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जोधपुर: NHM के सविंदाकर्मियों की हड़ताल से आशा सहयोगिनी की बढ़ी परेशानी

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Published : Sep 10, 2020, 4:54 PM IST

जोधपुर में गुरुवार को आशा सहयोगिनी संघ की ओर से जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर संविदाकर्मियों का अवकाश खत्म करवाने की गुहार की गई है. दरअसल, फिल्ड में काम करने वाली आशा सहयोगिनियों के काम का इंद्राज कम्प्यूटर में नहीं होने से उनको मिलने वाले मानदेय का संकट खड़ा हो गया है.

जोधपुर समाचार, jodhpur news
सविंदाकर्मियों की हड़ताल से आशा सहयोगिनी की बढ़ी परेशानी

जोधपुर. चिकित्सा विभाग में संविदा पर कार्यरत एनएचएम के कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के 15 दिन हो चुके हैं. लेकिन अभी तक सरकार की ओर से उनका अवकाश खत्म करने को लेकर कोई पहल नहीं हुई है. अब दूसरी ओर इन संविदाकर्मियों के काम पर नहीं आने से स्वास्थ्य विभाग के काम प्रभावित हो रहे हैं. इसको लेकर गुरुवार को आशा सहयोगिनी संघ की ओर से जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर संविदाकर्मियों का अवकाश खत्म करवाने की गुहार की गई है.

सविंदाकर्मियों की हड़ताल से आशा सहयोगिनी की बढ़ी परेशानी

बता दें कि फिल्ड में काम करने वाली आशा सहयोगिनियों के काम का इंद्राज कम्प्यूटर में नहीं होने से उनको मिलने वाले मानदेय का संकट खड़ा हो गया है. ये सब हेल्थ मैनेजर कंप्यूटर ऑपरेटर और सुपरवाइजर जैसे कार्मिकों के नहीं होने की वजह से हुआ है.

पढ़ें- 21 सितंबर से होगी JNVU के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की परीक्षा, तैयारियां शुरू

आशा सहयोगिनी सुनीता प्रजापत ने बताया कि 7 महीने से वह कोरोना के लिए फील्ड ड्यूटी कर रही है. लेकिन उन्हें अभी तक सिर्फ हजार रुपए ही दिए गए हैं. उनके काम की एंट्री होने के बाद ही उनके लिए मांगे जारी होती है और अब यह काम करने वाले कर्मचारी अवकाश पर चले गए हैं, इससे उनको परेशानी हो रही है.

उन्होंने बताया कि वह महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन कार्यरत है, जहां से प्रतिमा सिर्फ 27 सौ रुपए वेतन मिलता है. इसके अलावा उन्हें स्वास्थ्य विभाग भी काम में ले रहा है, लेकिन इसके एवज में कोई निश्चित राशि नहीं दी जाती है. जितना काम किया जाता है, उसके आधार पर भुगतान किया जा रहा है.

जोधपुर. चिकित्सा विभाग में संविदा पर कार्यरत एनएचएम के कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के 15 दिन हो चुके हैं. लेकिन अभी तक सरकार की ओर से उनका अवकाश खत्म करने को लेकर कोई पहल नहीं हुई है. अब दूसरी ओर इन संविदाकर्मियों के काम पर नहीं आने से स्वास्थ्य विभाग के काम प्रभावित हो रहे हैं. इसको लेकर गुरुवार को आशा सहयोगिनी संघ की ओर से जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर संविदाकर्मियों का अवकाश खत्म करवाने की गुहार की गई है.

सविंदाकर्मियों की हड़ताल से आशा सहयोगिनी की बढ़ी परेशानी

बता दें कि फिल्ड में काम करने वाली आशा सहयोगिनियों के काम का इंद्राज कम्प्यूटर में नहीं होने से उनको मिलने वाले मानदेय का संकट खड़ा हो गया है. ये सब हेल्थ मैनेजर कंप्यूटर ऑपरेटर और सुपरवाइजर जैसे कार्मिकों के नहीं होने की वजह से हुआ है.

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आशा सहयोगिनी सुनीता प्रजापत ने बताया कि 7 महीने से वह कोरोना के लिए फील्ड ड्यूटी कर रही है. लेकिन उन्हें अभी तक सिर्फ हजार रुपए ही दिए गए हैं. उनके काम की एंट्री होने के बाद ही उनके लिए मांगे जारी होती है और अब यह काम करने वाले कर्मचारी अवकाश पर चले गए हैं, इससे उनको परेशानी हो रही है.

उन्होंने बताया कि वह महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन कार्यरत है, जहां से प्रतिमा सिर्फ 27 सौ रुपए वेतन मिलता है. इसके अलावा उन्हें स्वास्थ्य विभाग भी काम में ले रहा है, लेकिन इसके एवज में कोई निश्चित राशि नहीं दी जाती है. जितना काम किया जाता है, उसके आधार पर भुगतान किया जा रहा है.

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