जयपुर. दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद से बसों में महिला यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केंद्र सरकार ने पैनिक बटन को लेकर आदेश जारी किए थे. लेकिन राजस्थान में यह व्यवस्था अभी तक लागू नहीं हुई है. परिवहन मंत्री खाचरियावास ने भारत सरकार की अधिकृत कंपनियों के प्रजेंटेशन देखने के बाद जल्द इस व्यवस्था को लागू करने की बात कही है.
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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय पैनिक बटन और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की अनिवार्यता लागू की थी. लेकिन बीच में यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई. लेकिन अब मुख्यमंत्री गहलोत इसको लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं.
2019 से पहले के वाहनों में भी लागू होगा ये सिस्टम
परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जनवरी 2019 के बाद जो भी वाहन परिवहन विभाग के पास रजिस्ट्रेशन के लिए आता है, उसमें व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगा हुआ होता है. लेकिन अब परिवहन विभाग जनवरी 2019 से पहले के रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों में भी इस सिस्टम की अनिवार्यता करने जा रहा है . परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के समन्वय के साथ पैनिक बटन को लेकर कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा.
परिवहन विभाग ने अभी तक पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम शुरू करने के लिए किसी भी तरह का सॉफ्टवेयर तैयार नहीं किया गया है. जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और परिवहन मंत्री कई बार पैनिक बटन की अनिवार्यता पर बोल चुके हैं. खुद की कमी छुपाने के लिए विभाग ने वाहनों में जीपीएस और पैनिक बटन होने के आदेश भी जारी नहीं किए हैं.
टैक्सी, बस और दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वाहनों में महिलाओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने की दिशा में यह एक जरूरी कदम है. जयपुर में लगातार यात्री भार बढ़ता जा रहा है. उसको ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के इंतजाम करने भी जरूरी हैं. राजधानी में 40,000 से अधिक कार, ऑटो और बस हैं.
परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि VLTS (व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम) केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण घोषणा है . निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर इसकी जरूरत महसूस की गई. इसके अंतर्गत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों में ट्रैवल करने वाले यात्रियों खास तौर पर महिला यात्री की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन लगाने की घोषणा की गई थी.
निर्भया फंड से दिया जाएगा पैसा
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि इसके लिए निर्भया फंड से भी पैसा भी दिया जाएगा. निर्भया फंड में पैसा 60% केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार वहन करती है. वहीं बीएसएनएल ने भी परिवहन विभाग के पास एक प्रपोजल भेजा है, जिसमें प्रति वाहन बीएसएनएल कुछ पैसा लेकर परिवहन विभाग को यह सुविधा भी उपलब्ध कराएगा .
1 साल पुराने आदेश लिए वापस
परिवहन विभाग ने एक साल पहले यात्री वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस लगाने के आदेश जारी किए थे. वाहनों के पंजीयन के समय पैनिक बटन और जीपीएस लगाना जरूरी था. अभी तक परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस मिलकर इसका संयुक्त कंट्रोल रूम नहीं बना सके हैं.
ऐसे में पैनिक बटन महिला यात्रियों के लिए राजस्थान में अनुपयोगी साबित हुआ. अब सवाल खड़े होने के बाद परिवहन विभाग ने आदेश भी वापस ले लिए थे. लेकिन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जनवरी में इसको लेकर वापस आदेश जारी किए. जिसके बाद परिवहन विभाग ने अभी तक इस संबंध में नए आदेश जारी नहीं किए गए हैं .
परिवहन मंत्री खाचरियावास ने कहा कि सरकार इसको लेकर चिंतित है. जल्द ही भारत सरकार की अधिकृत कंपनियां जो पैनिक बटन का काम करती हैं. उनके प्रजेंटेशन देखकर जल्द से जल्द यह व्यवस्था राजस्थान में भी लागू की जाएगी. ससे महिलाओं की पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
अब देखना होगा कि राजस्थान में पैनिक बटन की व्यवस्था को कब तक अमलीजामा पहनाया जाता है. सरकार इस दिशा में चिंतित नजर आ रही है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते पिछले एक साल से ना तो पैनिक बटन को लेकर कोई कंट्रोल रूम बनाया गया है और ना ही इस संबंध में किसी भी तरह के आदेश जारी किए गए हैं .