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पटवारियों के आंदोलन से जनता से जुड़े कार्य हो रहे प्रभावित, ग्रेड पे 3600 की मांग पर अड़े हैं पटवारी

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Published : Feb 28, 2021, 8:38 PM IST

ग्रेड पे 3600 सहित अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के पटवारी आंदोलन कर रहे हैं. इससे जनता से जुड़े काम प्रभावित हो रहे हैं. बता दें, प्रदेश में 50 से ज्यादा ऐसे काम प्रभावित हो रहे हैं, जो पटवारियों की ओर से किए जाते हैं.

Patwaris protest in Jaipur,  Patwaris protest in Rajasthan
पटवारियों का आंदोलन जारी

जयपुर. ग्रेड पे 3600 सहित अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के पटवारी आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश के संभागवार पटवारी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जता रहे हैं. पटवारियों के आंदोलन के कारण काम नहीं होने के कारण जनता भी परेशान है और लगभग 50 से ज्यादा ऐसे काम प्रभावित हो रहे हैं जो पटवारियों की ओर से किए जाते हैं.

पटवारियों का आंदोलन जारी

पढ़ें- सुरंग खोद कर चांदी चुराने का मामला: सुरंग का सिरा ढूंढने के लिए मजदूरों की मदद ले रही है एफएसएल टीम

पटवारियों के काम नहीं करने से सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ रहा है. प्रतिदिन सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का घाटा हो रहा है. सरकार की योजनाएं भी प्रभावित हो रही है. पटवारियों के आंदोलन से जो काम प्रभावित हो रहे हैं, वे निम्न हैं...

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का काम
  • बुजुर्ग एवं सामाजिक पेंशन रिपोर्ट
  • नामांतरण के काम
  • किसान क्रेडिट कार्ड के लोन का काम
  • जाति सहित सभी तरह के प्रमाण पत्र
  • क्रॉप कटिंग का काम
  • पंजीयन
  • गिरदावरी
  • भूमि रूपांतरण
  • खाद्य सुरक्षा का काम
  • 181 पोर्टल की रिपोर्ट
  • मुख्यमंत्री सहायता कोष की राशि देने की रिपोर्ट
  • नकल देने का काम
  • अतिक्रमण हटाने की कार्य
  • उद्योग कर एवं सिंचाई कर की वसूली
  • राजस्व की वसूली
  • रोड़ा एक्ट की वसूली
  • लीज
  • नामांतरण और और कुर्की के काम

पटवारियों के आंदोलन से सभी काम प्रभावित हो रहे हैं और जनता परेशान हो रही है. सबसे अधिक परेशानी रीट के विद्यार्थियों को हो रही है। रीट की परीक्षा 25 अप्रैल को होने वाली है और विद्यार्थियों को ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र बनवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र बनने से पहले पटवारी की रिपोर्ट होती है, लेकिन पटवारी आंदोलन के चलते काम पूरी तरह से नहीं कर पा रहे. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में किसान भी इस आंदोलन से प्रभावित हैं. ना तो उनकी गिरदावरी हो पा रही है और ना ही बीमा क्लेम मिल पा रहा है.

प्रदेश की वर्तमान स्थिति

पूरे प्रदेश में 12264 पटवारियों के पद सृजित हैं. इनमें से 7700 पटवारियों के पद भरे हुए हैं. शेष रहे पटवार मंडलों का प्रभार इन्ही पटवारियों को दिया हुआ है. अतिरिक्त पटवार मंडलों के पटवारियों ने 15 जनवरी से कार्य बहिष्कार किया हुआ है, जिसके चलते वहां पूरी तरह से काम ठप पड़ा है. शहीद स्मारक पर हर संभाग का 2 दिन का धरना प्रदर्शन रहता है और उस संभाग के सभी पटवारी उस धरने में शामिल होते हैं.

धरना प्रदर्शन कर रहे पटवारियों की सरकार से तीन दौर की वार्ता भी हुई. पहली दो दौर की वार्ता विफल रही और तीसरे दौर की वार्ता सकारात्मक रही. पटवारियों ने उम्मीद जताई है कि सरकार से आगे भी वार्ता सकारात्मक माहौल में ही होगी. अधिकारियों का कहना है कि परवारियों से वार्ता चल रही है और कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है ताकि जनता परेशान नहीं हो.

पढ़ें- सऊदी अरब सरकार ने हज के लिए जारी नहीं किए दिशा-निर्देश, राजस्थान से इस बार सबसे कम आवेदन

राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने बताया कि हम लोग 15 फरवरी से लगातार धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही. आम जनता के काम रूके हुए हैं और सरकार की भी छवि जनता के बीच खराब हो रही है. अधिकारी भी हमारी बात सरकार तक पूरी तरह से नहीं पहुंचा रहे. हमारी ग्रेड पे 3600 की मांग पूरी तरह से वाजिब है. निमिवाल ने कहा कि वार्ता में अधिकारियों ने माना कि आपके वेतन को लेकर वेतन विसंगति है और हम कोई रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं.

सरकार को हो रहा राजस्व का नुकसान

महिला पटवारी शीतल पंड्या ने बताया कि नामांतरण और पंजीयन ऐसे काम हैं, जो पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है. पटवारियों ने भी अतिरिक्त पटवार मंडलों का तो पूरी तरह से बहिष्कार किया हुआ है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है. हमारी मांग न्यायोचित है, इसलिए सरकार को हमारी मांग मान लेनी चाहिए.

चित्तौड़गढ़ में कार्यरत महिला पटवारी निधि जैन ने बताया कि कई तरह के प्रमाण पत्र पटवारियों की रिपोर्ट के बाद ही बनाए जा सकते हैं और पटवारियों के आंदोलन के कारण प्रमाण पत्र बनाने का कार्य अभी प्रभावित हो रहा है. हाल ही में सरकार ने नई भर्तियां निकाली है और आने वाले दिनों में रीट का भी एग्जाम है. भर्तियों के लिए बेरोजगारों को प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र की आवश्यकता है. बेरोजगार प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पटवार घरों के चक्कर लगा रहे हैं.

बता दें, प्रदेशभर के पटवारी पिछले 14 महीनों से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं और 15 फरवरी से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. पटवारी ग्रेड पे 3600 के अलावा 9, 18, 27 वर्ष के स्थान पर 7, 14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा अवधि पूरी होने के बाद पदोन्नति का वेतनमान और पूर्व में हुए लिखित समझौतों को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

जयपुर. ग्रेड पे 3600 सहित अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के पटवारी आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश के संभागवार पटवारी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जता रहे हैं. पटवारियों के आंदोलन के कारण काम नहीं होने के कारण जनता भी परेशान है और लगभग 50 से ज्यादा ऐसे काम प्रभावित हो रहे हैं जो पटवारियों की ओर से किए जाते हैं.

पटवारियों का आंदोलन जारी

पढ़ें- सुरंग खोद कर चांदी चुराने का मामला: सुरंग का सिरा ढूंढने के लिए मजदूरों की मदद ले रही है एफएसएल टीम

पटवारियों के काम नहीं करने से सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ रहा है. प्रतिदिन सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का घाटा हो रहा है. सरकार की योजनाएं भी प्रभावित हो रही है. पटवारियों के आंदोलन से जो काम प्रभावित हो रहे हैं, वे निम्न हैं...

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का काम
  • बुजुर्ग एवं सामाजिक पेंशन रिपोर्ट
  • नामांतरण के काम
  • किसान क्रेडिट कार्ड के लोन का काम
  • जाति सहित सभी तरह के प्रमाण पत्र
  • क्रॉप कटिंग का काम
  • पंजीयन
  • गिरदावरी
  • भूमि रूपांतरण
  • खाद्य सुरक्षा का काम
  • 181 पोर्टल की रिपोर्ट
  • मुख्यमंत्री सहायता कोष की राशि देने की रिपोर्ट
  • नकल देने का काम
  • अतिक्रमण हटाने की कार्य
  • उद्योग कर एवं सिंचाई कर की वसूली
  • राजस्व की वसूली
  • रोड़ा एक्ट की वसूली
  • लीज
  • नामांतरण और और कुर्की के काम

पटवारियों के आंदोलन से सभी काम प्रभावित हो रहे हैं और जनता परेशान हो रही है. सबसे अधिक परेशानी रीट के विद्यार्थियों को हो रही है। रीट की परीक्षा 25 अप्रैल को होने वाली है और विद्यार्थियों को ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र बनवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र बनने से पहले पटवारी की रिपोर्ट होती है, लेकिन पटवारी आंदोलन के चलते काम पूरी तरह से नहीं कर पा रहे. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में किसान भी इस आंदोलन से प्रभावित हैं. ना तो उनकी गिरदावरी हो पा रही है और ना ही बीमा क्लेम मिल पा रहा है.

प्रदेश की वर्तमान स्थिति

पूरे प्रदेश में 12264 पटवारियों के पद सृजित हैं. इनमें से 7700 पटवारियों के पद भरे हुए हैं. शेष रहे पटवार मंडलों का प्रभार इन्ही पटवारियों को दिया हुआ है. अतिरिक्त पटवार मंडलों के पटवारियों ने 15 जनवरी से कार्य बहिष्कार किया हुआ है, जिसके चलते वहां पूरी तरह से काम ठप पड़ा है. शहीद स्मारक पर हर संभाग का 2 दिन का धरना प्रदर्शन रहता है और उस संभाग के सभी पटवारी उस धरने में शामिल होते हैं.

धरना प्रदर्शन कर रहे पटवारियों की सरकार से तीन दौर की वार्ता भी हुई. पहली दो दौर की वार्ता विफल रही और तीसरे दौर की वार्ता सकारात्मक रही. पटवारियों ने उम्मीद जताई है कि सरकार से आगे भी वार्ता सकारात्मक माहौल में ही होगी. अधिकारियों का कहना है कि परवारियों से वार्ता चल रही है और कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है ताकि जनता परेशान नहीं हो.

पढ़ें- सऊदी अरब सरकार ने हज के लिए जारी नहीं किए दिशा-निर्देश, राजस्थान से इस बार सबसे कम आवेदन

राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने बताया कि हम लोग 15 फरवरी से लगातार धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही. आम जनता के काम रूके हुए हैं और सरकार की भी छवि जनता के बीच खराब हो रही है. अधिकारी भी हमारी बात सरकार तक पूरी तरह से नहीं पहुंचा रहे. हमारी ग्रेड पे 3600 की मांग पूरी तरह से वाजिब है. निमिवाल ने कहा कि वार्ता में अधिकारियों ने माना कि आपके वेतन को लेकर वेतन विसंगति है और हम कोई रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं.

सरकार को हो रहा राजस्व का नुकसान

महिला पटवारी शीतल पंड्या ने बताया कि नामांतरण और पंजीयन ऐसे काम हैं, जो पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है. पटवारियों ने भी अतिरिक्त पटवार मंडलों का तो पूरी तरह से बहिष्कार किया हुआ है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है. हमारी मांग न्यायोचित है, इसलिए सरकार को हमारी मांग मान लेनी चाहिए.

चित्तौड़गढ़ में कार्यरत महिला पटवारी निधि जैन ने बताया कि कई तरह के प्रमाण पत्र पटवारियों की रिपोर्ट के बाद ही बनाए जा सकते हैं और पटवारियों के आंदोलन के कारण प्रमाण पत्र बनाने का कार्य अभी प्रभावित हो रहा है. हाल ही में सरकार ने नई भर्तियां निकाली है और आने वाले दिनों में रीट का भी एग्जाम है. भर्तियों के लिए बेरोजगारों को प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र की आवश्यकता है. बेरोजगार प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पटवार घरों के चक्कर लगा रहे हैं.

बता दें, प्रदेशभर के पटवारी पिछले 14 महीनों से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं और 15 फरवरी से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. पटवारी ग्रेड पे 3600 के अलावा 9, 18, 27 वर्ष के स्थान पर 7, 14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा अवधि पूरी होने के बाद पदोन्नति का वेतनमान और पूर्व में हुए लिखित समझौतों को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

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