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रीटा चौधरी और हरेंद्र मिर्धा को टिकट मिलने पर विवेक बंसल ने क्या कहा, खुद सुनिए

रीटा चौधरी और हरेंद्र मिर्धा के नामांकन के साथ ही कांग्रेस पर लगे परिवारवाद के आरोप पर विवेक बंसल ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि उपचुनाव में परिस्थितियां और प्रत्याशी का जातिगत समीकरण के आधार पर टिकट मिलता है. बंसल ने सर्वे को भी टिकट देने का आधार बताया है.

jaipur news, राजस्थान उपचुनाव की खबर
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Published : Sep 30, 2019, 10:05 PM IST

जयपुर. राजस्थान में दो विधानसभा के उपचुनाव के लिए अब भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए हैं. बात करें कांग्रेस की तो दोनों प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा और रीटा चौधरी अपना-अपना नामांकन सोमवार को दाखिल कर चुके हैं. लेकिन जब से यह दोनों नाम सामने आए हैं, उसके बाद से एक बार फिर कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगा है.

कांग्रेस के टिकट पर प्रदेश प्रभारी बंसल का बयान

कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने उन परिवारों के सदस्यों को टिकट दिया है जो कांग्रेस के दिग्गज जाट परिवारों से आते हैं. जहां हरेंद्र मिर्धा नागौर के मिर्धा परिवार की विरासत संभाल रहे हैं तो वहीं रीटा चौधरी मंडावर से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की. इन टिकटों के बाद कांग्रेस में एक बार फिर से चर्चा होने लगी है कि चुनाव कोई भी हो कांग्रेस में परिवारवाद की छाया हमेशा रहेगी. वहीं, परिवारवाद को लेकर सोमवार को कांग्रेस के राजस्थान सह प्रभारी और एआईसीसी सचिव विवेक बंसल ने कहा कि परिवारवाद के आरोपों से वह सहमत नहीं हैं.

पढ़ें : ड्रग्स रैकेट का खुलासा करवाने वाले विधायक बिधूड़ी बोले- मुझे जान का खतरा, लेकिन मेरा 'मिशन' जारी रहेगा

बंसल ने कहा कि केवल परिवारवाद की बात होती तो हरेंद्र मिर्धा की टिकट विधानसभा चुनाव में नहीं कटती. उन्होंने कहा कि हर चुनाव में समीकरण, परिस्थितियां और जातिगत समीकरण बदलते हैं और उन्हीं समीकरणों को देखते हुए इस बार भी यह टिकट दिए गए हैं. बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नियम बनाया था कि कांग्रेस दो बार हारने वाले प्रत्याशियों को टिकट नहीं देगी. ऐसे में रीटा चौधरी जो लगातार तीन चुनाव हार चुकी हैं तो उनके टिकट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

हालांकि दोनों ही एक बार निर्दलीय चुनाव हारे हैं तो हरेंद्र मिर्धा का टिकट विधानसभा के मुख्य चुनाव में कांग्रेस ने इसी आधार पर काट दिया था. लेकिन लगातार तीन बार हारने वाले नेताओं को टिकट देने की बात पर बंसल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भी विशेष परिस्थितियों में टिकट दिए गए थे. इस बार उपचुनाव में जो टिकट दिया गया है, उसमें पार्टी के उस सर्वे पर भी ध्यान दिया गया है जिसमें यह प्रत्याशी ही जीत के लिए सबसे प्रबल दिखाई दे रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान में दो विधानसभा के उपचुनाव के लिए अब भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए हैं. बात करें कांग्रेस की तो दोनों प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा और रीटा चौधरी अपना-अपना नामांकन सोमवार को दाखिल कर चुके हैं. लेकिन जब से यह दोनों नाम सामने आए हैं, उसके बाद से एक बार फिर कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगा है.

कांग्रेस के टिकट पर प्रदेश प्रभारी बंसल का बयान

कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने उन परिवारों के सदस्यों को टिकट दिया है जो कांग्रेस के दिग्गज जाट परिवारों से आते हैं. जहां हरेंद्र मिर्धा नागौर के मिर्धा परिवार की विरासत संभाल रहे हैं तो वहीं रीटा चौधरी मंडावर से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की. इन टिकटों के बाद कांग्रेस में एक बार फिर से चर्चा होने लगी है कि चुनाव कोई भी हो कांग्रेस में परिवारवाद की छाया हमेशा रहेगी. वहीं, परिवारवाद को लेकर सोमवार को कांग्रेस के राजस्थान सह प्रभारी और एआईसीसी सचिव विवेक बंसल ने कहा कि परिवारवाद के आरोपों से वह सहमत नहीं हैं.

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बंसल ने कहा कि केवल परिवारवाद की बात होती तो हरेंद्र मिर्धा की टिकट विधानसभा चुनाव में नहीं कटती. उन्होंने कहा कि हर चुनाव में समीकरण, परिस्थितियां और जातिगत समीकरण बदलते हैं और उन्हीं समीकरणों को देखते हुए इस बार भी यह टिकट दिए गए हैं. बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नियम बनाया था कि कांग्रेस दो बार हारने वाले प्रत्याशियों को टिकट नहीं देगी. ऐसे में रीटा चौधरी जो लगातार तीन चुनाव हार चुकी हैं तो उनके टिकट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

हालांकि दोनों ही एक बार निर्दलीय चुनाव हारे हैं तो हरेंद्र मिर्धा का टिकट विधानसभा के मुख्य चुनाव में कांग्रेस ने इसी आधार पर काट दिया था. लेकिन लगातार तीन बार हारने वाले नेताओं को टिकट देने की बात पर बंसल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भी विशेष परिस्थितियों में टिकट दिए गए थे. इस बार उपचुनाव में जो टिकट दिया गया है, उसमें पार्टी के उस सर्वे पर भी ध्यान दिया गया है जिसमें यह प्रत्याशी ही जीत के लिए सबसे प्रबल दिखाई दे रहे हैं.

Intro:उपचुनाव के लिए कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों रीटा चौधरी और हरेंद्र मिर्धा ने किया नामांकन दाखिल लेकिन नामांकन के साथ ही कांग्रेस पर लगे आरोप परिवारवाद के कांग्रेस से प्रभारी विवेक बंसल बोले उपचुनाव में परिस्थिति समीकरण और प्रत्याशी का जातिगत समीकरण के आधार पर मिलता है टिकट केवल कांग्रेस परिवार ही नहीं बल्कि सर्वे को बनाया आधार तो वहीं लगातार हारने वाले इन प्रत्याशियों को टिकट देने पर भोले बंसल उपचुनाव में दिया है जिताऊ को ही टिकट


Body:राजस्थान में 2 विधानसभा के उपचुनाव के लिए अब भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए हैं बात करें कांग्रेस की तो दोनों प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा और रीटा चौधरी अपना-अपना नामांकन आज दाखिल कर चुके हैं लेकिन जब से यह दोनों नाम सामने आए हैं उसके बाद से एक आरोप एक बार फिर से कांग्रेस के ऊपर लगा है और वह है परिवारवाद का कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने उन परिवारों के सदस्यों को टिकट दिया है जो कांग्रेस के दिग्गज जाट परिवारों से आते हैं जहां हरेंद्र मिर्धा नागौर के मिर्धा परिवार की विरासत संभाल रहे हैं तो वहीं रीटा चौधरी मंडावर से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की इन टिकटों के बाद कांग्रेसमें एक बार फिर से चर्चा हो गई है कि चुनाव कोई भी हो कांग्रेस में परिवारवाद की छाया हमेशा रहेगी वही परिवारवाद को लेकर आज कांग्रेस के राजस्थान सह प्रभारी और एआईसीसी सचिव विवेक बंसल ने कहा परिवारवाद के आरोपों से वह सहमत नहीं है और अगर केवल परिवारवाद की बात होती तो हरेंद्र पिता की टिकट विधानसभा चुनाव में नहीं करती बंसल ने कहा कि हर चुनाव में समीकरण परिस्थितियां और जातिगत समीकरण बदलते हैं और उन्हीं समीकरणों को देखते हुए इस बार भी यह टिकट दिए गए हैं वहीं इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नियम बनाया था कि कांग्रेस दो बार हारने वाले प्रत्याशियों को टिकट नहीं देगी ऐसे रीटा चौधरी जो लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं उनके टिकट पर उस आधार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं हालांकि दोनों ही एक बार निर्दलीय चुनाव हारे हैं तो हरेंद्र मिर्धा का टिकट विधानसभा के मुख्य चुनाव में कांग्रेस ने इसी आधार पर काट दिया था लेकिन लगातार तीन बार हारने वाले नेताओं को टिकट देने की बात पर बंसल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भी विशेष परिस्थितियों में टिकट दिए गए थे और इस बार उपचुनाव में जो टिकट दिया गया है उसमें पार्टी के उस सर्वे का भी ध्यान दिया गया है जिसमें यह प्रत्याशी ही जीत के लिए सबसे प्रबल दिखाई दे रहे हैं
विवेक बंसल सह प्रभारी राजस्थान प्रदेश कांग्रेस


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