जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ने को ध्यान में रखते हुए निजी क्षेत्र में होने वाली कोरोना की जांच का शुल्क 1200 रुपए तय कर दिया है, लेकिन उनके गृह नगर में ही निजी क्षेत्र में 1500 से 2000 रुपए तक वसूले जा रहे हैं. खास बात यह है कि निजी लैब के संचालक अतिरिक्त वसूली को ट्रांसपोर्टेशन, पीपीई किट और वीटीएम के नाम पर वसूल रहे हैं, जबकि सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि कोरोना जांच 1200 रुपए में ही होगी.
संभाग के सबसे बड़े मथुरा दास माथुर अस्पताल के सामने स्थित निजी कोविड सैंपल कलेक्शन सेंटर पर ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो लोगों ने बताया कि उनसे पंद्रह सौ रुपए वसूले गए हैं. इसके अलावा कुछ लोगों से 1200 ऑनलाइन जमा करवाने के बाद रिपोर्ट आने पर 300 रुपए अतिरिक्त देने की बात कही गई है. इसको लेकर जब निजी लैब के कर्मचारी से पूछा तो उसका कहना था कि हम सरकार के द्वारा निर्धारित दर 1200 रुपए ही टेस्ट के लिए ले रहे हैं, लेकिन 300 रुपए ट्रांसपोर्टेशन, पीपीई गाउन और वीटीएम का जो खर्च आता है उसके लिए वसूले जा रहे हैं.
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इधर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा का कहना है कि जब सरकार ने एक बार दर तय कर दी है, तो उससे ज्यादा वसूली नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस को लेकर शिकायत पहले भी आई है. अब महामारी अधिनियम के तहत निर्धारित दर से अधिक शुल्क लेने पर कार्रवाई की जाएगी.