जोधपुर. चीन के साथ उपजे सीमा विवाद के बाद भारत द्वारा चीन को आर्थिक झटका देने के लिए उठाए कदमों का असर सामने आने लगा है. हाल ही में सरकार ने चीन के हैंडीक्राफ्ट और फर्नीचर पर 25 फीसदी इंपोर्ट डंपिंग ड्यूटी लगा दी है.
व्यवसायियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने चाइनिज फर्नीचर पर 25 फीसदी डंपिंग ड्यूटी लगाई है. इसका फायदा स्थानीय हैंडीक्राफ्ट इकाइयों को मिलेगा. क्योंकि चीन से आने वाला फर्नीचर बाजार में भारतीय फर्नीचर और हैंडीक्राफ्ट के मुकाबले महंगा होगा. जबकि इससे पहले तक भारतीय हैंडीक्राफ्ट महंगा होता था.
यहीं कारण था कि हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी अपनी लागत कम करने के लिए सहायक सामग्री चीन से मंगवाते थे. लेकिन अब चीन के साथ हुए तनाव के बाद उन्हें भारत या अन्य देशों में निर्मित सहायक सामग्री लेनी पड़ेगी जो महंगी है.
व्यवसासियों का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से शुरुआती तौर पर थोड़ी बहुत परेशानी होगी, लेकिन दीर्घ कालीन में यह निर्णय भारतीय इंडस्ट्रीज के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा. जबकि रोगजार के क्षेत्र में भी यह क्षेत्र ज्यादा अवसर उपलब्ध करवाएगा. वहीं जोधपुर में वर्तमान में 2 लाख श्रमिक हैंडीक्राफ्ट से जुड़े है.
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व्यसायी हंसराज बाहेती बताते हैं कि इस आदेश के बाद इस क्षेत्र में 5 से 6 लाख श्रमिकों को काम मिल सकेगा, साथ ही हमारा टर्न ओवर भी दोगुना हो जाएगा. जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. भरत दिनेश का कहना है कि यह आदेश हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
व्यवसायी सुरेश विश्नोई का कहना है कि शुरुआती दौर में जरूर कुछ परेशानियां होगी लेकिन बाद में यह लंबे समय के लिए फायदेमंद होगा. इसका असर हैंडीक्राफ्ट के साथ-साथ स्टील और ग्वारगम इंडस्ट्रीज के लिए भी फायदेमंद होगा.
चीन के 59 एप पर बैन
गौरतलब है कि भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव और भारतीय सैनिकों की शहादत से पूरे देश की जनता आक्रोशित है. हर वर्ग के लोग अपने-अपने तरीके से चीन के खिलाफ विरोध जता रहा है. देश की जनता लगातार सरकार से चीन के समानों को भारत में बैन करने की मांग कर रही है. जिसके बाद भारत ने 29 जून को चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर भी शामिल हैं.