जोधपुर. नाबालिग के साथ यौन शोषण के आरोप में जिले के केंद्रीय कारागार में आजीवन सजा काट रहे आसाराम (asaram supporters queue outside the Jodhpur jail) के साधक बुधवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी संख्या में सेंट्रल जेल के बाहर एकत्र हो गए. देश के अलग-अलग राज्यों से आए आसाराम के साधकों का कहना है कि हमने कई वर्षों से आसाराम को अपना गुरु बना रखा है. ऐसे में गुरु पूर्णिमा पर उनका आशीर्वाद आवश्यक है इसलिए आए हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें जेल दूर धकेल दिया है.
करीब सौ मीटर की दूरी पर आसाराम के साधक जमे हुए हैं. उन्हें उम्मीद है की आसाराम यहां से गुजरेंगे. जबकि आज आसाराम को जेल से बाहर लाने का कोई शेड्यूल अभी तक सामने नहीं आया है. वर्तमान में आसाराम को सिर्फ स्वास्थ्य जांच के लिए ही बाहर लाया जाता है. न्यायालय से सजा मिलने के बाद कोर्ट की पेशी भी बंद हो गई है. हाईकोर्ट में मामले में सुनवाई चल रही है जहां आरोपी को नहीं बुलाया जाता है. 2013 में आसाराम को अपने आश्रम की नाबालिग शिष्य के साथ यौन शोषण के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद से आसाराम जोधपुर जेल से बाहर नहीं आ पाया है. उसे एक बार भी जमानत नहीं मिली थी.
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आश्रम में ही हैं षड्यंत्रकारी
हिंदू सेना ने एक बार फिर आसाराम की लीगल टीम और आश्रम का वर्तमान में संचालन करने वाले लोगों के खिलाफ मोर्चा खोला है. सेना के राष्ट्रीय सचिव बमबम ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि आश्रम के कुछ लोग नहीं चाहते कि आसाराम बाहर आएं. आसाराम को अलग-अलग मामलों में फंसा रखा है. हमारी मांग है कि मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए और आसाराम को रिहा किया जाय.