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जयपुर: 400 से ज्यादा राशन दुकानों पर पहुंचा गेहूं और चना, लापरवाही बरतने पर 18 सरकारी कर्मचारियों को नोटिस

लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोगों के लिए राज्य सरकार ने उन्हें 2 महीने का गेहूं और प्रति परिवार 2 किलो चना निशुल्क दिए जाने का निर्णय लिया गया था. ऐसे में लोगों के दिया जाने वाला गेहूं 400 से अधिक उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंच चुका है. वहीं 20 जून को ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने पर 18 राजकीय कर्मचारियों को जिला रसद विभाग ने नोटिस भी जारी किया है.

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Published : Jun 21, 2020, 2:41 PM IST

बेरोजगार हुए लोगों को राशन वितरण, Ration distribution to unemployed people
बेरोजगार हुए लोगों को राशन वितरण

जयपुर. विशेष श्रेणी के लोगों और प्रवासियों को दिए जाने वाला गेहूं अब तक 400 से अधिक उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंच चुका है और इन दुकानों पर लगातार प्रवासियों और विशेष श्रेणी के लोगों को गेहूं और साबुत चने का वितरण किया जा रहा है. साथ ही जिला रसद विभाग ने उचित मूल्य की ड्यूटी पर नहीं पहुंचने के कारण 18 सरकारी कर्मचारियों का नोटिस दिया हैं.

बेरोजगार हुए लोगों को राशन वितरण

लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोगों के लिए राज्य सरकार ने 37 श्रेणी बनाई थी. उन्हें 2 महीने का गेहूं और प्रति परिवार 2 किलों चना निशुल्क दिए जाने का निर्णय लिया गया था. इनका सर्वे का काम पहले ही पूरा हो चुका है. इनको गेहूं 12 जून से दिया जाना शुरू करना था, लेकिन एफसीआई से समय पर गेहूं नहीं पहुंचने के कारण गेहूं का वितरण नहीं किया गया.

पढ़ेंः बाड़मेर: विधायक मेवाराम जैन ने किया राजकीय अस्पताल का निरीक्षण, व्यवस्थाओं का लिया जायजा

इसके बाद गेहूं का वितरण 15 जून से शुरू किया गया था. 15 जून को मात्र 61 दुकानों से गेहूं का वितरण किया गया और उचित मूल्य की दुकानों पर कई अव्यवस्था भी देखने को मिली. लोगों की भीड़ उचित मूल्य की दुकान पर पहुंच गई. उचित मूल्य की दुकांनों पर धीरे धीरे गेहूं पहुंचने के कारण लोगों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

जिला रसद अधिकारी जयपुर शहर कनिष्क सैनी ने बताया कि शनिवार तक 400 से अधिक उचित मूल्य की दुकानों पर विशेष श्रेणी और प्रवासियों के लिए गेहूं और चना पहुंच चुका है. प्रत्येक व्यक्ति को 2 महीने के लिए 10 किलो गेहूं और 2 किलोग्राम चना प्रति परिवार वितरण किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि जल्द ही सभी उचित मूल्य की दुकानों पर भी जल्द ही गेहूं की आपूर्ति पहुंचा दी जाएगी. उन्होंने बताया की कई दुकानें तो ऐसी है, जहां स्टॉक खत्म हो चुका है. उचित मूल्य की दुकानों पर आधार में जन आधार अपडेशन, लाभार्थी पंजीयन और अन्य कार्य के लिए राजकीय कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था.

पढ़ेंः COVID-19: प्रदेश में 381 रिकॉर्ड कोरोना पॉजिटिव केस आए सामने, कुल आंकड़ा पहुंचा 14,537 पर

इनमें अधिकतर बीएलओ को लगाया गया था. 20 जून को ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने पर 18 राजकीय कर्मचारियों को जिला रसद विभाग ने नोटिस भी जारी किया है. जिला रसद विभाग ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस दिया.

जयपुर. विशेष श्रेणी के लोगों और प्रवासियों को दिए जाने वाला गेहूं अब तक 400 से अधिक उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंच चुका है और इन दुकानों पर लगातार प्रवासियों और विशेष श्रेणी के लोगों को गेहूं और साबुत चने का वितरण किया जा रहा है. साथ ही जिला रसद विभाग ने उचित मूल्य की ड्यूटी पर नहीं पहुंचने के कारण 18 सरकारी कर्मचारियों का नोटिस दिया हैं.

बेरोजगार हुए लोगों को राशन वितरण

लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोगों के लिए राज्य सरकार ने 37 श्रेणी बनाई थी. उन्हें 2 महीने का गेहूं और प्रति परिवार 2 किलों चना निशुल्क दिए जाने का निर्णय लिया गया था. इनका सर्वे का काम पहले ही पूरा हो चुका है. इनको गेहूं 12 जून से दिया जाना शुरू करना था, लेकिन एफसीआई से समय पर गेहूं नहीं पहुंचने के कारण गेहूं का वितरण नहीं किया गया.

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इसके बाद गेहूं का वितरण 15 जून से शुरू किया गया था. 15 जून को मात्र 61 दुकानों से गेहूं का वितरण किया गया और उचित मूल्य की दुकानों पर कई अव्यवस्था भी देखने को मिली. लोगों की भीड़ उचित मूल्य की दुकान पर पहुंच गई. उचित मूल्य की दुकांनों पर धीरे धीरे गेहूं पहुंचने के कारण लोगों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

जिला रसद अधिकारी जयपुर शहर कनिष्क सैनी ने बताया कि शनिवार तक 400 से अधिक उचित मूल्य की दुकानों पर विशेष श्रेणी और प्रवासियों के लिए गेहूं और चना पहुंच चुका है. प्रत्येक व्यक्ति को 2 महीने के लिए 10 किलो गेहूं और 2 किलोग्राम चना प्रति परिवार वितरण किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि जल्द ही सभी उचित मूल्य की दुकानों पर भी जल्द ही गेहूं की आपूर्ति पहुंचा दी जाएगी. उन्होंने बताया की कई दुकानें तो ऐसी है, जहां स्टॉक खत्म हो चुका है. उचित मूल्य की दुकानों पर आधार में जन आधार अपडेशन, लाभार्थी पंजीयन और अन्य कार्य के लिए राजकीय कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था.

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इनमें अधिकतर बीएलओ को लगाया गया था. 20 जून को ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने पर 18 राजकीय कर्मचारियों को जिला रसद विभाग ने नोटिस भी जारी किया है. जिला रसद विभाग ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस दिया.

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