जयपुर. राजधानी जयपुर में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने सबसे पहले लॉकडाउन लागू किया था. लेकिन जब संक्रमण के मामले ज्यादा हो गए तो कई जिलों में 'कर्फ्यू' और 'महा कर्फ्यू' लगाया गया. आइए जानते हैं आखिर 'लॉकडाउन', 'कर्फ्यू' और 'महा कर्फ्यू' में क्या अंतर होता है.
'लॉकडाउन' में नहीं होती ज्यादा पाबंदी..
लॉकडाउन के दौरान व्यक्ति को अपने घर से आवश्यक कार्यों के लिए बाहर निकलने की छूट होती है. वहीं 'कर्फ्यू' और 'महा कर्फ्यू' के दौरान व्यक्ति अपने घर से बाहर नहीं निकल सकता है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आमजन को घर से बाहर निकलने पर पाबंदी नहीं होती है.
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आवश्यक कार्य और खाद्य पदार्थों को लाने ले जाने के लिए व्यक्ति अपने घर से बाहर निकल सकता है. लॉकडाउन के दौरान व्यक्ति अपने वाहनों का प्रयोग नहीं कर सकता और यदि वाहन का प्रयोग करते हुए कोई व्यक्ति पाया जाता है, तो वाहन को सीज करने की कार्रवाई पुलिस की ओर से की जाती है.
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'कर्फ्यू' में रहती है सख्त पाबंदी और विशेष निगरानी..
कर्फ्यू के दौरान व्यक्ति को अपने घर से बाहर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी होती है. कर्फ्यू के दौरान केवल वही व्यक्ति अपने घर से बाहर निकल सकता है, जिसे प्रशासन की ओर से पास बनाकर दिया जाता है. इसके साथ ही खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के लिए और आवश्यक सामान खरीदने के लिए आमजन को कर्फ्यू में तय समय के लिए बाहर निकलने की छूट दी जाती है.
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जिस दौरान व्यक्ति रोजमर्रा का सामान खरीद सकता है. इसके साथ ही कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र में पुलिस की विशेष निगरानी रहती है. कर्फ्यू की शर्तों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा सकता है.
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'महा कर्फ्यू' में रद्द हो जाते हैं सभी पास, बढ़ जाती है सख्ती..
महा कर्फ्यू के दौरान किसी भी व्यक्ति को अपने घर से बाहर निकलने की छूट नहीं दी जाती है. प्रशासन की ओर से कर्फ्यू के वक्त जारी किए गए तमाम पास निरस्त कर दिए जाते हैं. इसके साथ ही खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति भी प्रशासन की ओर से की जाती है.
केवल मेडिकल इमरजेंसी होने पर ही विशेष परिस्थितियों में व्यक्ति को बाहर जाने की अनुमति प्रदान की जाती है. महा कर्फ्यू के दौरान कोई भी बाहरी व्यक्ति क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकता है और ना ही कर्फ्यू क्षेत्र से कोई व्यक्ति बाहर जा सकता है.
महा कर्फ्यू के दौरान सख्ती
- महा कर्फ्यू के दौरान कोई भी व्यक्ति अपने घर से बाहर नहीं निकल सकता है. जिस क्षेत्र में महा कर्फ्यू लगाया जाता है उस क्षेत्र में रहने वाले पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी, पत्रकार और अन्य विभागों से संबंधित कर्मचारी भी अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकते.
- महा कर्फ्यू के दौरान प्रशासन की ओर से लोगों को जारी किए गए तमाम पास निरस्त कर दिए जाते हैं. कर्फ्यू के दौरान जिन लोगों को पास के जरिए क्षेत्र में आने जाने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है. उन तमाम लोगों की सुविधाओं को प्रशासन की ओर से समाप्त कर दिया जाता है. इसके साथ ही अवहेलना करने पर CRPC की धारा 144 के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है.
- खाद्य सामग्री, दवाई और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रशासन के माध्यम से ही लोगों के घरों तक उपलब्ध करवाई जाती है. महा कर्फ्यू के दौरान यदि किसी भी व्यक्ति को मेडिकल इमरजेंसी होती है, तो वह पुलिस से संपर्क कर मेडिकल इमरजेंसी का लाभ ले सकता है. इसके लिए व्यक्ति को पुलिस कंट्रोल रूम में या फिर इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करना अनिवार्य होता है.
- महा कर्फ्यू के दौरान यदि कोई व्यक्ति आदेशों की अवहेलना करता है, तो उसे गिरफ्तार किया जाता है. वहीं, अगर वाहन पर घूमता हुआ कोई व्यक्ति पाया जाता है, तो उसका वाहन सीज करने के साथ ही उस व्यक्ति को भी पुलिस गिरफ्तार करती है. इस दौरान आदेशों की अवहेलना करने वाले व्यक्ति को नेशनल डिजास्टर एक्ट, राजस्थान एपिडेमिक एक्ट और धारा 144 के उल्लंघन के अंतर्गत गिरफ्तार किया जाता है.
- महा कर्फ्यू के दौरान क्षेत्र में पुलिस की सख्ती काफी बढ़ जाती है और पूरे क्षेत्र में पुलिस की अलग-अलग मोबाइल पार्टियों के माध्यम से लगातार गश्त की जाती है. इस दौरान यदि कोई व्यक्ति अपने घर की छत पर भी पाया जाता है तो उसे पुलिस की ओर से गिरफ्तार किया जाता है. इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति मेडिकल टीम का सहयोग नहीं करता है, तो उसे भी राजकार्य में बाधा समेत नेशनल डिजास्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाता है.