जोधपुर. जिले में कोरोना के मामलों में कमी आई है, लेकिन इसके साथ-साथ जांच भी कम हो गई है. जिससे कोरोना के मामले कम आ रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र अभी भी प्रशासन के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कई जगह पर जांच से नहीं हो रही है और न ही टीकाकरण हुआ है. ऐसे में कोरोना संक्रमण को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए अब रेपिड एंटीजन टेस्ट शुरू किए जा रहे हैं. इसके लिए जोधपुर को 5000 किट आवंटित किए गए हैं.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा का कहना है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट की प्रमाणिकता शत प्रतिशत नहीं है, लेकिन इसके बावजूद इसका उपयोग किया जाएगा, जिससे जहां भी संक्रमित व्यक्ति सामने आता है, तो उसे तुरंत आइसोलेट किया जा सके. इससे कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में आसानी मिलेगी. इसके अलावा दूरदराज के क्षेत्रों में कुल संक्रमण की भी पहचान हो सकेगी. जिला प्रशासन के निर्देश पर इसे क्रियान्वयन किया जाएगा.
वहीं विभाग के सूत्रों की माने तो जिले के फलोदी क्षेत्र के ऐसे कस्बे जहां लोग कोरोना सैंपल देने से कतराते हैं, वहां रक्त जांच के आधार पर इस टेस्ट का प्रयोग किया जाएगा. इसके अलावा क्षेत्र में जहां पर भी कोरोना के नमूने लिए जा रहे हैं, उनकी जांच रिपोर्ट तीन से चार दिन के बाद मिल रही है. इस दौरान संक्रमण लगातार फैलता रहता है, इसे रोकने के लिए भी इस टेस्ट किट का उपयोग किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि जिले के फलोदी, बाप क्षेत्र में दूरदराज के इलाकों में आज भी टेस्टिंग नहीं हो रही है, इसके अलावा टीकाकरण का भी टोटा बना हुआ है. कुछ इलाकों में ग्रामीण खुद इनसे परहेज कर रहे हैं, जो प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.