जोधपुर. सामान्य तौर पर नवजात का अधिकतम वजन साढ़े 3 किलो तक रहता है. वहीं 12 जनवरी को जोधपुर के रेलवे अस्पताल में एक महिला ने 5 किलो वजनी शिशु को जन्म दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के नवजात हजारों में इक्का-दुक्का होते हैं. रेलवे अस्पताल की डॉक्टर नेहा तिवारी तिवारी का कहना है कि बच्चे के ज्यादा वजन होने का कारण उसकी मां की डायबिटीज होना है.
बच्चे की मां सोनी डायबिटीज पेशेंट है, लेकिन पूरी प्रेगनेंसी के दौरान उनके डायबिटीज डाइट कंट्रोल रहे. सिजेरियन डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. फिलहाल घर वालों ने बच्चे का नाम नहीं रखा है, लेकिन अस्पताल का स्टाफ उसे लड्डू गोपाल कहकर पुकारता है. बच्चे के पिता जोधपुर रेलवे में डीजल शेड के मैकेनिक है.
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मूलत बिहार निवासी देवानंद हेल्दी बच्चे को पाकर काफी खुश है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर का कहना है कि सामान्यतः जो बच्चे जन्म लेते हैं, उनका अधिकतम वजन साढ़े 3 किलो होता है. कुपोषण और अन्य खामियों के चलते 25 से 30 फीसदी बच्चे इससे भी कम वजन के साथ जन्म लेते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अधिक वजन के साथ जन्म लेने से किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है, न ही यह कोई चिंता की बात है.