जयपुर. गुलाबीनगरी जयपुर में नृसिंह जयंती पर चारदीवारी में शाही सवारी निकलने की परंपरा है. वहीं खंभ फाड़कर नृसिंह भगवान प्रकट होते है और हिरण्यकशिपु का वध कर देते हैं. इसके बाद अपने परम भक्त प्रह्लाद को गोद में लेकर दुलार करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार वर्षों पुरानी परंपरा टूट गई और दर्शन सवारी भी नहीं निकाली गई.
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बता दें कि महज मुखौटे का ही पूजन किया गया. ताड़केश्वर नवयुग मंडल की ओर से चौड़ा रास्ता मंदिर में कई साल पुरानी नरसिंह व वराह लीला महोत्सव की परंपरा का निर्वहन नहीं हो सका. दो दिवसीय महोत्सव के दौरान भगवान नरसिंह और वराह भगवान का अभिषेक और पूजन अध्यक्ष विक्रांत व्यास और पूजन सत्यनारायण व्यास के अगुवाई में हुआ.
वहीं गुरुवार को वराहावतार जयंती के मौके पर विशेष आराधना कोरोना रूपी राक्षस के विनाश कर पृथ्वी के संकट से मुक्ति की प्रार्थना की जाएगी. गलता ट्रस्ट के छोटी चौपड़ स्थित मंदिर चतुर्भुज जी में ट्रस्ट सचिव स्वामी सुदर्शनाचार्य के सानिध्य में भगवान चारभुजा नाथ का नृसिंह रूप में श्रंगार कर विशेष फलों,लड्डुओं का भोग लगाया गया. इससे पूर्व अभिषेक हुआ और कोरोना वॉरियर्स के लिए मंगल कामना की प्रार्थना की गई.
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जयपुर के पुरानी बस्ती स्थित बंशीवाले की बगीची में महंत अवधेशदास के सानिध्य में पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई गई. शीतल ऋतु फलों का भोग लगाया गया. वहीं गोविंद देव जी के द्वार के पास स्थित नृसिंह मंदिर, पांच बत्ती नृसिंह मंदिर और रेलवे स्टेशन नृसिंह मंदिर में भी जयंती महोत्सव सादगी पूर्वक मनाया गया. खजाने वाले का रास्ता स्थित नृसिंह मंदिर में महंत नरेंद्र शर्मा के सानिध्य में नृसिंह भगवान का पंचामृत, पंचगव्य सहित विविध सुगंधित द्रव्यों से वेदमंत्रों के साथ अभिषेक हुआ. उसके बाद 1008 तुलसीदल अर्पित किए गए.