जयपुर. ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से पूरे प्रदेश से हजारों की तादाद में नेताओं, कार्यकर्ताओं को बिरला ऑडिटोरियम में बुलाया गया. खास बात यह है कि उदयपुर की घटना के बाद से राज्य में धारा 144 लगी हुई (Section 144 imposed in Rajasthan) है. इसके बावजूद यह कार्यक्रम न केवल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, बल्कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मंत्री, कांग्रेस विधायक और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. इस कार्यक्रम के ठीक एक दिन बाद महंगाई के खिलाफ होने वाले महिला कांग्रेस के प्रदर्शन को धारा 144 का हवाला देकर मना कर दिया (Congress protest denied due to section 144) गया.
हाल ही राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की ओर से पूरे देश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया और सभी राज्यों को इस संबंध में निर्देश भी जारी किए. यह प्रदर्शन राजस्थान में भी महिला कांग्रेस की ओर से किया जाना था, लेकिन धारा 144 के चलते महिला कांग्रेस यह प्रदर्शन नहीं कर पाई. जयपुर हेरिटेज महिला कांग्रेस अध्यक्ष रानी लुबना ने पुलिस से महंगाई को लेकर प्रदर्शन की अनुमति मांगी, लेकिन धारा 144 के चलते उन्हें परमिशन नहीं मिली. अब राजस्थान में महिला कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया पर ही महंगाई के खिलाफ महिलाओं के वीडियो डालकर विरोध किया जा रहा है.
ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि जब ईआरसीपी को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी की सभा आयोजित हो सकती है, तो फिर उसी कांग्रेस पार्टी की महिला विंग को महंगाई जैसे जनता से जुड़े मुद्दे पर धारा 144 के चलते परमिशन क्यों नहीं दी गई. आपको बता दें कि धारा 144 के बाद केवल कांग्रेस का ईआरसीपी को लेकर कार्यक्रम ही नहीं हुआ बल्कि धारा 144 के बाद भी जयपुर के स्टेच्यू सर्किल पर हिंदू संगठनों का कार्यक्रम होने के साथ ही उदयपुर समेत राजस्थान के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और धरने किए गए हैं. जिन्हें प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इजाजत भी दी.