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सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कार्यशाला में बोले NGT अध्यक्ष- जागरूकता की कमी से से बढ़ रहा प्रदूषण - सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के ज्वलंत मुद्दों को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल मौजूद रहे. गोयल ने कहा कि प्रदूषण सिर्फ पराली या अन्य कारणों से नहीं बल्कि जागरूकता की कमी से बढ़ रहा है.

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Published : Nov 16, 2019, 4:59 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 6:10 PM IST

जयपुर. जिले के ओटीएस सभागार में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद एनजीटी प्रमुख न्यायाधिपति आदर्श कुमार गोयल ने शहर में पड़े कूड़े के ढेर को बीमारी और बदबू की जड़ बताया. उन्होंने कहा कि देश की राजधानी की तुलना में राजस्थान की राजधानी में पॉल्यूशन काफी कम है, लेकिन यहां भी स्थिति को सुधारने की जरूरत है. जो पेड़ लगाने और स्वच्छता रखने से ही संभव है.

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर हुई कार्यशाला

गोयल ने कहा कि आमजन यदि जागरूक होगा तो यहां कूड़े के ढेर की जगह पेड़ लगाए जा सकेंगे. ताकि स्वच्छ वायु मिल सके. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारों के पास पेड़ लगाने के लिए पैसा तो है, लेकिन जगह नहीं. वहीं उन्होंने शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को मजबूत करने की ओर भी इशारा किया. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नगर निगम, स्मार्ट सिटी और जेडीए के अधिकारी भी मौजूद रहे. कार्यशाला में पर्यावरण का हल कैसे हो, शुद्ध पानी और पवित्र भोजन कैसे मिले, इन सभी विषयों पर मंथन किया गया.

पढे़ं- जयपुर की भी बिगड़ी अबो हवा, एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 300 के पार

कार्यक्रम के आयोजक अशोक जैन ने बताया कि इस दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल से बने उत्पादों के प्रयोग न करने को लेकर एनजीटी प्रमुख की ओर से चेतना भी जागृत की गई. साथ ही राज्य भर में सफाई अभियान और सार्वजनिक जल स्रोतों को साफ करने का बीड़ा उठाने का भी आह्वान किया. उन्होंने बताया कि कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में ठोस कचरा प्रबंधन, जल की गुणवत्ता प्रबंधन और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर एनजीटी प्रमुख आदर्श कुमार गोयल और न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती ने अपने अनुभव भी साझा किए. बहरहाल एनजीटी की ओर से समय-समय पर नगर पालिका और प्रशासन को पर्यावरण और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए गाइडलाइन दी जाती रही हैं, लेकिन अब जरूरत है कि आमजन भी पर्यावरण और स्वच्छता को लेकर जागरुक हो.

जयपुर. जिले के ओटीएस सभागार में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद एनजीटी प्रमुख न्यायाधिपति आदर्श कुमार गोयल ने शहर में पड़े कूड़े के ढेर को बीमारी और बदबू की जड़ बताया. उन्होंने कहा कि देश की राजधानी की तुलना में राजस्थान की राजधानी में पॉल्यूशन काफी कम है, लेकिन यहां भी स्थिति को सुधारने की जरूरत है. जो पेड़ लगाने और स्वच्छता रखने से ही संभव है.

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर हुई कार्यशाला

गोयल ने कहा कि आमजन यदि जागरूक होगा तो यहां कूड़े के ढेर की जगह पेड़ लगाए जा सकेंगे. ताकि स्वच्छ वायु मिल सके. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारों के पास पेड़ लगाने के लिए पैसा तो है, लेकिन जगह नहीं. वहीं उन्होंने शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को मजबूत करने की ओर भी इशारा किया. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नगर निगम, स्मार्ट सिटी और जेडीए के अधिकारी भी मौजूद रहे. कार्यशाला में पर्यावरण का हल कैसे हो, शुद्ध पानी और पवित्र भोजन कैसे मिले, इन सभी विषयों पर मंथन किया गया.

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कार्यक्रम के आयोजक अशोक जैन ने बताया कि इस दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल से बने उत्पादों के प्रयोग न करने को लेकर एनजीटी प्रमुख की ओर से चेतना भी जागृत की गई. साथ ही राज्य भर में सफाई अभियान और सार्वजनिक जल स्रोतों को साफ करने का बीड़ा उठाने का भी आह्वान किया. उन्होंने बताया कि कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में ठोस कचरा प्रबंधन, जल की गुणवत्ता प्रबंधन और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर एनजीटी प्रमुख आदर्श कुमार गोयल और न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती ने अपने अनुभव भी साझा किए. बहरहाल एनजीटी की ओर से समय-समय पर नगर पालिका और प्रशासन को पर्यावरण और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए गाइडलाइन दी जाती रही हैं, लेकिन अब जरूरत है कि आमजन भी पर्यावरण और स्वच्छता को लेकर जागरुक हो.

Intro:जयपुर - प्रदूषण सिर्फ पराली या अन्य कारणों से नहीं बल्कि जागरूकता की कमी से बढ़ रहा है। ये कहना है राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल का। गोयल आज राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित ठोस कचरा प्रबंधन एवं पर्यावरण की ज्वलंत मुद्दों पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। वहीं कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती ने किया।


Body:देश की राजधानी की तुलना में राजस्थान की राजधानी में पॉल्यूशन काफी कम है। लेकिन यहां भी स्थिति को सुधारने की जरूरत है। जो पेड़ लगाने और स्वच्छता रखने से ही संभव है। ये कहना है एनजीटी प्रमुख न्यायाधिपति आदर्श कुमार गोयल का। जयपुर के ओटीएस सभागार में आयोजित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम कार्यशाला में गोयल ने शहर में पड़े कूड़े के ढेर को बीमारी और बदबू की जड़ बताया। उन्होंने कहा कि आमजन यदि जागरूक होगा तो यहां कूड़े के ढेर की जगह पेड़ लगाए जा सकेंगे। ताकि स्वच्छ वायु मिल सके। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारों के पास पेड़ लगाने के लिए पैसा तो है लेकिन जगह नहीं। वहीं उन्होंने शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को मजबूत करने की ओर भी इशारा किया। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नगर निगम, स्मार्ट सिटी और जेडीए के अधिकारी भी मौजूद रहे। कार्यशाला में पर्यावरण का हल कैसे हो, शुद्ध पानी और पवित्र भोजन कैसे मिले, इन सभी विषयों पर मंथन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक अशोक जैन ने बताया कि इस दौरान सिंगल न्यूज़ प्लास्टिक और थर्माकोल से बने उत्पादों के प्रयोग न करने को लेकर एनजीटी प्रमुख की ओर से चेतना भी जागृत की गई। साथ ही राज्य भर में सफाई अभियान और सार्वजनिक जल स्रोतों को साफ करने का बीड़ा उठाने का भी आह्वान किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में ठोस कचरा प्रबंधन, जल की गुणवत्ता प्रबंधन और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर एनजीटी प्रमुख आदर्श कुमार गोयल और न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती ने अपने अनुभव भी साझा किए।
बाईट - अशोक जैन, मेंबर सेक्रेट्री, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण


Conclusion:बहरहाल, एनजीटी की ओर से समय-समय पर नगर पालिका और प्रशासन को पर्यावरण और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए गाइडलाइन दी जाती रही हैं। लेकिन अब जरूरत है कि आमजन भी पर्यावरण और स्वच्छता को लेकर जागरूक हो।
Last Updated : Nov 16, 2019, 6:10 PM IST
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