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Special: युवाओं की सराहनीय पहल...कुछ ऐसे बदल रहे मोक्षधाम की तस्वीर - rajasthan news

जयपुर के युवाओं की एक टीम ने जेपी कॉलोनी स्थित मोक्षधाम की साफ-सफाई करने का जिम्मा उठाया है. पहले जहां इस मोक्षधाम में लोग गंदगी के कारण आने से कतराते थे, वहीं मोक्षधाम अब साफ-सुथरा नजर आ रहा है.

mokshdham of JP colony of Jaipur,  राजस्थान न्यूज
युवाओं की सराहनीय पहल
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Published : Jun 30, 2020, 1:06 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 1:28 PM IST

जयपुर. जिंदगी के बाद मोक्षधाम ही किसी मृतक का आखिरी पड़ाव माना जाता है. जयपुर के युवाओं की टीम ने जेपी कॉलोनी स्थित मोक्षधाम को संवारने की जिम्मेदारी उठाई है. इस मोक्षधाम में पहले लोग गंदगी के कारण आने में कतराते थे, लेकिन अब युवाओं की मेहनत ने मोक्षधाम की तस्वीर बदल दी है.

युवाओं की सराहनीय पहल

लोग समाजसेवा के जरिए लोगों की हर तरह से मदद करते हैं पर कुछ ही लोग और संस्थाएं हैं, जो मृतकों की मोक्ष प्राप्ति के कार्य में मदद करते हैं. या मोक्षधाम को संवारने और उसके साफ-सफाई कर एक तरह से आमजन की सेवा करते हैं. ऐसा ही एक समूह है युवा जागृति सेवा समिति. जयपुर के विद्याधर नगर इलाके में स्थित जेपी कॉलोनी के युवाओं ने यह समिति बनाई है.

5 साल से कर रहे रोज सफाई

इसके सदस्य पिछले 5 साल से हर रविवार को मोक्षधाम में सुबह 2 घंटे सफाई करते हैं. साथ ही इन युवाओं की टीम ने मोक्षधाम को हरा-भरा करने की ठानी है. उसी का नतीजा है कि कभी वीरान और सूनसान रहने वाले इस मोक्ष धाम में हरियाली नजर आने लगी है.

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पहले गंदगी के कारण आने से कतराते थे लोग

बता दें कि जेपी कॉलोनी में स्थित मोक्षधाम कभी वीरान और गंदगी से अटा रहता था. लोग अंतिम संस्कार करने के लिए यहां आना भी पसंद नहीं करते थे. वहीं युवा जागृति सेवा समिति के सदस्यों को इस बात का पता चला तो उन्होंने मोक्षधाम की सफाई करने का फैसला किया.

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युवा हर संडे को करते हैं 2 घंटे सफाई

जिसके बाद युवाओं ने एक टीम गठित की और मोक्षधाम को संवारने में लग गए. ये युवा अलग-अलग विभागों में निजी और सरकारी नौकरी करते हैं. जो हर रविवार के दिन 2 दिन मोक्षधाम की सफाई करते हैं.

जन्मदिन पर दो पौधे लगाने का नियम

साथ ही सदस्यों में जिस किसी का भी जन्मदिन आता है, वह सदस्य दो पौधे मोक्षधाम में लगाता है. उन दो पौधों की देखरेख का जिम्मा भी उसी सदस्य का होता है. यहां की सफाई करने के बाद सभी लोग धाम के विकास को लेकर चर्चा भी करते हैं और योजना भी बनाते हैं. वहीं इस मोक्ष धाम में लावारिस लाशों का भी अंतिम संस्कार किया जाता है. जिसका कोई शुल्क नहीं लिया जाता.

यह भी पढ़ें. Special: झालावाड़ से निकल रहे चरवाहों के काफिले, क्या है इसके पीछे की कहानी...?

साथ ही इन युवाओं की टीम सफाई के साथ मोक्षधाम को हरा-भरा बनाने में भी जुटी है. यहां पर ये युवा पौधे लगाकर उसकी हर दिन देखभाल करते हैं. हालांकि, फंड की कमी होने के चलते यहां जितना काम होना चाहिए था, उतना नहीं हो पा रहा है. कुछ रुपए विधायक कोटे से यहां जरूर लगाए गए हैं लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है. युवा जागृति सेवा समिति अपने स्तर पर ही कुछ फंड का इंतजाम करती है लेकिन ये फंड यहां के विकास के लिए पर्याप्त नहीं है.

तीन वार्डों की सीमा पर मोक्षधाम, कोई जनप्रतिनिधि नहीं देता ध्यान

ये मोक्षधाम तीन वार्डों 9, 10 और 32 की सीमा पर स्थित है. इसके कारण कोई भी जनप्रतिनिधि इसके विकास की ओर ध्यान नहीं देता है. जब भी युवा जागृति सेवा समिति के सदस्य किसी भी पार्षद के पास जाते हैं तो वे यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि यह मोक्षधाम उनके वार्ड में स्थित नहीं है.

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अब मोक्षधाम को हरा-भरा करने की तैयारी

यही कारण है कि कोई भी इस मोक्ष धाम के लिए फंड जारी नहीं करता है. स्थानीय लोग नेताओं के चक्कर भी काट चुके हैं लेकिन कोई भी मदद को आगे नहीं आया है.

नहाने और शौचालय की नहीं है व्यवस्था

युवा जागृति सेवा समिति के सदस्य कमल गुप्ता ने बताया कि 5 साल से हम लोग हर रविवार आकर मोक्षधाम की सफाई कर रहे हैं. फिर भी कुछ ऐसी समस्याएं हैं. जिनका समाधान होना अभी भी बाकी है. मोक्षधाम में अंतिम संस्कार के लिए जो लोग आते हैं, उनके नहाने और शौचालय आदि की भी व्यवस्था भीं नहीं हैं.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: नागौर को हराभरा बनाने के लिए वन विभाग का 'मिशन मानसून', 4.50 लाख पौधे लगाएगा, 1.85 लाख पौधों का वितरण होगा

वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि मोक्षधाम के पार्क में लाइट की उचित व्यवस्था भी नहीं है. स्थानीय नेताओं को कई बार इस बारे में अवगत भी कराया गया लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया. उसी का नतीजा है कि शाम ढलते ही यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है. सामाजिक तत्व यहां आकर नशा करते हैं. थाने में भी शिकायत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया.

स्थानीय नेताओं से मदद की दरकार

युवा जागृति सेवा समिति के सदस्य राजकुमार सैन का कहना है कि स्थानीय नेताओं को इस ओर ध्यान देना चाहिए. विधायक कोटे से करीब 6 लाख रुपये जारी हुए थे, जो मोक्षधाम के काम में लग चुके हैं. इसके बावजूद भी अभी भी मोक्षधाम में बहुत काम होना बाकी है. वहीं स्थानीय लोग मोक्षधाम की जमीन को पार्क के रूप में विकसित करना चाहते हैं लेकिन फंड की कमी की वजह से ऐसा हो पा रहा.

यह भी पढ़ें. Special: राजस्थान यूनिवर्सिटी की 34 साल पुरानी गुलदाउदी प्रदर्शनी पर भी लटकी कोरोना की तलवार

जेपी कालोनी में रहने वाले उम्मेद सिंह ने बताया कि यह मोक्षधाम 35 साल पुराना है और यहां हमेशा से ही फंड की कमी रहती है. हालांकि, कॉलोनी के युवा कोशिश जरूर कर रहे हैं कि मोक्षधाम की तस्वीर बदल दी जाए.

जयपुर. जिंदगी के बाद मोक्षधाम ही किसी मृतक का आखिरी पड़ाव माना जाता है. जयपुर के युवाओं की टीम ने जेपी कॉलोनी स्थित मोक्षधाम को संवारने की जिम्मेदारी उठाई है. इस मोक्षधाम में पहले लोग गंदगी के कारण आने में कतराते थे, लेकिन अब युवाओं की मेहनत ने मोक्षधाम की तस्वीर बदल दी है.

युवाओं की सराहनीय पहल

लोग समाजसेवा के जरिए लोगों की हर तरह से मदद करते हैं पर कुछ ही लोग और संस्थाएं हैं, जो मृतकों की मोक्ष प्राप्ति के कार्य में मदद करते हैं. या मोक्षधाम को संवारने और उसके साफ-सफाई कर एक तरह से आमजन की सेवा करते हैं. ऐसा ही एक समूह है युवा जागृति सेवा समिति. जयपुर के विद्याधर नगर इलाके में स्थित जेपी कॉलोनी के युवाओं ने यह समिति बनाई है.

5 साल से कर रहे रोज सफाई

इसके सदस्य पिछले 5 साल से हर रविवार को मोक्षधाम में सुबह 2 घंटे सफाई करते हैं. साथ ही इन युवाओं की टीम ने मोक्षधाम को हरा-भरा करने की ठानी है. उसी का नतीजा है कि कभी वीरान और सूनसान रहने वाले इस मोक्ष धाम में हरियाली नजर आने लगी है.

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पहले गंदगी के कारण आने से कतराते थे लोग

बता दें कि जेपी कॉलोनी में स्थित मोक्षधाम कभी वीरान और गंदगी से अटा रहता था. लोग अंतिम संस्कार करने के लिए यहां आना भी पसंद नहीं करते थे. वहीं युवा जागृति सेवा समिति के सदस्यों को इस बात का पता चला तो उन्होंने मोक्षधाम की सफाई करने का फैसला किया.

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युवा हर संडे को करते हैं 2 घंटे सफाई

जिसके बाद युवाओं ने एक टीम गठित की और मोक्षधाम को संवारने में लग गए. ये युवा अलग-अलग विभागों में निजी और सरकारी नौकरी करते हैं. जो हर रविवार के दिन 2 दिन मोक्षधाम की सफाई करते हैं.

जन्मदिन पर दो पौधे लगाने का नियम

साथ ही सदस्यों में जिस किसी का भी जन्मदिन आता है, वह सदस्य दो पौधे मोक्षधाम में लगाता है. उन दो पौधों की देखरेख का जिम्मा भी उसी सदस्य का होता है. यहां की सफाई करने के बाद सभी लोग धाम के विकास को लेकर चर्चा भी करते हैं और योजना भी बनाते हैं. वहीं इस मोक्ष धाम में लावारिस लाशों का भी अंतिम संस्कार किया जाता है. जिसका कोई शुल्क नहीं लिया जाता.

यह भी पढ़ें. Special: झालावाड़ से निकल रहे चरवाहों के काफिले, क्या है इसके पीछे की कहानी...?

साथ ही इन युवाओं की टीम सफाई के साथ मोक्षधाम को हरा-भरा बनाने में भी जुटी है. यहां पर ये युवा पौधे लगाकर उसकी हर दिन देखभाल करते हैं. हालांकि, फंड की कमी होने के चलते यहां जितना काम होना चाहिए था, उतना नहीं हो पा रहा है. कुछ रुपए विधायक कोटे से यहां जरूर लगाए गए हैं लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है. युवा जागृति सेवा समिति अपने स्तर पर ही कुछ फंड का इंतजाम करती है लेकिन ये फंड यहां के विकास के लिए पर्याप्त नहीं है.

तीन वार्डों की सीमा पर मोक्षधाम, कोई जनप्रतिनिधि नहीं देता ध्यान

ये मोक्षधाम तीन वार्डों 9, 10 और 32 की सीमा पर स्थित है. इसके कारण कोई भी जनप्रतिनिधि इसके विकास की ओर ध्यान नहीं देता है. जब भी युवा जागृति सेवा समिति के सदस्य किसी भी पार्षद के पास जाते हैं तो वे यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि यह मोक्षधाम उनके वार्ड में स्थित नहीं है.

mokshdham of JP colony of Jaipur,  राजस्थान न्यूज
अब मोक्षधाम को हरा-भरा करने की तैयारी

यही कारण है कि कोई भी इस मोक्ष धाम के लिए फंड जारी नहीं करता है. स्थानीय लोग नेताओं के चक्कर भी काट चुके हैं लेकिन कोई भी मदद को आगे नहीं आया है.

नहाने और शौचालय की नहीं है व्यवस्था

युवा जागृति सेवा समिति के सदस्य कमल गुप्ता ने बताया कि 5 साल से हम लोग हर रविवार आकर मोक्षधाम की सफाई कर रहे हैं. फिर भी कुछ ऐसी समस्याएं हैं. जिनका समाधान होना अभी भी बाकी है. मोक्षधाम में अंतिम संस्कार के लिए जो लोग आते हैं, उनके नहाने और शौचालय आदि की भी व्यवस्था भीं नहीं हैं.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: नागौर को हराभरा बनाने के लिए वन विभाग का 'मिशन मानसून', 4.50 लाख पौधे लगाएगा, 1.85 लाख पौधों का वितरण होगा

वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि मोक्षधाम के पार्क में लाइट की उचित व्यवस्था भी नहीं है. स्थानीय नेताओं को कई बार इस बारे में अवगत भी कराया गया लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया. उसी का नतीजा है कि शाम ढलते ही यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है. सामाजिक तत्व यहां आकर नशा करते हैं. थाने में भी शिकायत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया.

स्थानीय नेताओं से मदद की दरकार

युवा जागृति सेवा समिति के सदस्य राजकुमार सैन का कहना है कि स्थानीय नेताओं को इस ओर ध्यान देना चाहिए. विधायक कोटे से करीब 6 लाख रुपये जारी हुए थे, जो मोक्षधाम के काम में लग चुके हैं. इसके बावजूद भी अभी भी मोक्षधाम में बहुत काम होना बाकी है. वहीं स्थानीय लोग मोक्षधाम की जमीन को पार्क के रूप में विकसित करना चाहते हैं लेकिन फंड की कमी की वजह से ऐसा हो पा रहा.

यह भी पढ़ें. Special: राजस्थान यूनिवर्सिटी की 34 साल पुरानी गुलदाउदी प्रदर्शनी पर भी लटकी कोरोना की तलवार

जेपी कालोनी में रहने वाले उम्मेद सिंह ने बताया कि यह मोक्षधाम 35 साल पुराना है और यहां हमेशा से ही फंड की कमी रहती है. हालांकि, कॉलोनी के युवा कोशिश जरूर कर रहे हैं कि मोक्षधाम की तस्वीर बदल दी जाए.

Last Updated : Jun 30, 2020, 1:28 PM IST
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