जोधपुर. प्रदेश के सभी जेलों में कोरोना के कारण बंदियों और परिजनों की फेस टू फेस मुलाकात 11 महीने बाद मंगलवार से शुरू हो गई है. जोधपुर जेल में मंगलवार को कुल 21 बंदियों को अपने परिजनों से मिलने का मौका मिला.
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जोधपुर जेल अधीक्षक ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि जेल डीजी राजीव दासोत के निर्देश पर यह व्यवस्था पुन: बहाल की गई है, लेकिन इसमें कोरोना की गाइडलाइन की पालना अनिवार्य रखी गई है. जिसके चलते विचाराधीन बंदी जो पहले हर सात दिन में अपने परिजनों से मुलाकात कर सकते थे, उन्हें अब 15 दिन में एक बार अपने अपने परिजनों से मिलने व सजायाफ्ता बंदी को अब 15 दिन के बजाय एक माह से उसके परिजनों से मिल सकेगा. उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से गाइडलाइन की पालना हो सकेगी और एक निश्चित अंतराल में सभी बंदियों को परिजनों से मिलने का मौका मिल सकेगा.
घट गया मुलाकात का समय
जेल अधीक्षक ओमप्रकाश शर्मा के अनुसार पूर्व में मुलाकात का समय 45 मिनट था, लेकिन अब कोविड के चलते इस घटा दिया गया है. मंगलवार से जो व्यवस्था लागू की गई है उसमें एक बंदी अपने परिजन से 15 मिनट ही मिल सकता है. यह व्यवस्था अगले आदेशों तक लागू रहेगी.
कोरोना में थी ऑनलाइन मुलाकात
कोरोना काल में जिन जेलों में वीडियो कॉलिंग की सुविधा थी, वहां आवश्यकता होने पर बंदियों को इसके मार्फत परिजनों से बात करवाई जाती थी. इसके अलावा इस दौरान फोन पर भी बात करने का समय तय किया गया था.