जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 24 फरवरी को बजट पेश करने वाले हैं. इस बजट का आम जनता बेसब्री से इंतजार कर रही है. जनता के अलावा सरकारी कर्मचारियों में भी आम बजट को लेकर उत्सुकता हैं. जलदाय विभाग के कर्मचारी भी इसमें पीछे नहीं हैं और वह भी इस बजट से उम्मीदें लगाए बैठे हैं. खासकर वेतन कटौती का दंश झेल रहे कर्मचारियों को इस बजट से खासी उम्मीदें हैं. जलदाय विभाग के कर्मचारी और अधिकारी पदोन्नति और वेतन कटौती का दंश झेल रहे हैं. आए दिन कर्मचारी सरकार से वेतन कटौती खत्म करने की मांग कर रहे हैं.
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राजस्थान पीएचईडी तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष विजय ने बताया कि जलदाय विभाग के कर्मचारी आम बजट का इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद है कि जिन कर्मचारियों की वेतन कटौती की जा रही है, उन्हें इन बजट में राहत मिलेगी. जिन कर्मचारियों का वेतन कट रहा है, उन्हें वेतन वापस लौटा दिया जाए. साथ ही पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि एक सबसे बड़ी समस्या निविदा और संविदा पर लगे कर्मचारियों की है. बरसों से इन कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. इसके लिए मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने सरकार को रिपोर्ट भी दी है. उम्मीद है कि संविदा पर लगे कर्मचारियों को भी जल्द ही नियमित किया जाएगा.
संतोष विजय ने कहा कि पदनाम परिवर्तन की मेडिकल और अन्य विभागों की पत्रावलियों का भी जल्द ही निस्तारण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जलदाय विभाग सहित जनता से जुड़े हुए अन्य विभागों में कई सालों से नई भर्तियां नहीं निकाली गई हैं. 2013 में जो भर्ती निकाली गई थी वह भी अभी तक लंबित चल रही हैं. इस बजट से बेरोजगारों, कर्मचारियों और संविदा कर्मियों को फायदा होगा.
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राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रवक्ता देवी सिंह भाटी ने बताया कि वर्तमान में सरकार ने कोरोना के चलते नई भर्तियों पर रोक लगा रखी है. हमारे पीएचईडी की पहुंच हर गांव, ढाणी तक है और कई नए कार्यालय भी खोले गए हैं. नए कार्यालयों के मुकाबले पद सृजित नहीं किए जा रहे. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार भर्ती से रोक हटाए ताकि नए कर्मचारियों की भर्ती की जा सके. देवी सिंह भाटी ने वेतन कटौती पर भी रोक लगाने की मांग की और जिनकी वेतन कटौती की गई है, उसका पैसा कर्मचारियों को वापस दिया जाए.
जलदाय विभाग के कर्मचारी राम अवतार शर्मा ने बताया कि सरकार ने 30 अक्टूबर 2017 को एक आदेश निकाला. जिसके तहत कर्मचारियों की कटौती की जा रही है. आने वाले बजट में सरकार को यह आदेश वापस लेना लेना चाहिए ताकि कर्मचारियों को राहत मिले. उन्होंने सभी वर्गों की वेतन विसंगति दूर करने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी ही सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाता है, इसलिए सरकारी कर्मचारियों को राहत जरूर देनी चाहिए.