जोधपुर. गृहनगर में लोगों से रूबरू मुख्यमंत्री गहलोत (Ashok Gehlot In Jodhpur) ने अपने दायित्वों का बोध कराया और इसके साथ ही राज्य की पॉलिटिक्स में ही रत रहने का संदेश दे दिया. जोधपुरवासियों से मुखातिब सीएम ने अपने कार्यों का बखान किया और राजनैतिक विरोधियों के बहाने केन्द्र को निशाने पर लिया. चिरंजीवी योजना को दुनिया की सबसे बड़ी योजना करार दिया. दोहराया कि लोक कल्याण के लिए योजना बनाई गई है. कहा कि हर घर को सहायता मिलनी चाहिए. साथ ही अपनी पीठ थपथपाते हुए दावा किया कि उनकी कलम हर गरीब और ढाणी के लिए चलती है.
अंतिम सांस तक राजस्थान: मंगलवार को बेरी गंगा वनखंड में पद्मश्री स्व. कैलाश सांखला स्मृति वन क्षेत्र में लवकुश वाटिका और बॉटैनिकल पार्क के शिलान्यास समारोह में गहलोत ने कहा कि मैं अपनी अंतिम सांस तक राजस्थान और जोधपुर वासियों की सेवा करता रहूंगा. ये कहकर गहलोत ने एक बार फिर उनके कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की बातों का अपने तरीके से खंडन किया है. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा सोचता हूं कि जनता का भला कैसे कर सकें. हर वर्ग सशक्त करने का काम कर रहे हैं लेकिन सरकार बदलने से काम रुक जाता है. लोकतंत्र में सरकार बदलती है लेकिन किसी सरकार का काम रोकना गलत हैं. रिफाइनरी काम रोकने के लागत बढ़ गई. रिफाइनरी के साथ पेट्रोकेमिकल हब भी तैयार होगा.
केंद्र से लड़ते रहेंगे: गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी का वादा प्रधानमंत्री ने किया था हम कह रहे हैं उनको वादा पूरा करो. उनको करना ही होगा. हमने अपने स्तर पर काम करवाने का निर्णय ले लिया लेकिन केंद्र सरकार कह रही है काम बंद कर दो. गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम लिए बगैर कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि वे राजस्थान से मंत्री होकर काम रोकने का कैसे कह सकते हैं. हमने कहा कि पानी राज्य का विषय है. ईआरसीपी का निर्णय हमने कर लिया है. हम काम नहीं रोकेंगे. हम अपने अधिकारों के लिए केंद्र सरकार से लड़ते रहेंगे लेकिन मोदी जी से वादा निभाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.
इको टूरिज्म पर जोर: गहलोत ने कहा कि हम बीस करोड़ की लागत से ये वन विकसित कर रहे हैं. 250 हैक्टेयर में बन रहा है. यहां बीस हैक्टेयर में लवकुश वाटिका और बॉटैनिकल गार्डन भी बन रहा है.इसी तरह से कायलाना में भी लवकुश वाटिका बन रही है. जो वन क्षेत्र बन रहा है वो इको टूरिज्म बढ़ाएगा. हमने बजट घोषणा कर इसको शुरू करवाया है. जिसका महत्व समझा जा सकता है. मुझे आशा है कि सात आठ माह में तैयार हो जाएगा. जिसके बाद टूरिस्ट आने से नया पर्यटन केंद्र होगा.
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इंदिरा गांधी और सांखला को किया याद: सीएम ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद किया. कहा कि पर्यावरण पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. संतुलन बिगड़ रहा है. ग्लोबल वार्मिंग हो रही है. तापमान बढ़ रहा है. इंदिरा गांधी ने सबसे पहले इस खतरे को पहचाना था. उस समय वो पर्यावरण की बात करती थी. कैलाश सांखला वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में एक्सपर्ट थे. उनकी क्षमता को इंदिरा गांधी ने पहचाना था. जब टाइगर लुप्त हो रहे थे तब प्रोजेक्ट टाइगर शुरू कराया. इंदिरा गांधी ने उन्हें प्रोजेक्ट का पहला डायरेक्टर बनाया था. आज उनकी वजह से देश में टाइगर की संख्या बढ़ी है. राजस्थान में ही सौ टाइगर हैं. प्रकृति से छेड़छाड़ मनुष्य के लिए सही नहीं है.
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वन विभाग से बोले लोगों को तंग करते हो: अपने उद्बोधन के दौरान गहलोत ने चुटकी लेते हुए वन विभाग के अधिकारियेां से कहा कि हमारा मानना है कि आप लोगों को तंग बहुत करते हो लेकिन यह आपका काम है. वनों की रक्षा करना. जिससे पर्यावरण सुरक्षित रह सके अन्यथा कुछ नहीं बचेगा. सबका संकल्प वनों की रक्षा करने का होना चाहिए. प्रभारी मंत्री ने कहा कि पहाड़ों के बीच विकसित होने वाले स्मृति वन और बॉटैनिकल पार्क जोधपुर शहर के लिए बड़ी सौगात साबित होगा. यहां विभिन्न प्रजाति के 1100 पौधे लगाए जा रहे हैं.
हेमाराम ने गहलोत को सराहा: पायलट गुट से वनमंत्री बने हेमाराम चौधरी ने राज्य स्तरीय वन समारोह में जमकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि मेरे विभाग के लिए जो भी काम था उसे उन्हेांने तुरंत मंजूरी दी. उनके नेतृत्व में हम सदा प्रगति करेंगे. प्रदेश को तीसरी बार उनका नेतृत्व मिला है. प्रदेश लगातार तरक्की करता रहेगा. चौधरी ने कहा कि सीएम साहब ने इस विभाग के लिए जो काम किए हैं वे बेमिसाल हैं. लोगों को इस विभाग के महत्व का पता नहीं है. मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारा विभाग उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा. हमारे सुनहरे भविष्य के लिए पेड़ पौधे बहुत जरूरी हैं. समाज के लोगों ने इसके लिए अपने प्राण भी दिए हैं. खेजडली इसका उदाहरण है. पेड़ पौधे और पर्यावरण हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है. इनका संरक्षण आवश्यक है.