जोधपुर. जिले में बीते 23 दिनों में ही दस वर्ष तक कि उम्र के 648 बच्चे कोरोना के पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. रविवार को 37 बच्चे पॉजिटिव मिले. इनमें ज्यादातर में लक्षण नहीं मिले. ऐसे में उनका घरों पर ही उपचार जारी है.
बीते डेढ़ महीने में 900 से अधिक बच्चों को कोरोना संक्रमण हुआ है. जोधपुर के स्वास्थ विभाग एवं मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों में यह हकीकत सामने आई है. हालांकि विभाग और प्रशासन का कोई भी अधिकारी आंकड़ों को लेकर अपनी बात नहीं कह रहा है. लेकिन उनका यह कहना है कि हम तीसरी लहर के लिए तैयार हैं. मेडिकल कॉलेज से संबंध मथुरादास माथुर अस्पताल के अधीक्षक डॉ एमके आसेरी का कहना है कि फिलहाल बहुत कम बच्चे भर्ती हो रहे हैं, इक्का-दुक्का बच्चे भर्ती होते हैं. उनमें भी ज्यादातर परिवार के सदस्य मां और अन्य के पॉजिटिव होने पर वे संक्रमण का शिकार हो रहे हैं.
इसके अलावा संक्रमित मां से जन्म लेने वालों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. घर से कोई अभी गम्भीर हालात में बच्चे नहीं आए हैं. कोरोना के चलते 2 नवजात की मृत्यु भी हुई है लेकिन उनके अलग चिकित्सकीय कारण है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसएस राठौड़ का कहना है कि सरकार से हमें बजट प्राप्त हुआ है और हम 1 महीने के अंदर सभी अस्पतालों में बच्चों के लिए आईसीयू तैयार कर देंगे. अलग से वेंटिलेटर भी खरीदे जा रहे हैं.
10 से 20 वर्ष आयु वर्ग की संख्या भी ज्यादा
सरकार 18 वर्ष से कम उम्र के पॉजिटिव को बच्चों के वर्ग में मानती है. मेडिकल कॉलेज में बीते 2 माह में 900 से ज्यादा मामले इस वर्ग के आये हैं. जबकि 10 से 20 वर्ष की उम्र के संक्रमितों की संख्या 5 हजार के पार है. इसमे भी 10 से 17 वर्ष तक के संक्रमित बड़ी संख्या में चिन्हित हुए थे. जो ज्यादातर ठीक हो चुके हैं. तीसरी लहर से पहले ही यह डरावने संकेत है.
प्रसाशन की नजर ट्रेंड पर
जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह का कहना है कि बच्चों में इंफेक्शन के मामले के हम सभी ट्रेंड पर नजर रख रहे हैं. राजस्थान के प्रत्येक जिले से कोर्डिनेट कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य स्टेट में जो कुछ चल रहा है उस पर भी हमारी नजर है. फिलहाल हमारे यहां कोई ऐसा मामला नहीं आया है कि गंभीर अवस्था में किसी बच्चे को ऑक्सीजन देनी पड़ी हो. हमने सभी शिशु रोग विशेषज्ञों को भी इस पर नजर रखने का है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में जो सर्वे होते हैं उसमें ब्लैक फंगस के साथ-साथ बच्चों की आईएलआई जांच के निर्देश दिए गए हैं.
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फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स हेल्थ वर्कर्स को दिहाड़ी से कम मानदेय
महिला हेल्थ वर्कर्स स्थाई नियुक्ति के लिए कई सालों से संघर्षरत हैं. इसे लेकर राजस्थान एनएचएम संविदा एनएनएम यूनियन की पदाधिकारियों ने सीएम के नाम का ज्ञापन एडीएम प्रथम एमएल नेहरा को सौंपा. जोधपुर शहर की जिलाध्यक्ष निरमा चौधरीस ने बताया कि फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स हेल्थ वर्कर का प्रतिनिधि मंडल जिला अध्यक्ष नीतू चौधरी के नेतृत्व में विरोध जताया. सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि समान काम समान वेतन संविदा कर्मियों को स्थाई करने और पदनाम बदलकर पब्लिक हेल्थ ऑफिसर किया जाए. चार साल से इन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है.
बाड़मेर : कोविड सुरक्षा किट वितरित
बाड़मेर में कांग्रेस नेता आजाद सिंह राठौड़ की ओर से सोमवार को राजस्थान पुलिस और गृह रक्षा दल के अधिकारियों के जवानों एवं बाड़मेर ब्लॉक के शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को कोविड सुरक्षा किट वितरित किए गए. राठौड़ ने बताया कि अब तक के बाड़मेर के सबसे बड़े एवं सघन कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के तहत बाड़मेर शहर व आसपास के इलाकों में 20 हजार कोविड सुरक्षा किट का वितरण किया जा रहा है. इस किट में एक परिवार के लिए पर्याप्त फेस मास्क और सैनिटाइजर हैं.