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SPECIAL : उपचुनाव के रण में क्या जिता पाएगी सहानुभूति की लहर, या तो इतिहास बनेगा या दोहराया जाएगा

उपचुनाव के रण में आज तक राजस्थान में किसी विधायक के निधन के बाद उसका परिजन उपचुनाव जीतने में कामयाब नहीं रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या सुजानगढ़, राजसमंद और सहाड़ा में दिवंगत विधायकों के परिजन चुनाव जीतकर इतिहास बना पाएंगे या हार कर इतिहास दोहराएंगे. जानिये पूरा लेखा जोखा ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में...

rajasthan byelection
परिजन उपचुनाव जीतने में नहीं रहे कामयाब...
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Published : Apr 22, 2021, 1:47 PM IST

Updated : May 2, 2021, 6:49 AM IST

जयपुर. राजस्थान में उपचुनाव के नतीजों को लेकर 2 मई यानी आज फैसला सामने आ जाएगा. जब यह सामने आ जाएगा कि 3 सीटों पर हुए उपचुनाव में किस पार्टी ने बाजी मारी है. आपको बता दें कि राजस्थान में अब तक विधायकों या सामान्य चुनाव में ही किसी विधायक प्रत्याशी के निधन के चलते 20 बार उपचुनाव हुए हैं. इनमें से 9 उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीता है, 8 बार भारतीय जनता पार्टी ने उपचुनाव में जीत दर्ज की है, तो दो बार जनता पार्टी और एक बार एनसीजे पार्टी के विधायक बने हैं.

जब परिजन उपचुनाव जीतने में नहीं रहे कामयाब...

लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इन 20 उपचुनाव में जिन विधायकों का निधन हुआ, उनकी जगह जब उनके परिजनों को टिकट दिया गया तो जनता ने उन्हें नकारा है. 1965 में राजाखेड़ा विधायक प्रताप सिंह की मृत्यु के बाद उनके बेटे एम. सिंह ने चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए. इसके बाद 1978 में रूपवास विधायक ताराचंद की मृत्यु के बाद उनके बेटे ने चुनाव लड़ा, वह भी चुनाव हार गए. इसके बाद 1988 में खेतड़ी विधायक मालाराम के निधन के बाद उनके बेटे एच लाल को टिकट दिया गया, लेकिन वह भी चुनाव हार गए.

political situation of rajasthan
InfoGFX-1

इसी तरीके से साल 1995 में बयाना विधानसभा से विधायक बृजराज सिंह की मृत्यु के बाद उनके बेटे शिव चरण सिंह को टिकट दिया गया, लेकिन वह भी चुनाव हार गए. यहां तक कि साल 1995 में बांसवाड़ा विधानसभा के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री हरदेव जोशी के निधन के बाद जब उनके बेटे दिनेश जोशी को पार्टी ने टिकट दिया तो वह भी चुनाव नहीं जीत सके.

political situation of rajasthan
InfoGFX-2

नहीं मिला किसी पार्टी को सहानुभूति का लाभ...

यही हाल साल 2000 में हुआ जब लूणकरणसर विधायक भीमसेन की मृत्यु के बाद उनके बेटे वीरेंद्र को टिकट दिया गया, लेकिन वह चुनाव हार गए तो वहीं साल 2002 में सागवाड़ा विधायक भीखाभाई के निधन के बाद उनके बेटे सुरेंद्र कुमार को टिकट दिया गया, लेकिन वह भी चुनाव हार गए. साल 2005 में लूणी विधायक रामसिंह विश्नोई की मृत्यु के बाद उनके बेटे मलखान विश्नोई को टिकट दिया गया, लेकिन वह भी चुनाव हार गए.

political situation of rajasthan
InfoGFX-3

ऐसे में आज तक किसी विधायक के निधन पर उनके परिजनों को टिकट देने पर सहानुभूति का कोई लाभ किसी पार्टी को नहीं मिला है. अब सवाल खड़ा होता है कि राजस्थान में हो रहे 3 विधानसभा सीटों पर जो उप चुनाव हो रहे हैं, उनमें दिवंगत विधायकों के परिजनों ने ही चुनाव लड़ा है. अब यह तीनों दिवंगत विधायकों के परिजन चुनाव जीतकर इतिहास बनाते हैं या फिर चुनाव हार कर इतिहास दोहराते हैं. इस पर सबकी नजर रहेगी.

पढ़ें : उपचुनाव के परिणाम आने के बाद भाजपा में होगी बंपर नियुक्तियां

दरअसल, राजस्थान में हुए 3 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में राजसमंद विधानसभा सीट से भाजपा ने दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति महेश्वरी, सहाड़ा विधानसभा से कांग्रेस के दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री त्रिवेदी को कांग्रेस ने और सुजानगढ़ विधानसभा सीट से मास्टर भंवरलाल मेघवाल के बेटे मनोज मेघवाल को कांग्रेस ने टिकट दिया है, जो सीधे तौर पर सहानुभूति के आधार पर चुनाव जीतने की एक कवायद है.

rajasthan byelection rajsamand
राजसमंद उपचुनाव...

1965 - कांग्रेस की सरकार थी, मोहनलाल सुखाड़िया मुख्यमंत्री थे

  • विधायक प्रताप सिंह के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के दामोदर व्यास राजाखेड़ा से उप चुनाव जीते.

1970- सरकार कांग्रेस की थी, मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया थे

  • नसीराबाद विधानसभा के विधायक वी सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में एनसीजे पार्टी के एस सिंह उपचुनाव जीते.

1978 - जनता पार्टी के भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे

  • रूपवास विधानसभा सीट से विधायक ताराचंद की मृत्यु होने के बाद जनता पार्टी के टिकट पर डी राम उप चुनाव जीते.
  • बनेड़ा विधानसभा सीट पर विधायक उमराव सिंह डाबरिया के निधन के बाद हुए उपचुनाव में जनता पार्टी की टिकट पर कल्याण सिंह कालवी चुनाव जीते.

1982- कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर थे

  • सरदारशहर विधानसभा में विधायक मोहनलाल शर्मा के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कृष्ण चंद ने चुनाव जीता.

1984- कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर थे

  • थानागाजी विधानसभा के विधायक शोभाराम के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डी लाल चुनाव जीते.
    rajasthan byelection sahada
    सहाड़ा उपचुनाव...

1985 - सरकार कांग्रेस की थी

  • करणपुर विधानसभा में सामान्य चुनाव में प्रत्याशी रहे गुम दयाल सिंह की मृत्यु के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुए जिनमें कांग्रेस की उम्मीदवार उपचुनाव जीतीं.

1988 - कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर थे

  • खेतड़ी विधानसभा के विधायक मालाराम के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डॉ. जितेंद्र सिंह जीते.

1994 - भाजपा की सरकार थी, मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत थे

  • राजाखेड़ा विधानसभा में जब सामान्य चुनाव चल रहे थे तो एक प्रत्याशी महेंद्र सिंह की मृत्यु के चलते चुनाव तले और इसके बाद हुए उपचुनाव पर बीजेपी की मनोरमा सिंह ने चुनाव जीता.

1995 - भाजपा की सरकार थी, मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत थे

  • भीलवाड़ा विधानसभा के विधायक जगदीश चंद्र दरक का निधन होने पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की टिकट पर राम रिचपाल नुवाल चुनाव जीते.
  • बांसवाड़ा विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरदेव जोशी के निधन होने पर हुए उपचुनाव में भाजपा के भवानी जोशी चुनाव जीते.
  • बयाना विधानसभा सीट से विधायक रहे बृजराज सिंह के निधन के बाद उपचुनाव हुए जिनमें कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह सूपा चुनाव जीते.

2000 - कांग्रेस की सरकार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे

  • लूणकरणसर विधानसभा शिव विधायक भीम सेन के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के मानिकचंद सुराणा चुनाव जीते.

2002 - कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे

  • बानसूर विधानसभा से विधायक जगत सिंह दायमा के निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के रोहिताश शर्मा चुनाव जीते.
  • सागवाड़ा विधानसभा से विधायक भीखाभाई के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के कनक मल कटारा उपचुनाव जीते.
  • अजमेर पश्चिम विधानसभा शिव विधायक किशन मोटवानी के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के नानकराम जगत राय उपचुनाव में जीते.
    rajasthan byelection sujangarh
    सुजानगढ़ उपचुनाव...

2005 - सरकार भाजपा की थी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं

  • लूणी विधानसभा के विधायक रामसिंह विश्नोई के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के जोगाराम पटेल विधायक बने.

2006 - भाजपा की सरकार थी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं

  • डीग विधानसभा शिव विधायक अरुण सिंह के निधन के चलते हुए उपचुनाव में बीजेपी की दिव्या सिंह उपचुनाव में जीतीं.
  • डूंगरपुर विधानसभा के विधायक नाथूराम अहारी के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के पूंजीलाल परमार विधायक बने.

2017 - सरकार भाजपा की, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं

  • भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी के निधन के चलते मांडलगढ़ विधानसभा में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के विवेक धाकड़ उपचुनाव में जीते.

2018 - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रहे और सरकार कांग्रेस की है

  • सामान्य चुनाव में बसपा के विधायक प्रत्याशी के निधन होने के चलते इस सीट पर बाद में उपचुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस की साफिया जुबेर चुनाव जीतीं.

जयपुर. राजस्थान में उपचुनाव के नतीजों को लेकर 2 मई यानी आज फैसला सामने आ जाएगा. जब यह सामने आ जाएगा कि 3 सीटों पर हुए उपचुनाव में किस पार्टी ने बाजी मारी है. आपको बता दें कि राजस्थान में अब तक विधायकों या सामान्य चुनाव में ही किसी विधायक प्रत्याशी के निधन के चलते 20 बार उपचुनाव हुए हैं. इनमें से 9 उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीता है, 8 बार भारतीय जनता पार्टी ने उपचुनाव में जीत दर्ज की है, तो दो बार जनता पार्टी और एक बार एनसीजे पार्टी के विधायक बने हैं.

जब परिजन उपचुनाव जीतने में नहीं रहे कामयाब...

लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इन 20 उपचुनाव में जिन विधायकों का निधन हुआ, उनकी जगह जब उनके परिजनों को टिकट दिया गया तो जनता ने उन्हें नकारा है. 1965 में राजाखेड़ा विधायक प्रताप सिंह की मृत्यु के बाद उनके बेटे एम. सिंह ने चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए. इसके बाद 1978 में रूपवास विधायक ताराचंद की मृत्यु के बाद उनके बेटे ने चुनाव लड़ा, वह भी चुनाव हार गए. इसके बाद 1988 में खेतड़ी विधायक मालाराम के निधन के बाद उनके बेटे एच लाल को टिकट दिया गया, लेकिन वह भी चुनाव हार गए.

political situation of rajasthan
InfoGFX-1

इसी तरीके से साल 1995 में बयाना विधानसभा से विधायक बृजराज सिंह की मृत्यु के बाद उनके बेटे शिव चरण सिंह को टिकट दिया गया, लेकिन वह भी चुनाव हार गए. यहां तक कि साल 1995 में बांसवाड़ा विधानसभा के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री हरदेव जोशी के निधन के बाद जब उनके बेटे दिनेश जोशी को पार्टी ने टिकट दिया तो वह भी चुनाव नहीं जीत सके.

political situation of rajasthan
InfoGFX-2

नहीं मिला किसी पार्टी को सहानुभूति का लाभ...

यही हाल साल 2000 में हुआ जब लूणकरणसर विधायक भीमसेन की मृत्यु के बाद उनके बेटे वीरेंद्र को टिकट दिया गया, लेकिन वह चुनाव हार गए तो वहीं साल 2002 में सागवाड़ा विधायक भीखाभाई के निधन के बाद उनके बेटे सुरेंद्र कुमार को टिकट दिया गया, लेकिन वह भी चुनाव हार गए. साल 2005 में लूणी विधायक रामसिंह विश्नोई की मृत्यु के बाद उनके बेटे मलखान विश्नोई को टिकट दिया गया, लेकिन वह भी चुनाव हार गए.

political situation of rajasthan
InfoGFX-3

ऐसे में आज तक किसी विधायक के निधन पर उनके परिजनों को टिकट देने पर सहानुभूति का कोई लाभ किसी पार्टी को नहीं मिला है. अब सवाल खड़ा होता है कि राजस्थान में हो रहे 3 विधानसभा सीटों पर जो उप चुनाव हो रहे हैं, उनमें दिवंगत विधायकों के परिजनों ने ही चुनाव लड़ा है. अब यह तीनों दिवंगत विधायकों के परिजन चुनाव जीतकर इतिहास बनाते हैं या फिर चुनाव हार कर इतिहास दोहराते हैं. इस पर सबकी नजर रहेगी.

पढ़ें : उपचुनाव के परिणाम आने के बाद भाजपा में होगी बंपर नियुक्तियां

दरअसल, राजस्थान में हुए 3 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में राजसमंद विधानसभा सीट से भाजपा ने दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति महेश्वरी, सहाड़ा विधानसभा से कांग्रेस के दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री त्रिवेदी को कांग्रेस ने और सुजानगढ़ विधानसभा सीट से मास्टर भंवरलाल मेघवाल के बेटे मनोज मेघवाल को कांग्रेस ने टिकट दिया है, जो सीधे तौर पर सहानुभूति के आधार पर चुनाव जीतने की एक कवायद है.

rajasthan byelection rajsamand
राजसमंद उपचुनाव...

1965 - कांग्रेस की सरकार थी, मोहनलाल सुखाड़िया मुख्यमंत्री थे

  • विधायक प्रताप सिंह के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के दामोदर व्यास राजाखेड़ा से उप चुनाव जीते.

1970- सरकार कांग्रेस की थी, मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया थे

  • नसीराबाद विधानसभा के विधायक वी सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में एनसीजे पार्टी के एस सिंह उपचुनाव जीते.

1978 - जनता पार्टी के भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे

  • रूपवास विधानसभा सीट से विधायक ताराचंद की मृत्यु होने के बाद जनता पार्टी के टिकट पर डी राम उप चुनाव जीते.
  • बनेड़ा विधानसभा सीट पर विधायक उमराव सिंह डाबरिया के निधन के बाद हुए उपचुनाव में जनता पार्टी की टिकट पर कल्याण सिंह कालवी चुनाव जीते.

1982- कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर थे

  • सरदारशहर विधानसभा में विधायक मोहनलाल शर्मा के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कृष्ण चंद ने चुनाव जीता.

1984- कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर थे

  • थानागाजी विधानसभा के विधायक शोभाराम के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डी लाल चुनाव जीते.
    rajasthan byelection sahada
    सहाड़ा उपचुनाव...

1985 - सरकार कांग्रेस की थी

  • करणपुर विधानसभा में सामान्य चुनाव में प्रत्याशी रहे गुम दयाल सिंह की मृत्यु के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुए जिनमें कांग्रेस की उम्मीदवार उपचुनाव जीतीं.

1988 - कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर थे

  • खेतड़ी विधानसभा के विधायक मालाराम के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डॉ. जितेंद्र सिंह जीते.

1994 - भाजपा की सरकार थी, मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत थे

  • राजाखेड़ा विधानसभा में जब सामान्य चुनाव चल रहे थे तो एक प्रत्याशी महेंद्र सिंह की मृत्यु के चलते चुनाव तले और इसके बाद हुए उपचुनाव पर बीजेपी की मनोरमा सिंह ने चुनाव जीता.

1995 - भाजपा की सरकार थी, मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत थे

  • भीलवाड़ा विधानसभा के विधायक जगदीश चंद्र दरक का निधन होने पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की टिकट पर राम रिचपाल नुवाल चुनाव जीते.
  • बांसवाड़ा विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरदेव जोशी के निधन होने पर हुए उपचुनाव में भाजपा के भवानी जोशी चुनाव जीते.
  • बयाना विधानसभा सीट से विधायक रहे बृजराज सिंह के निधन के बाद उपचुनाव हुए जिनमें कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह सूपा चुनाव जीते.

2000 - कांग्रेस की सरकार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे

  • लूणकरणसर विधानसभा शिव विधायक भीम सेन के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के मानिकचंद सुराणा चुनाव जीते.

2002 - कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे

  • बानसूर विधानसभा से विधायक जगत सिंह दायमा के निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के रोहिताश शर्मा चुनाव जीते.
  • सागवाड़ा विधानसभा से विधायक भीखाभाई के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के कनक मल कटारा उपचुनाव जीते.
  • अजमेर पश्चिम विधानसभा शिव विधायक किशन मोटवानी के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के नानकराम जगत राय उपचुनाव में जीते.
    rajasthan byelection sujangarh
    सुजानगढ़ उपचुनाव...

2005 - सरकार भाजपा की थी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं

  • लूणी विधानसभा के विधायक रामसिंह विश्नोई के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के जोगाराम पटेल विधायक बने.

2006 - भाजपा की सरकार थी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं

  • डीग विधानसभा शिव विधायक अरुण सिंह के निधन के चलते हुए उपचुनाव में बीजेपी की दिव्या सिंह उपचुनाव में जीतीं.
  • डूंगरपुर विधानसभा के विधायक नाथूराम अहारी के निधन के चलते हुए उपचुनाव में कांग्रेस के पूंजीलाल परमार विधायक बने.

2017 - सरकार भाजपा की, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं

  • भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी के निधन के चलते मांडलगढ़ विधानसभा में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के विवेक धाकड़ उपचुनाव में जीते.

2018 - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रहे और सरकार कांग्रेस की है

  • सामान्य चुनाव में बसपा के विधायक प्रत्याशी के निधन होने के चलते इस सीट पर बाद में उपचुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस की साफिया जुबेर चुनाव जीतीं.
Last Updated : May 2, 2021, 6:49 AM IST
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