जोधपुर/भरतपुर. भरतपुर भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय (Bharatpur Anti-Corruption Court) के विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह को राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने एक आदेश जारी करते हुए निलंबित कर दिया है. जितेंद्र सिंह पर सामूहिक कुकर्म और पॉक्सो एक्ट के अन्तर्गत भरतपुर के मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज होने के बाद उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए जितेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया. वहीं, जितेन्द्र सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.
वहीं, मामले में गहलोत सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. गृह विभाग ने पीड़ित को धमकाने वाले पुलिस उप अधीक्षक परमेश्वर लाल यादव को सस्पेंड कर दिया है.
जांच प्रभावित होने की आंशका के चलते किया गया निलंबित
गृह विभाग की ओर से जारी किए गए सस्पेंशन ऑर्डर में कहा गया है कि उप अधीक्षक परमेश्वर लाल यादव के खिलाफ पुलिस भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भरतपुर में विभागीय जांच की कार्रवाई की जा रही है. कार्रवाई में यादव अपने पद पर कार्य करते हैं तो जांच प्रभावित होने की आंशका है. इसको देखते हुए प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार परमेश्वर लाल को विभागीय जांच कार्रवाई लंबित रखते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने के आदेश जारी किए हैं. परमेश्वर लाल यादव निलंबन अवधि में मुख्यालय कार्यालय महानिरीक्षक पुलिस रेंज, भरतपुर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.
खेल के मैदान पर 'गंदा खेल'
पीड़ित बच्चे की मां का आरोप है कि उसका बेटा 7वीं कक्षा का विद्यार्थी है, उसकी उम्र 14 वर्ष है. वह भरतपुर शहर की एक कॉलोनी स्थित एक खेल मैदान में खेलने जाता था. वहीं पर विशेष न्यायाधीश विजिलेंस जितेंद्र गुलिया और उसके 2 साथी भी आते थे. यहीं पर न्यायाधीश और उसके दो अन्य साथी करीब एक महीने से बच्चे के साथ यौन दुराचार कर रहे थे.
बच्चे को शराब पिलाकर करते थे 'बुरा बर्ताव'
पीड़ित की मां ने आरोप लगाया कि आरोपी बच्चे को घर ले जाकर जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाते थे, बाद में वे उसे शराब पिलाने लगे. नशे की हालत में नाबालिक बच्चे के साथ आरोपी न्यायाधीश गुलिया और उसके दो साथी कुकर्म करते थे.
जान से मरवाने की धमकी दी...
बच्चे की मां का आरोप है कि आरोपियों की ओर से उसे जान से मारने की धमकी दी गई. पीड़ित के परिजनों ने एसीबी सीओ परमेश्वर लाल यादव और न्यायाधीश के स्टेनो अंशुल सोनी पर भी धमकाने के आरोप लगाए हैं. मथुरा गेट थाना प्रभारी रामनाथ ने बताया कि पीड़ित की मां की शिकायत पर आज पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की पड़ताल की जा रही है. मामला दर्ज कराने के दौरान मथुरा गेट थाने पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष गंगाराम पाराशर एवं समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे.
कब-क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम
28 अक्टूबर को शाम 4 बजे जज जितेंद्र बच्चे को घर छोड़ने आया. उस दौरान पीड़ित की मां ने जज को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देख लिया. मां के सामने बच्चे ने यौन दुराचार के सिलसिले की बात बताई. 29 अक्टूबर को पीड़ित की मां ने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, जिस पर जज जितेंद्र गुलिया, अंशुल सोनी, राहुल कटारा, एसीबी सीओ पीएल यादव और पुलिस कर्मी पीड़ित बच्चे के घर आए और बच्चे को जज साहब के घर भेजने का दबाव डालने लगे. नहीं भेजने पर जेल में सड़वाने की धमकी दी. 29 अक्टूबर की रात को जज जितेंद्र का पीड़ित की मां के पास फोन पहुंचा और पीड़ित की मां को धमकाने की कोशिश की. पीड़ित की मां ने जब बताया कि बच्चे ने पूरी घटना उसे बता दी है, तो जज ने फोन काट दिया. 30 अक्टूबर को दोपहर 11.55 बजे जज जितेंद्र, राहुल कटारा और अंशुल सोनी घर आए और बच्चे के साथ किए कुकर्म के लिए माफी मांगी.