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नहीं रहा नाहरगढ़ का 'राजा'...दुनिया को कह दिया अलविदा - Tiger dies in Rajasthan

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मौजूद इकलौते सफेद बाघ राजा ने बीमारी के चलते मंगलवार को दुनिया को अलविदा कह दिया. सफेद बाघ राजा की तबीयत बिगड़ने पर 1 अगस्त को ब्लड सैंपल लिया गया था. जिसे आईवीआरआई बरेली जांच के लिए भेजा गया था. बाघों की हो रही लगातार मौत से वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर है.

Tiger dies due to creatinine increase, White Tiger raja dies
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सफेद बाघ की मौत
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Published : Aug 4, 2020, 5:44 PM IST

Updated : Aug 4, 2020, 6:05 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से एक दुखद खबर सामने आई है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मौजूद इकलौता सफेद बाघ 'राजा' दुनिया को अलविदा कह गया. आज नाहरगढ़ पार्क के सफेद बाघ की मौत हो गई. सफेद बाघ राजा पिछले कुछ दिनों से बीमार था. 1 अगस्त को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसके ब्लड का सैंपल भी लिया गया था. जिसे आईवीआरआई बरेली जांच के लिए भेजा गया था.

सफेद बाघ राजा की मौत

1 अगस्त को बाघ के यूरिन में खून भी आया था. जिसके बाद वन विभाग ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आईवीआरआई के वैज्ञानिकों की सलाह पर नियमित दवाई शुरू की थी. वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर बाघ का इलाज किया जा रहा था. वन विभाग के अधिकारी भी 24 घंटे मॉनिटरिंग कर रहे थे.

पढ़ें- कोटा: 48 घंटे पहले हुई बाघिन MT-2 की मौत, पेट पर थे चोट के निशान

लेकिन मंगलवार दोपहर में सफेद बाघ राजा ने दम तोड़ दिया. बाघ की मौत होने से वन विभाग में शोक की लहर है. सोमवार को मुकंदरा में बाघिन एमटी-2 की मौत के सदमे से अभी वन्यजीव प्रेमी उबरे भी नहीं थे, कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सफेद बाघ राजा की मौत की सूचना ने पूरे वन्यजीव जगत को झकझोर कर रख दिया है.

Tiger dies due to creatinine increase, White Tiger raja dies
बाघ का अंतिम संस्कार

बाघ का क्रिएटिनिन बढ़ा हुआ बताया जा रहा था. इसके बाद से ही लगातार विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह पर दवाई दी जा रही थी. लेकिन बाघ किडनी की बीमारी से उबर नहीं पाया. हालांकि मौत के कारण का अभी स्पष्ट पता नहीं चल पाया है. बाघ के विसरा सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ पाएगी. वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ का पोस्टमार्टम किया गया. जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि करीब 2 महीने पहले नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के सभी वन्यजीवों की स्क्रीनिंग की गई थी. जिनके किडनी लेवल की जांच के लिए आईवीआरआई से सलाह ली गई थी. जांच रिपोर्ट में सफेद बाघ राजा का क्रिएटिनिन लेवल ज्यादा आया था. पिछले डेढ़ महीने से भाग का इलाज आईवीआरआई के विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार किया जा रहा था.

पढ़ें- बाघिन MT-2 की मौत पर भड़के राजावत, अधिकारियों पर लगाया लापरवाही का आरोप

उन्होंने बताया कि 7 दिन से बाघ ने खाना कम कर दिया था और मंगलवार को दम तोड़ दिया. पहले टाइगर रुद्र की मौत हुई थी तो उसमें भी किडनी की खराबी सामने आई थी. टाइगर राजा की 15 साल उम्र हो गई थी. डॉक्टर्स के मुताबिक ज्यादा उम्र होने की वजह से भी किडनी की प्रॉब्लम हो जाती है. बता दें कि पिछले दिनों सफेद बाघिन सीता की भी मौत हो गई थी. जिसके बाद सफेद बाघ राजा अकेला ही रह गया था.

प्रदेश में सफेद बाघ का एकलौता जोड़ा था. दोनों सफेद बाघ बाघिन की मौत हो चुकी है. इससे पहले नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर रूद्र और एशियाटिक लायन सिद्धार्थ की भी मौत हो चुकी है. लगातार नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की मौत होने से वन विभाग को गहरा सदमा लगा है.

जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से एक दुखद खबर सामने आई है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मौजूद इकलौता सफेद बाघ 'राजा' दुनिया को अलविदा कह गया. आज नाहरगढ़ पार्क के सफेद बाघ की मौत हो गई. सफेद बाघ राजा पिछले कुछ दिनों से बीमार था. 1 अगस्त को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसके ब्लड का सैंपल भी लिया गया था. जिसे आईवीआरआई बरेली जांच के लिए भेजा गया था.

सफेद बाघ राजा की मौत

1 अगस्त को बाघ के यूरिन में खून भी आया था. जिसके बाद वन विभाग ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आईवीआरआई के वैज्ञानिकों की सलाह पर नियमित दवाई शुरू की थी. वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर बाघ का इलाज किया जा रहा था. वन विभाग के अधिकारी भी 24 घंटे मॉनिटरिंग कर रहे थे.

पढ़ें- कोटा: 48 घंटे पहले हुई बाघिन MT-2 की मौत, पेट पर थे चोट के निशान

लेकिन मंगलवार दोपहर में सफेद बाघ राजा ने दम तोड़ दिया. बाघ की मौत होने से वन विभाग में शोक की लहर है. सोमवार को मुकंदरा में बाघिन एमटी-2 की मौत के सदमे से अभी वन्यजीव प्रेमी उबरे भी नहीं थे, कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सफेद बाघ राजा की मौत की सूचना ने पूरे वन्यजीव जगत को झकझोर कर रख दिया है.

Tiger dies due to creatinine increase, White Tiger raja dies
बाघ का अंतिम संस्कार

बाघ का क्रिएटिनिन बढ़ा हुआ बताया जा रहा था. इसके बाद से ही लगातार विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह पर दवाई दी जा रही थी. लेकिन बाघ किडनी की बीमारी से उबर नहीं पाया. हालांकि मौत के कारण का अभी स्पष्ट पता नहीं चल पाया है. बाघ के विसरा सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ पाएगी. वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ का पोस्टमार्टम किया गया. जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि करीब 2 महीने पहले नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के सभी वन्यजीवों की स्क्रीनिंग की गई थी. जिनके किडनी लेवल की जांच के लिए आईवीआरआई से सलाह ली गई थी. जांच रिपोर्ट में सफेद बाघ राजा का क्रिएटिनिन लेवल ज्यादा आया था. पिछले डेढ़ महीने से भाग का इलाज आईवीआरआई के विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार किया जा रहा था.

पढ़ें- बाघिन MT-2 की मौत पर भड़के राजावत, अधिकारियों पर लगाया लापरवाही का आरोप

उन्होंने बताया कि 7 दिन से बाघ ने खाना कम कर दिया था और मंगलवार को दम तोड़ दिया. पहले टाइगर रुद्र की मौत हुई थी तो उसमें भी किडनी की खराबी सामने आई थी. टाइगर राजा की 15 साल उम्र हो गई थी. डॉक्टर्स के मुताबिक ज्यादा उम्र होने की वजह से भी किडनी की प्रॉब्लम हो जाती है. बता दें कि पिछले दिनों सफेद बाघिन सीता की भी मौत हो गई थी. जिसके बाद सफेद बाघ राजा अकेला ही रह गया था.

प्रदेश में सफेद बाघ का एकलौता जोड़ा था. दोनों सफेद बाघ बाघिन की मौत हो चुकी है. इससे पहले नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर रूद्र और एशियाटिक लायन सिद्धार्थ की भी मौत हो चुकी है. लगातार नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की मौत होने से वन विभाग को गहरा सदमा लगा है.

Last Updated : Aug 4, 2020, 6:05 PM IST
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