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विधानसभा से गायब लेकिन संगठन में सक्रिय हुईं वसुंधरा राजे, आखिर क्यों?

राजस्थान विधानसभा में इन दिनों बजट सत्र चल रहा है. सदन में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नदारद हैं. वहीं भाजपा में चल रही संगठनात्मक बैठक में उनकी सक्रियता इन दिनों देखने को मिल रही है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्यों, पढ़िए पूरी खबर..

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संगठन में सक्रिय वसुंधरा राजे
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Published : Mar 1, 2020, 1:14 PM IST

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में सत्र से तो इन दिनों नदारद है, लेकिन संगठनात्मक बैठक में उनकी सक्रियता देखते ही बनती है. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि पहले संगठन से दूर रहने वाली वसुंधरा राजे एकाएक संगठनात्मक बैठकों में इतनी सक्रिय आखिर क्यों हैं.

संगठन में सक्रिय वसुंधरा राजे

पढ़ें: व्हिप जारी होने के बावजूद कांग्रेसी विधायक सदन से नदारद, अविनाश पांडे ने मांगी रिपोर्ट

मात्र पहले ही दिन वसुंधरा राजे सदन में आईं नजर

दरअसल, विधानसभा बजट सत्र का जब दूसरा फेस शुरू हुआ, तब मात्र पहले ही दिन वसुंधरा राजे सदन में नजर आईं. लेकिन, उसके बाद वे विधानसभा में कभी नहीं देखी गई. यह स्थिति तब थी जब सदन के भीतर तमाम विधायक अपने-अपने क्षेत्र की ज्वलंत समस्याएं उठा रहे थे. वहीं, भाजपा प्रदेश से जुड़े बड़े मुद्दों को उठाकर सदन में प्रदेश सरकार को घेरने में जुटी थी. लेकिन, तब इस दिग्गज नेता ने सदन से दूरी बना रखी थी. यहीं कारण है कि कांग्रेस विधायक और सरकार में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को इस मामले में भाजपा पर कटाक्ष करने का मौका मिल गया. हालांकि, भाजपा विधायकों के पास उनके इस कटाक्ष का कोई जवाब नहीं था.

भाजपा प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में सक्रिय

खैर विधानसभा से बजट सत्र के दौरान दूर रहने वाली वसुंधरा राजे पार्टी के संगठनात्मक कार्यक्रमों में भी पिछले दिनों ज्यादा सक्रिय नहीं दिखी. लेकिन, शनिवार को भी भाजपा प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में जिस तरह वसुंधरा राजे सक्रिय दिखीं, जो कई सियासी चर्चाओं को जन्म दे रहा है. वसुंधरा राजे की इस सक्रियता का सबसे बड़ा कारण है आगामी दिनों में बनने वाली प्रदेश भाजपा की नई टीम और कोर कमेटी के साथ ही अन्य संगठनात्मक कमेटियों में अपने समर्थकों को शामिल करवाना.

पढ़ें: CM गहलोत की एंटी हिन्दू और एंटी नेशनल इमेज परिलक्षित हो रही : सतीश पूनिया

प्रदेश भाजपा की नई टीम और कई समितियों में बदलाव

दरअसल, सतीश पूनिया के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अब प्रदेश भाजपा की नई टीम भी बनेगी और पूर्व में बनाई गई प्रदेश कोर कमेटी चुनाव समिति और अनुशासन समिति में भी बदलाव होगा. यह समितियां अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. अब यदि इनमें वसुंधरा राजे के समर्थकों को मौका नहीं मिलता या वसुंधरा राजे को पूरी तरह दूर कर दिया जाता है तो भविष्य में प्रदेश की राजनीति में वसुंधरा राजे का रुतबा पूरी तरह खत्म हो जाएगा.

यहीं कारण है कि कोर कमेटी की बैठक में जब तमाम मसलों पर चर्चा हुई तो वसुंधरा राजे भी इसमें मौजूद रहीं. हालांकि प्रदेश की नई टीम और संगठनात्मक समितियों का गठन केंद्रीय आलाकमान से चर्चा के बाद ही होगा. लेकिन, इसमें राजे की कितनी चल पाएगी ये तो नई टीम और समितियों के गठन के बाद ही साफ हो पाएगा.

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में सत्र से तो इन दिनों नदारद है, लेकिन संगठनात्मक बैठक में उनकी सक्रियता देखते ही बनती है. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि पहले संगठन से दूर रहने वाली वसुंधरा राजे एकाएक संगठनात्मक बैठकों में इतनी सक्रिय आखिर क्यों हैं.

संगठन में सक्रिय वसुंधरा राजे

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मात्र पहले ही दिन वसुंधरा राजे सदन में आईं नजर

दरअसल, विधानसभा बजट सत्र का जब दूसरा फेस शुरू हुआ, तब मात्र पहले ही दिन वसुंधरा राजे सदन में नजर आईं. लेकिन, उसके बाद वे विधानसभा में कभी नहीं देखी गई. यह स्थिति तब थी जब सदन के भीतर तमाम विधायक अपने-अपने क्षेत्र की ज्वलंत समस्याएं उठा रहे थे. वहीं, भाजपा प्रदेश से जुड़े बड़े मुद्दों को उठाकर सदन में प्रदेश सरकार को घेरने में जुटी थी. लेकिन, तब इस दिग्गज नेता ने सदन से दूरी बना रखी थी. यहीं कारण है कि कांग्रेस विधायक और सरकार में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को इस मामले में भाजपा पर कटाक्ष करने का मौका मिल गया. हालांकि, भाजपा विधायकों के पास उनके इस कटाक्ष का कोई जवाब नहीं था.

भाजपा प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में सक्रिय

खैर विधानसभा से बजट सत्र के दौरान दूर रहने वाली वसुंधरा राजे पार्टी के संगठनात्मक कार्यक्रमों में भी पिछले दिनों ज्यादा सक्रिय नहीं दिखी. लेकिन, शनिवार को भी भाजपा प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में जिस तरह वसुंधरा राजे सक्रिय दिखीं, जो कई सियासी चर्चाओं को जन्म दे रहा है. वसुंधरा राजे की इस सक्रियता का सबसे बड़ा कारण है आगामी दिनों में बनने वाली प्रदेश भाजपा की नई टीम और कोर कमेटी के साथ ही अन्य संगठनात्मक कमेटियों में अपने समर्थकों को शामिल करवाना.

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प्रदेश भाजपा की नई टीम और कई समितियों में बदलाव

दरअसल, सतीश पूनिया के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अब प्रदेश भाजपा की नई टीम भी बनेगी और पूर्व में बनाई गई प्रदेश कोर कमेटी चुनाव समिति और अनुशासन समिति में भी बदलाव होगा. यह समितियां अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. अब यदि इनमें वसुंधरा राजे के समर्थकों को मौका नहीं मिलता या वसुंधरा राजे को पूरी तरह दूर कर दिया जाता है तो भविष्य में प्रदेश की राजनीति में वसुंधरा राजे का रुतबा पूरी तरह खत्म हो जाएगा.

यहीं कारण है कि कोर कमेटी की बैठक में जब तमाम मसलों पर चर्चा हुई तो वसुंधरा राजे भी इसमें मौजूद रहीं. हालांकि प्रदेश की नई टीम और संगठनात्मक समितियों का गठन केंद्रीय आलाकमान से चर्चा के बाद ही होगा. लेकिन, इसमें राजे की कितनी चल पाएगी ये तो नई टीम और समितियों के गठन के बाद ही साफ हो पाएगा.

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