जयपुर. मानसिक स्वास्थ्य अभियान के तहत कोरोना संक्रमण काल में किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर वेबिनार का आयोजन किया. जहां पर वरिष्ठ मनोचिकित्सक और शिक्षकों ने किशोरावस्था में होने वाली मानसिक परेशानियों के बारे में चर्चा की. साथ ही चिंता, अवसाद, चिड़चिड़ापन, नशा और मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव और मानसिक समस्याओं के बारे में जानकारी दी.
इस मौके पर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. मनस्वी गौतम ने इन बीमारियों से बचने के लिए सकारात्मक व्यक्तित्व, बेहतर संवाद की आवश्यकता, सृजनशीलता, जीवन शैली में परिवर्तन पर सुझाव दिए. उन्होंने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 'सबके लिए मानसिक स्वास्थ्य-बेहतर निवेश एवं सबकी पहुंच' विषय पर जानकारी दी कि निवेश सिर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना भी है. इसमें समाचार पत्रों, सरकारी कार्यक्रमों, शैक्षणिक संस्थाओं और इंटरनेट सोशल मीडिया की अहम भूमिका है.
उन्होंने कहा कि, हमारे देश में मानसिक रोगों को कलंक की तरह माना जाता है. इसलिए जन जागरण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक अभियान और जन जागृति की आवश्यकता है. दरअसल कोरोना संक्रमण काल में एक ओर इंटरनेट के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई एक वरदान साबित हो रही है. वहीं हमें सोशल मीडिया के प्रति व्यवहारिक लत होने के खतरे से भी सावधान रहना पड़ेगा. इस कोरोना काल में अपने आप को सकारात्मक तरीके से किस तरह से मानसिक संबल दे सकते है उसको लेकर भी विशेषज्ञों ने जानकारी साझा की.