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तकनीकी कौशल के साथ मानवीय मूल्यों से भी युवा इंजीनियर्स समृद्ध बनें: राज्यपाल कलराज मिश्र

राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि तकनीकी कौशल के साथ मानवीय मूल्यों से भी युवा इंजीनियर्स समृद्ध बनें.

Convocation of Rajasthan Technical University,  Governor Kalraj Mishra
राज्यपाल कलराज मिश्र
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Published : Jan 22, 2021, 6:54 PM IST

जयपुर. राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालयों को उद्योग, कृषि एवं तकनीक से जुड़े ज्ञान को समाहित करते हुए रोजगारपरक एवं कौशल विकास के नये पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसी से समयानुरूप व्यवसायिक और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध हो सकेगी.

मिश्र शुक्रवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के 10वें वर्चुअल दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हमारे युवा इंजीनियर्स तकनीकी कौशल से दक्ष होने के साथ-साथ मानवीय मूल्यों से भी समृद्ध हो. इसके लिए तकनीकी शिक्षा में संस्कार नैतिक शिक्षा, आपदा प्रबंध और आनन्दम जैसे विषयों का समावेश जरूरी है.

पढ़ें- राज्यपाल कलराज मिश्र ने दी 10 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र आहूत करने की अनुमति

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की सोच को साकार करने के लिए युवा इंजीनियर्स पर बड़ी जिम्मेदारी है. युवा प्रतिभाएं शिक्षा प्राप्त कर अपने ज्ञान का उपयोग विदेशों में नहीं कर अपने देश की उन्नति के लिए करें.

उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों को भारत केन्द्रित तकनीकी ज्ञान और कौशल से संबंधित विशेषज्ञ पाठ्यक्रम विकसित करने चाहिए, जिससे देश के स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों का देश में ही अधिकतम उपयोग हो सके. उन्होंने परम्परागत तकनीकी ज्ञान का विद्यार्थियों को अध्ययन करवाने की अलग से व्यवस्था करने का सुझाव भी दिया ताकि वे यह जान सकें कि ज्ञान, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हम आरंभ से ही कितने समृद्ध थे.

जयपुर. राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालयों को उद्योग, कृषि एवं तकनीक से जुड़े ज्ञान को समाहित करते हुए रोजगारपरक एवं कौशल विकास के नये पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसी से समयानुरूप व्यवसायिक और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध हो सकेगी.

मिश्र शुक्रवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के 10वें वर्चुअल दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हमारे युवा इंजीनियर्स तकनीकी कौशल से दक्ष होने के साथ-साथ मानवीय मूल्यों से भी समृद्ध हो. इसके लिए तकनीकी शिक्षा में संस्कार नैतिक शिक्षा, आपदा प्रबंध और आनन्दम जैसे विषयों का समावेश जरूरी है.

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राज्यपाल मिश्र ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की सोच को साकार करने के लिए युवा इंजीनियर्स पर बड़ी जिम्मेदारी है. युवा प्रतिभाएं शिक्षा प्राप्त कर अपने ज्ञान का उपयोग विदेशों में नहीं कर अपने देश की उन्नति के लिए करें.

उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों को भारत केन्द्रित तकनीकी ज्ञान और कौशल से संबंधित विशेषज्ञ पाठ्यक्रम विकसित करने चाहिए, जिससे देश के स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों का देश में ही अधिकतम उपयोग हो सके. उन्होंने परम्परागत तकनीकी ज्ञान का विद्यार्थियों को अध्ययन करवाने की अलग से व्यवस्था करने का सुझाव भी दिया ताकि वे यह जान सकें कि ज्ञान, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हम आरंभ से ही कितने समृद्ध थे.

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