जयपुर. जिले के ओटीएस सभागार में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद एनजीटी प्रमुख न्यायाधिपति आदर्श कुमार गोयल ने शहर में पड़े कूड़े के ढेर को बीमारी और बदबू की जड़ बताया. उन्होंने कहा कि देश की राजधानी की तुलना में राजस्थान की राजधानी में पॉल्यूशन काफी कम है, लेकिन यहां भी स्थिति को सुधारने की जरूरत है. जो पेड़ लगाने और स्वच्छता रखने से ही संभव है.
गोयल ने कहा कि आमजन यदि जागरूक होगा तो यहां कूड़े के ढेर की जगह पेड़ लगाए जा सकेंगे. ताकि स्वच्छ वायु मिल सके. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारों के पास पेड़ लगाने के लिए पैसा तो है, लेकिन जगह नहीं. वहीं उन्होंने शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को मजबूत करने की ओर भी इशारा किया. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नगर निगम, स्मार्ट सिटी और जेडीए के अधिकारी भी मौजूद रहे. कार्यशाला में पर्यावरण का हल कैसे हो, शुद्ध पानी और पवित्र भोजन कैसे मिले, इन सभी विषयों पर मंथन किया गया.
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कार्यक्रम के आयोजक अशोक जैन ने बताया कि इस दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल से बने उत्पादों के प्रयोग न करने को लेकर एनजीटी प्रमुख की ओर से चेतना भी जागृत की गई. साथ ही राज्य भर में सफाई अभियान और सार्वजनिक जल स्रोतों को साफ करने का बीड़ा उठाने का भी आह्वान किया. उन्होंने बताया कि कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में ठोस कचरा प्रबंधन, जल की गुणवत्ता प्रबंधन और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर एनजीटी प्रमुख आदर्श कुमार गोयल और न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती ने अपने अनुभव भी साझा किए. बहरहाल एनजीटी की ओर से समय-समय पर नगर पालिका और प्रशासन को पर्यावरण और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए गाइडलाइन दी जाती रही हैं, लेकिन अब जरूरत है कि आमजन भी पर्यावरण और स्वच्छता को लेकर जागरुक हो.