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Shops auction case in High Court : ग्रेटर निगम की ओर से नीलाम की जा रही दुकानों का मामला पहुंचा हाईकोर्ट - Writ in High court against Mayor and Commissioner

ग्रेटर नगर निगम की 1 फरवरी को आवासीय-व्यवसायिक भूखंडों की नीलामी का मामला अब हाईकोर्ट में जा पहुंचा है. ग्रेटर निगम की होर्डिंग और नीलामी समिति के चेयरमैन प्रवीण यादव ने महापौर और आयुक्त पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में रिट (Writ in High court against Mayor and Commissioner) लगाई है.

Shops auction case in High Court
ग्रेटर निगम की ओर से नीलाम की जा रही दुकानों का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
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Published : Jan 31, 2022, 8:28 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 11:08 PM IST

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में राजस्व बढ़ोतरी के लिए (Auction for Greater Nagar Nigam revenue) शहर की प्राइम लोकेशन पर 1 फरवरी से शुरू होने वाली 72 दुकान, 10 कियोस्क और 40 आवासीय-व्यवसायिक भूखंडों की नीलामी का प्रकरण हाईकोर्ट में जा पहुंचा है. ग्रेटर निगम की होर्डिंग और नीलामी समिति के चेयरमैन प्रवीण यादव ने महापौर और आयुक्त पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में रिट लगाई है.

ग्रेटर नगर निगम का बोर्ड बनने से लेकर अब तक कुछ भी सुचारू रूप से नहीं चला. पहले समितियों के अधिकारों का हनन, फिर महापौर का निलंबन, उसके बाद लगातार बीजेपी के पार्षदों की ओर से कार्यवाहक महापौर का विरोध और अब राजस्व बढ़ाने के लिए निगम की ओर से नीलाम की जा रही दुकानों का मामला भी हाईकोर्ट जा पहुंचा है. वर्ल्ड ट्रेड पार्क और अन्य दुकानों की नीलामी को लेकर होर्डिंग और नीलामी समिति के चेयरमैन प्रवीण यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

ग्रेटर निगम की ओर से नीलाम की जा रही दुकानों का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

पढ़ें: BJP Protest In Jaipur: निष्पक्ष जांच के लिए कमिश्नर को छुट्टी पर भेजें, हस्तक्षेप नहीं हुआ तो कई बड़े चेहरे होंगे बेनकाब

उन्होंने बताया कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम प्रशासन की ओर से लगातार जनप्रतिनिधियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और उनकी अनदेखी की जा रही है. संवैधानिक रूप से चुनी हुई समितियों के अधिकारों का हनन पहले दिन से ही किया जा रहा है. अब नगर निगम प्रशासन की समिति के अधिकारों के हनन की पराकाष्ठा हो गई है. ऐसे में अब न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए याचिका दायर की गई है. हालांकि महापौर ने कहा कि जिस कमेटी की बात की जा रही है, वो वर्किंग नहीं है. सरकार ने उस पर रोक लगा रखी है. नीलामी की एक प्रक्रिया है जिसे फॉलो किया गया है. अगर समिति वर्किंग होती तब भी उसका निगम संपत्ति की नीलामी से कोई लेना देना नहीं.

पढ़ें: Jaipur ACB in Action : जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में एसीबी खंगाल रही फाइलें, शक के घेरे में कमिश्नर

वहीं अधिवक्ता अमितोष पारीक के अनुसार आयुक्त ने कमेटी के नगर पालिका अधिनियम 2009 के अंतर्गत आने वाले संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है. नीलामी की अनुशंसा का अधिकार समिति (होर्डिंग एवं नीलामी समिति) के अंतर्गत है. इस नीलामी में प्रक्रिया का अनुसरण नहीं किया, जो समिति के अधिकारों का उल्लंघन करना विधि विरुद्ध और असंवैधानिक माना जाएगा.

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में राजस्व बढ़ोतरी के लिए (Auction for Greater Nagar Nigam revenue) शहर की प्राइम लोकेशन पर 1 फरवरी से शुरू होने वाली 72 दुकान, 10 कियोस्क और 40 आवासीय-व्यवसायिक भूखंडों की नीलामी का प्रकरण हाईकोर्ट में जा पहुंचा है. ग्रेटर निगम की होर्डिंग और नीलामी समिति के चेयरमैन प्रवीण यादव ने महापौर और आयुक्त पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में रिट लगाई है.

ग्रेटर नगर निगम का बोर्ड बनने से लेकर अब तक कुछ भी सुचारू रूप से नहीं चला. पहले समितियों के अधिकारों का हनन, फिर महापौर का निलंबन, उसके बाद लगातार बीजेपी के पार्षदों की ओर से कार्यवाहक महापौर का विरोध और अब राजस्व बढ़ाने के लिए निगम की ओर से नीलाम की जा रही दुकानों का मामला भी हाईकोर्ट जा पहुंचा है. वर्ल्ड ट्रेड पार्क और अन्य दुकानों की नीलामी को लेकर होर्डिंग और नीलामी समिति के चेयरमैन प्रवीण यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

ग्रेटर निगम की ओर से नीलाम की जा रही दुकानों का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

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उन्होंने बताया कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम प्रशासन की ओर से लगातार जनप्रतिनिधियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और उनकी अनदेखी की जा रही है. संवैधानिक रूप से चुनी हुई समितियों के अधिकारों का हनन पहले दिन से ही किया जा रहा है. अब नगर निगम प्रशासन की समिति के अधिकारों के हनन की पराकाष्ठा हो गई है. ऐसे में अब न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए याचिका दायर की गई है. हालांकि महापौर ने कहा कि जिस कमेटी की बात की जा रही है, वो वर्किंग नहीं है. सरकार ने उस पर रोक लगा रखी है. नीलामी की एक प्रक्रिया है जिसे फॉलो किया गया है. अगर समिति वर्किंग होती तब भी उसका निगम संपत्ति की नीलामी से कोई लेना देना नहीं.

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वहीं अधिवक्ता अमितोष पारीक के अनुसार आयुक्त ने कमेटी के नगर पालिका अधिनियम 2009 के अंतर्गत आने वाले संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है. नीलामी की अनुशंसा का अधिकार समिति (होर्डिंग एवं नीलामी समिति) के अंतर्गत है. इस नीलामी में प्रक्रिया का अनुसरण नहीं किया, जो समिति के अधिकारों का उल्लंघन करना विधि विरुद्ध और असंवैधानिक माना जाएगा.

Last Updated : Jan 31, 2022, 11:08 PM IST
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