जयपुर. राजस्थान में सियासी घमासान और पार्टी गुटबाजी कांग्रेस में ही नहीं बल्कि बीजेपी की भी सामने आ रही है. सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने और पिछले कुछ वक्त से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रिय नहीं होने के कारण सियासी गलियारों में कई सवाल खड़े हो रहे थे. पहला क्या अब प्रदेश से वसुंधरा राजे को विदाई हो रही है. दूसरा क्या केंद्र अब प्रदेश में नेतृत्व बदलना चाह रहा है. इस तरह के सवालों को लेकर पक्ष-विपक्ष के खेमे से बयान बाजी भी होती रही है लेकिन इस बार वसुंधरा राजे की जिले वार सोशल मीडिया टीम बनाने की चर्चों ने सर्दी में भी सियासी पारे को गरमा दिया है.
प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच भले ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गायब रही हों. वहीं प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की नई टीम पर राजे की छाप नहीं नजर आई हो लेकिन अब उनके समर्थक सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर सक्रिय नजर आने लगे हैं. यही कारण है कि फेसबुक पर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिहाज से 'टीम वसुंधरा राजे' के पेज बन रहे हैं. फेसबुक पर सर्च करने पर इन दिनों कई जिलों में टीम वसुंधरा राजे के फेसबुक पेज बने हुए हैं. जिसमें बड़ी संख्या में लोग भी जुड़े हैं. फेसबुक पर एक पेज 'टीम वसुंधरा राजे' राजस्थान का बना है. वहीं झालावाड़, धौलपुर, अलवर, जयपुर, खेतड़ी सहित कई अन्य जिलों के भी फेसबुक पर टीम वसुंधरा राजे के नाम से पेज बनाए गए हैं. इस पर वसुंधरा राजे से जुड़ी पोस्ट, खबरें, और संदेशों को पोस्ट किया जाता है. हालांकि, यह पेज खुद वसुंधरा राजे की ओर से बनाया हुआ नहीं है लेकिन जिन लोगों ने यह पेज बनाया है, उसमें कई भाजपा के कार्यकर्ता भी जुड़े हैं.
समर्थक ने कहा राजे का विकास कार्य जन-जन तक पहुंचे
वसुंधरा राजे समर्थक मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय भारद्वाज बताते हैं कि फेसबुक पर उन्होंने कुछ साल पहले ही वसुंधरा राजे की जिला इकाई टीम बनाई है. भारद्वाज कहते हैं कि पूर्व में भी भाजपा से जुड़ा रहा हूं. इस प्रकार की सोशल गतिविधियों का मकसद है कि वसुंधरा राज्य सरकार के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाएं. जिससे 2023 में फिर से भाजपा की सरकार में वसुंधरा राजे सीएम बने.
पूनिया ने कहा कोई गंभीर मसला नहीं है
इस पूरे मसले पर BJP प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि देखिये ये हमारी ओर से कोई गंभीर मसाला नहीं है. जमीनी तौर पर इसका कोई आधार नहीं है. जमीनी तौर पर कोई गतिविधि नहीं है. फिर भी हम इसकी जानकरी जुटा रहे है कि किस तरह से गतिविधिया चल रही हैं. हालांकि, इस में कोई पार्टी के कोई गंभीर और जिम्मेवार लोग नहीं है. फिर भी इसकी पूरी जानकरी केंद्रीय आलाकमान को भी दी जा चुकी है.
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सतीश पूनिया ने कहा कि सोशल मीडिया पर टीम बना लेना, कोई पोस्ट कर लेने से इसका ये मतलब पार्टी में गुट बाजी हो, ये नहीं है. देखिये किसी भी एक व्यक्ति का कोई विचार नहीं बल्कि पार्टी की विचार धारा होती है. व्यक्ति के विचार या टीम बना लेने से कोई गुटबाजी नहीं होती है.
बीते लंबे अरसे से प्रदेश की राजनीति में वसुंधरा राजे की सक्रियता नजर नहीं आईं. प्रदेश संगठन में भी उनका कुछ खास दखल नहीं रहता. ऐसे में अब उनके समर्थकों की सक्रियता इस बात का संकेत है कि प्रदेश की राजनीति में जल्द ही वसुंधरा राजे भी सक्रिय दिखने वाली हैं और इसकी शुरुआत जल्द होती दिख रही है. ETV भारत ने करीब 4 महीने पहले इसके बारे में बता दिया था कि वसुंधरा राजे के समर्थक सोशल मीडिया के जरिये उनके कामकाज को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं. वसुंधरा राजे समर्थक मंच के जरिए फेसबुक पर अलग-अलग पेज बना कर वसुंधरा राजे के कार्यकाल में की गई जन कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं.