जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को ट्विटर पर पार्टी के मुद्दों को मीडिया में ना उछालने की नसीहत दी थी. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के लिए मीडिया के सामने नाकारा, निकम्मा जैसे अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल करने वाले आज सिब्बल को संगठन हित का पाठ पढ़ा रहे हैं. कपिल सिब्बल को नसीहत देने वालों को जरा अपने गिरेबान में भी झांकना चाहिए.
देवनानी ने एक बयान जारी कर कहा कि गहलोत सिब्बल को नसीहत दे रहे हैं कि मीडिया में पार्टी के आंतरिक मसलों का उल्लेख करने की कोई आवश्यकता नहीं थी. इससे देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है, लेकिन गहलोत तब यह बात तब भूल गए थे, जब उन्होंने पायलट के बारे में रगडाई, निकम्मा, नाकारा जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था. शायद उनके शब्दों से पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची होगी जो सिब्बल के मीडिया में बोलने से पहुंची है.
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देवनानी ने कहा कि गहलोत का हमेशा एक ही लक्ष्य रहता है अपने आकाओं को खुश करना और इसके लिए अपना दोहरा चाल-चरित्र दिखाने से भी बाज नहीं आते. गहलोत को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वो खुद मीडिया के सामने पायलट के बारे में बोलने पर सही और सिब्बल गलत कैसे हो गए.
उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों की कथनी और करणी में हमेशा से ही अंतर रहा है. सत्ता की चाशनी चखने के लिए कांग्रेसी नेता जनता से लुभावने वादा करते हैं और सत्ता पाने के बाद उन्हें भूला देना इनकी आदत में है. प्रदेश में सत्ता में आने के बाद 10 दिन में ऋण माफ करने, बेरोजगारों को रोजगार देने जैसे वादे किए थे, लेकिन 2 साल बाद भी वादे केवल वादे बने हुए हैं.