जयपुर. प्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने 21 जून को योग दिवस के लिए सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश 19 जून तक करने के आदेश जारी किए और योग दिवस में शामिल होने को अनिवार्य किया था. लेकिन कांग्रेस राज में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ही विद्यार्थियों और अध्यापकों को छूट दे दी गई. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि स्कूलों में योग दिवस जरूर मनाया जाएगा, लेकिन छात्र या शिक्षक का उनके स्कूल तक पहुंचना अनिवार्य नहीं होगा. वो 21 जून को किसी भी क्षेत्रीय स्कूल में जाकर एक घंटा योग दिवस मना सकते हैं. यही कारण रहा कि स्कूलों में शिक्षक ही योगाभ्यास करने पहुंचे. कुछ स्कूलों में 20 से 30 छात्र तो कहीं एक भी छात्र नहीं पहुंचा.
योग दिवस कार्यक्रम में छात्रों के नहीं पहुंचने को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. देवनानी ने ट्वीट कर लिखा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा योग दिवस का राजनीतिकरण किया गया. राजकीय स्कूलों में पहले अवकाश, फिर जल्दबाजी में खानापूर्ति स्वरूप लाखों विद्यार्थियों को योग से वंचित रखा गया. देवनानी ने लिखा कि कांग्रेस सरकार लगातार धर्म और संस्कृति के साथ ही महापुरुषों और वीरों का अपमान कर रही है.
बहरहाल, कांग्रेस सरकार के शासन में आने के बाद से लगातार शिक्षा क्षेत्र में बदलाव किए जा रहे हैं. इस क्रम में पहले पाठ्यक्रम, फिर छात्राओं की दी जाने वाली साइकिल का रंग और अब योग दिवस पर अनिवार्यता खत्म करना शामिल है. इन सभी को लेकर अब बीजेपी सवाल उठा रही है.