जयपुर. गर्मियों के सीजन में जनता की पेयजल संबंधी समस्याओं के नियमित समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. सभी अधिकारी अपने मोबाइल 24 घंटे ऑन (Mahesh Joshi directions for drinking water problems) रखें. किसी भी स्रोत से पेयजल आपूर्ति से संबंधी प्रकरण प्राप्त होने पर उसका तत्परता से निदान किया जाएगा. यह निर्देश जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बुधवार को दिए.
जोशी ने कहा कि विभाग ने एक पोर्टल विकसित करने का निर्णय लिया है, जिसके माध्यम से जल प्रबंधन की सूचनाएं आम जनता तक पहुंचाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि गर्मियों में पेयजल प्रबंधन को चुनौती के रूप में लिया जाए और अधिकारी जनता की अपेक्षाओं पर खुद को खरा साबित करने के लिए सजगता से प्रयास करें. जोशी बुधवार ने जल भवन में प्रदेश में ग्रीष्मकाल और इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र से जुड़े 10 जिलों में नहरबंदी के दौरान पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग से राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
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जलदाय मंत्री ने कहा कि आमजन के प्रकरणों का सही मायने में समाधान होना चाहिए, अगर कहीं भी दिखावे के लिए समाधान की शिकायत मिली, तो इसे सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सम्पर्क हेल्पलाइन और विभाग के तहत राज्य एवं जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्षों से प्राप्त होने वाले प्रकरणों के फील्ड अधिकारियों द्वारा निस्तारण के बाद रीजन स्तर पर उच्च अधिकारी उसकी रैंडम चैकिंग करेंगे. इसके अलावा मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को जिला प्रभारी बनाने की जो व्यवस्था लागू की गई है, उसके आधार पर भी विभाग में उच्च स्तर से पेयजल प्रबंधन की मॉनिटरिंग होगी. जिला एवं रीजन स्तर पर जनता की शिकायतों के निवारण के लिए की गई कार्रवाई की प्रदेश स्तर पर जांच की जाएगी. पोर्टल के माध्यम से भी अधिकारियों के कार्यों की निगरानी होगी.
जलदाय मंत्री ने निर्देश दिए कि जिलों में कंटीजेंसी प्लान के तहत सभी आवश्यक स्वीकृतियां शीघ्रता से जारी की जाएं. विभागीय अधिकारी जिला कलक्टर्स से समन्वय रखें. अगर कहीं भी कंटीजेंसी के तहत स्वीकृत राशि के अलावा और आकस्मिक कार्य जरूरी हो, तो राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लेकर अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत की जाएगी. उन्होंने सभी जिलों में जनप्रतिनिधियों की ओर से प्राप्त होने वाले सुझावों को भी तवज्जो देने और विशेष क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुरूप टैंकरों से पानी पहुंचाने की व्यवस्था का पारदर्शिता के साथ संचालन करने के भी निर्देश दिए.
डॉ. जोशी ने कहा कि गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है इसे देखते हुए सभी जिलों में विधानसभा वार जो ट्यूबवेल और हैंडपम्प स्वीकृत किए गए हैं, उनकी कमिश्निंग का कार्य आगामी 30 अप्रैल तक हर हाल में पूरा किया जाए. यदि इस अवधि तक कहीं पर इनकी कमिश्निंग नहीं हो पाती है, तो अधिकारियों को उसका वाजिब कारण बताना होगा. इस अवधि के बाद पूरे प्रदेश में ट्यूबवेल और हैंडपम्प कमिश्निंग की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. अगर कहीं पर भी बिना किसी ठोस कारण के अधिकारियों की लापरवाही सामने आती है, तो सख्त एक्शन लिया जाएगा.