जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलक्टरों और जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो कन्टींजेन्सी प्लान (Contingency Plan For Water Supply In Rajasthan) को संवेदनशीलता के साथ बनाने और निभाने का आदेश जारी किया है.
सीएम ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 21 मार्च से दो महीनों तक प्रस्तावित नहरबंदी (Closure Of Canal In Rajasthan) को देखते हुए भी निर्देश जारी किया है, परियोजना क्षेत्र से जुड़े जिलों में पेयजल का अग्रिम प्रबंधन (advance management) करें ताकि नहरबंदी अवधि में अंतिम छोर तक लोगों को पेयजल की समस्या से न जूझना पड़े.
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वीसी के जरिए समीक्षा: सीएम गहलोत ने सोमवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नहरबंदी एवं गर्मियों में पेयजल आपूर्ति की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष में भी राज्य सरकार के सतत प्रयासों से इंदिरा गांधी नहरी तंत्र की रिलाइनिंग का ऐतिहासिक काम किया गया था.
उस समय भी करीब 2 माह की नहरबंदी के बावजूद अधिकारियों ने पूरी मुस्तैदी से काम कर आमजन को कोई तकलीफ नहीं आने दी और परियोजना क्षेत्र से जुडे़ सभी दस जिलों में सुचारू जलापूर्ति सुनिश्चित की. अधिकारी आगे भी इसी सोच और पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य योजना बनाकर आगे बढ़ें. मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल एक संवेदनशील विषय है. ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाए कि नहरबंदी के दौरान पेयजल उपलब्धता को लेकर आमजन को कोई परेशानी न हो. नहरबंदी से पूर्व समस्त जल भंडारण स्रोत पूर्ण क्षमता तक भर लिए जाएं ताकि अंतिम छोर तक पेयजल उपलब्ध करवाया जा सके.
पानी चोरी रोकने हो का प्रयास : सीएम गहलोत ने कहा कि पानी की चोरी रोकने के लिए पेट्रोलिंग की प्रभावी व्यवस्था हो तथा सभी संबंधित विभाग इस दौरान पूर्ण समन्वय के साथ कार्य करें. गहलोत ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि वे जिलों में पेयजल की अतिरिक्त आवश्यकता का आंकलन करते हुए आकस्मिक व्यवस्थाएं अमल में लाएं. पेयजल आपूर्ति की नियमित मॉनिटरिंग करें. जहां भी आवश्यकता हो टैंकरों से जल आपूर्ति, नए हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल स्थापित करने तथा बिना किसी व्यवधान के बिजली आपूर्ति (uninterrupted power supply During Naharbandi) सुनिश्चित कराएं. पेयजल संबंधी उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएं.
कुछ दिन प्रभावित होगी जल आपूर्ति: मुख्यमंत्री ने इस दौरान बीकानेर एवं जोधपुर संभागों के संभागीय आयुक्तों, जिला कलक्टरों तथा जलदाय विभाग के अभियंताओं से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. उन्होंने कहा कि पाली एवं रोहट की पेयजल समस्या के स्थायी समाधान की योजना तैयार की जाए .
इन जिलों में नहरबंदी: बैठक में बताया गया कि इंदिरा गांधी फीडर में रि-लाइनिंग के कारण 21 मार्च से 19 मई तक क्लोजर प्रस्तावित है। जिसमें 21 मार्च से 19 अप्रैल तक 30 दिन आंशिक नहरबंदी तथा 19 अप्रैल से 19 मई तक 30 दिन पूर्ण नहरबंदी संभावित है. इससे बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बाड़मेर जिले पूर्णतः तथा सीकर एवं झुंझुनूं जिले आंशिक रूप से प्रभावित रहेंगे. इस अवधि में पेयजल की उपलब्धता के लिए विभाग ने डिग्गियों, टैंक आदि जल स्रोतों में पानी का स्टोरेज कर पेयजल आपूर्ति बनाए रखने की योजना तैयार की है . कहीं भी लोगों को समस्या नहीं आने दी जाएगी .
कंटीजेन्सी प्लान तैयार: बैठक में सामने आया कि गर्मी को देखते हुए सभी जिला कलेक्टरों को कंटीजेन्सी कार्याें के लिए 50-50 लाख रूपए उपलब्ध करा दिए गए हैं, ताकि आकस्मिक आवश्यकताओं को देखते हुए हैंण्डपंप मरम्मत, टैंकरों से जल आपूर्ति, नए नलकूप खोदने आदि कार्य तत्काल किए जा सकें. ये राशि खर्च होने पर आवश्यकतानुसार और भी अधिक राशि दी जा सकेगी.