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World Hepatitis Day : शराब, तंबाकू और धूम्रपान से हेपेटाइटिस का खतरा अधिक...जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे है. इस बार इस डे की थीम 'आई कांट वेट' (World Hepatitis Day theme 2022) है. इस बारे में चिकित्सकों का कहना है कि बीमारी होते ही इसका इलाज करवाया जाना चाहिए. लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रदेश में लगातार अभियान चलाए जाते हैं. हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि हेपिटाइटिस क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के क्या उपाय हैं...

World Hepatitis Day: Know the types of Hepatitis, symptoms and precautions
शराब तंबाकू और धूम्रपान से हेपेटाइटिस का खतरा अधिक
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Published : Jul 28, 2022, 6:01 AM IST

जयपुर. 28 जुलाई वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के रूप में मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड हेपिटाइटिस डे की थीम 'आई कांट वेट' रखी गई है. यानी बीमारी का पता लगते ही इसका इलाज तुरंत करवाया जाए. राजस्थान की बात करें तो इस बीमारी की जागरूकता के लिए समय-समय पर प्रदेश में चिकित्सा विभाग अभियान चलाता है. हाल ही में वर्ल्ड हेपिटाइटिस डे के मौके पर राजस्थान में चिकित्सा विभाग ने 'हैल्दी लिवर कैम्पेन' की शुरुआत की. इसके तहत लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. डब्ल्यूएचओ की मानें तो विश्व भर में तकरीबन 30 करोड़ से अधिक लोग हेपेटाइटिस से ग्रसित हैं.

हेल्दी लिवर कैम्पेन के अन्तर्गत हेपेटाइटिस के बारे में आमजन को जागरूक किया जा रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि हेपेटाइटिस एक वायरल इंफेक्शन है. यह बीमारी लिवर को प्रभावित करती है. लिवर का काम शरीर के सभी अंगों को पोषक तत्व पहुंचाना होता है. हेपेटाइटिस के संक्रमण से लिवर में सूजन आ जाती (Symptoms of hepatitis) है. इससे व्यक्ति को पीलिया हो जाता है. यह संक्रामक बीमारी है जो लापरवाही करने पर एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है और जानलेवा भी हो सकती है. इस वायरस के 5 स्ट्रेन होते हैं जिन्हें, हेपेटाइटिस A, B, C, D, E नाम से पहचाना जाता है. इनमें से A और E संक्रमित खाने और पानी से फैलते हैं.

पढ़ें: अब राजस्थान में भी शुरू होगी हेपेटाइटिस की स्क्रीनिंग, मरीजों को नि:शुल्क मिलेगी दवाईयां

डॉक्टर्स की मानें तो हेपेटाइटिस बी व सी सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं. इसके मरीजों को लिवर सिरोसिस होने की आशंका रहती है. इसमें मरीजों का लिवर सिकुड़कर काम करना बंद कर देता है. कई बार लिवर में पानी भर जाता है. खून की उल्टियां होने लगती हैं और शरीर में सूजन आ जाती है. मरीज को लिवर कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में इस बीमारी से बचाव ही सबसे कारगर उपाय है. इसके लिए धारदार चीज जैसे इंजेक्शन, रेजर्स या टूथब्रश दूसरे से साझा न करें. असुरक्षित यौनसंबंध न बनाएं और दूषित खानपान से (precautions of Hepatitis) बचें. बच्चों को हेपेटाइटिस के टीके जरूर लगवाएं. गर्भवती महिलाओं का हेपेटाइटिस बी और सी टेस्ट करवाएं. खुली चोट को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह साफ कर लें.

पढ़ें: हेपेटाइटिस के मरीजों के लिए कोरोना कितना खतरनाक, जानें डॉक्टर की राय

प्रमुख कारण:

  • दूसरे का टूथब्रश और शेविंग रेंजर इस्तेमाल करना, सिरिंज या सर्जरी के उपकरणों का बिना स्ट्रलाइजेशन इस्तेमाल करना.
  • इंजेक्शन से, किसी प्रकार का नशा (एल्कोहल के अधिक उपयोग करने), संक्रमित व्यक्ति के कारण हैं.
  • दूषित खून देने या चढ़वाने और दूषित खानपान हेपेटाइटिस के मुख्य हैं.

पढ़ें: ओडिशा : पुरी में सैंड आर्ट के जरिये मानस साहू ने दिया World Hepatitis Day का संदेश

वायरल हेपेटाइटिस पांच प्रकार के होते हैं:

• इनमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई होता है. हेपेटाइटिस ए और ई दूषित पानी और भोजन के कारण होता है.

• वहीं हेपेटाइटिस बी, सी और डी संक्रमित व्यक्ति के दूषित खून चढ़ाने से होता है.

इस बीमारी से बचाव की बात करें तो टीकाकरण से हेपेटाइटिस का बचाव हो सकता है. इसके अलावा अधिक शराब के सेवन से भी हेपेटाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि शराब का सेवन सीधा लीवर को प्रभावित करता है. तैलीय भोज्य पदार्थों से दूरी बनाएं. योग, व्यायाम और टहलने की आदत डालें. शराब, तंबाकू और धूम्रपान की लत को छोड़ें. पौष्टिक आहार लें, वजन नियंत्रित रखें, केक, पेस्ट्री, चॉकलेट, अल्कोहल, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ के सेवन से परहेज करें. किसी बीमारी का उपचार ले रहे हैं, तो लिवर का भी ध्यान रखें. कई बार दवाएं लिवर में संक्रमण का कारण बनती हैं.

जयपुर. 28 जुलाई वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के रूप में मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड हेपिटाइटिस डे की थीम 'आई कांट वेट' रखी गई है. यानी बीमारी का पता लगते ही इसका इलाज तुरंत करवाया जाए. राजस्थान की बात करें तो इस बीमारी की जागरूकता के लिए समय-समय पर प्रदेश में चिकित्सा विभाग अभियान चलाता है. हाल ही में वर्ल्ड हेपिटाइटिस डे के मौके पर राजस्थान में चिकित्सा विभाग ने 'हैल्दी लिवर कैम्पेन' की शुरुआत की. इसके तहत लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. डब्ल्यूएचओ की मानें तो विश्व भर में तकरीबन 30 करोड़ से अधिक लोग हेपेटाइटिस से ग्रसित हैं.

हेल्दी लिवर कैम्पेन के अन्तर्गत हेपेटाइटिस के बारे में आमजन को जागरूक किया जा रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि हेपेटाइटिस एक वायरल इंफेक्शन है. यह बीमारी लिवर को प्रभावित करती है. लिवर का काम शरीर के सभी अंगों को पोषक तत्व पहुंचाना होता है. हेपेटाइटिस के संक्रमण से लिवर में सूजन आ जाती (Symptoms of hepatitis) है. इससे व्यक्ति को पीलिया हो जाता है. यह संक्रामक बीमारी है जो लापरवाही करने पर एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है और जानलेवा भी हो सकती है. इस वायरस के 5 स्ट्रेन होते हैं जिन्हें, हेपेटाइटिस A, B, C, D, E नाम से पहचाना जाता है. इनमें से A और E संक्रमित खाने और पानी से फैलते हैं.

पढ़ें: अब राजस्थान में भी शुरू होगी हेपेटाइटिस की स्क्रीनिंग, मरीजों को नि:शुल्क मिलेगी दवाईयां

डॉक्टर्स की मानें तो हेपेटाइटिस बी व सी सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं. इसके मरीजों को लिवर सिरोसिस होने की आशंका रहती है. इसमें मरीजों का लिवर सिकुड़कर काम करना बंद कर देता है. कई बार लिवर में पानी भर जाता है. खून की उल्टियां होने लगती हैं और शरीर में सूजन आ जाती है. मरीज को लिवर कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में इस बीमारी से बचाव ही सबसे कारगर उपाय है. इसके लिए धारदार चीज जैसे इंजेक्शन, रेजर्स या टूथब्रश दूसरे से साझा न करें. असुरक्षित यौनसंबंध न बनाएं और दूषित खानपान से (precautions of Hepatitis) बचें. बच्चों को हेपेटाइटिस के टीके जरूर लगवाएं. गर्भवती महिलाओं का हेपेटाइटिस बी और सी टेस्ट करवाएं. खुली चोट को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह साफ कर लें.

पढ़ें: हेपेटाइटिस के मरीजों के लिए कोरोना कितना खतरनाक, जानें डॉक्टर की राय

प्रमुख कारण:

  • दूसरे का टूथब्रश और शेविंग रेंजर इस्तेमाल करना, सिरिंज या सर्जरी के उपकरणों का बिना स्ट्रलाइजेशन इस्तेमाल करना.
  • इंजेक्शन से, किसी प्रकार का नशा (एल्कोहल के अधिक उपयोग करने), संक्रमित व्यक्ति के कारण हैं.
  • दूषित खून देने या चढ़वाने और दूषित खानपान हेपेटाइटिस के मुख्य हैं.

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वायरल हेपेटाइटिस पांच प्रकार के होते हैं:

• इनमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई होता है. हेपेटाइटिस ए और ई दूषित पानी और भोजन के कारण होता है.

• वहीं हेपेटाइटिस बी, सी और डी संक्रमित व्यक्ति के दूषित खून चढ़ाने से होता है.

इस बीमारी से बचाव की बात करें तो टीकाकरण से हेपेटाइटिस का बचाव हो सकता है. इसके अलावा अधिक शराब के सेवन से भी हेपेटाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि शराब का सेवन सीधा लीवर को प्रभावित करता है. तैलीय भोज्य पदार्थों से दूरी बनाएं. योग, व्यायाम और टहलने की आदत डालें. शराब, तंबाकू और धूम्रपान की लत को छोड़ें. पौष्टिक आहार लें, वजन नियंत्रित रखें, केक, पेस्ट्री, चॉकलेट, अल्कोहल, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ के सेवन से परहेज करें. किसी बीमारी का उपचार ले रहे हैं, तो लिवर का भी ध्यान रखें. कई बार दवाएं लिवर में संक्रमण का कारण बनती हैं.

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