था. कोर्ट ने जमानत आवेदन पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया.