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फोन टैपिंग मामले में चर्चा करने पर अड़ा विपक्ष, स्पीकर ने नए तथ्य पेश करने को कहा

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को फोन टैपिंग का मामला गर्माया रहा. भाजपा इस पर चर्चा कराने की मांग करती रही. जिसके चलते 4 बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. स्पीकर सीपी जोशी ने भाजपा नेताओं से इस मामले में नए तथ्य पेश करने के लिए कहा.

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Published : Mar 16, 2021, 7:15 PM IST

uproar in rajasthan assembly,  phone tapping in rajasthan
राजस्थान विधासभा में फोन टैपिंग को लेकर हंगामा

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को फोन टैपिंग मामले को लेकर भाजपा विधायकों के हंगामे के चलते कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई. हालांकि स्पीकर सीपी जोशी ने सदन के गतिरोध को खत्म करने के लिए कहा कि यदि विपक्ष के पास इस मुद्दे पर सरकार का जवाब लेने के लिए कोई अन्य नए तथ्य हो तो वो मुझे अवगत कराएं ताकि मैं सरकार से इस पर जवाब दिलवा सकूं. लेकिन विपक्ष अनुदान मांगों पर व्यवस्था से पहले फोन टैपिंग मामले में चर्चा और सरकार से जवाब की मांग पर अड़ा रहा.

पढ़ें: स्पीकर ने मदन दिलावर को 7 दिन के लिए सदन से निष्कासित किया, भाजपा विधायकों का जबरदस्त हंगामा

स्पीकर ने कहा कि इस मामले में आज ही वक्तव्य दिलाऊंगा लेकिन जब तक आप इस बारे में कोई तथ्य नहीं लेकर आएंगे तब तक सरकार क्या वक्तव्य देगी. जोशी ने यह भी कहा कि आज शिक्षा और खेल व युवा मामलात विभाग की अनुदान मांगों पर बहस होगी जो काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में प्रतिपक्ष के साथी अध्यक्ष की व्यवस्थाओं को रिव्यू करने पर जोर ना दें. स्पीकर ने कहा कि मैं आपसे निवेदन करता हूं कि संसदीय परंपराओं का निर्वाह करने का काम करें.

राजस्थान विधासभा में फोन टैपिंग को लेकर हंगामा

जोशी ने कहा नेता प्रतिपक्ष इतने सीनियर हैं और उपनेता तो काफी अनुभव रखते हैं क्योंकि उन्होंने भैरों सिंह शेखावत जी के सानिध्य में ट्रेनिंग ली है. मैं आपसे निवेदन करता हूं कि पहले आप सदन में अनुदान मांगों पर चर्चा कर लें.

राठौड़ ने क्या कहा

इस पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हम सदन को चुनौती नहीं देना चाहते. लेकिन जिस प्रकार के तत्व की बात की जा रही है. वह आज सबके सामने हैं. प्रदेश की हुकूमत ने टेलीफोन टैप करवाए हैं. इसलिए आप किसी भी रूप में एक बार सदन में इस पर चर्चा करवा लें क्योंकि यही हमारा मंतव्य है. राठौड़ ने कहा हमारे पास प्रमाणित दस्तावेज भी हैं और पूर्व में सरकारी मुख्य सचेतक ने पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई है. एक पेन ड्राइव के आधार पर इसलिए यह चर्चा होना जरूरी है और हम आप से प्रार्थना करते हैं कि इस विषय पर चर्चा से पहले सदन में अनुदान मांगो पर चर्चा ना हो. जिसको लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एक्सपोज करना चाह रहे हैं.

राजस्थान विधासभा में फोन टैपिंग को लेकर हंगामा

कटारिया ने भी की फोन टैपिंग पर चर्चा की मांग

नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा ना तो हम अध्यक्ष की व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं और ना देना चाहते हैं. लेकिन विषय इतना गंभीर है लेकिन जो तथ्य आप और राजस्थान की जनता पिछले लंबे समय से जानती है. अब ऐसे विषय को छोड़ कर हम लोग अनुदान मांगों पर चर्चा में आएंगे तो यह हमारे लिए भी संभव नहीं है. कटारिया ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पहले इस मामले में चर्चा हो और फिर बाद में आप सदन चलाएं. मैं समझता हूं बिना तथ्यों के यह कैसे जवाब देंगे, इनकी परेशानी भी समझता हूं.

पढे़ं: किसी विधायक, सांसद, मंत्री का नहीं हुआ फोन टैप: महेश जोशी

कटारिया ने स्पीकर से अनुदान मांगों पर चर्चा अगले दिन रखने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारी भी मजबूरी है कि हम ऐसे महत्वपूर्ण विषय को खाली तो नहीं जाने देंगे, जिसके ऊपर सरकार कभी भी गिर सकती है. हमारी भी मजबूरी है जिन तथ्यों के आधार पर यह मामला उठा है, हम उसे इग्नोर नहीं कर सकते. क्योंकि मामला अब एसओजी तक पहुंच चुका है. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि आपने इस मामले में नए तथ्य रखे क्या. आप जब नए तथ्य रखेंगे तभी तो मैं सरकार से जवाब दिलवाने की व्यवस्था कर आऊंगा.

राजेंद्र राठौड़ ने स्पीकर से उनको और कालीचरण सराफ को प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति मांगी. जिसपर स्पीकर ने कहा कि मैंने वह स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिया है और अध्यक्ष की व्यवस्था नहीं बदलूंगा. इस पर गुलाब चंद कटारिया ने स्पीकर से कहा कि आप सदन में यह चर्चा करेंगे तो ठीक नहीं, आप चेंबर में बुलाकर कर लीजिए और सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दीजिए. तब सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई.

हालांकि आधे घंटे बाद जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तब भी हंगामा जारी रहा. स्पीकर ने साफ तौर पर कहा जब तक प्रतिपक्ष नए तथ्य लेकर नहीं आता सरकार की ओर से इस मामले में वक्तव्य नहीं दिला पाऊंगा और ना बहस करवा पाऊंगा. स्पीकर ने भाजपा विधायकों से निवेदन किया कि पहले डिमांड पर चर्चा कर लें फिर इस मामले में सरकार से वक्त भी दिलाने का प्रयास करेंगे. लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने और बेल में खड़े होकर हंगामा करते रहे इस बीच अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू हो गई.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को फोन टैपिंग मामले को लेकर भाजपा विधायकों के हंगामे के चलते कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई. हालांकि स्पीकर सीपी जोशी ने सदन के गतिरोध को खत्म करने के लिए कहा कि यदि विपक्ष के पास इस मुद्दे पर सरकार का जवाब लेने के लिए कोई अन्य नए तथ्य हो तो वो मुझे अवगत कराएं ताकि मैं सरकार से इस पर जवाब दिलवा सकूं. लेकिन विपक्ष अनुदान मांगों पर व्यवस्था से पहले फोन टैपिंग मामले में चर्चा और सरकार से जवाब की मांग पर अड़ा रहा.

पढ़ें: स्पीकर ने मदन दिलावर को 7 दिन के लिए सदन से निष्कासित किया, भाजपा विधायकों का जबरदस्त हंगामा

स्पीकर ने कहा कि इस मामले में आज ही वक्तव्य दिलाऊंगा लेकिन जब तक आप इस बारे में कोई तथ्य नहीं लेकर आएंगे तब तक सरकार क्या वक्तव्य देगी. जोशी ने यह भी कहा कि आज शिक्षा और खेल व युवा मामलात विभाग की अनुदान मांगों पर बहस होगी जो काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में प्रतिपक्ष के साथी अध्यक्ष की व्यवस्थाओं को रिव्यू करने पर जोर ना दें. स्पीकर ने कहा कि मैं आपसे निवेदन करता हूं कि संसदीय परंपराओं का निर्वाह करने का काम करें.

राजस्थान विधासभा में फोन टैपिंग को लेकर हंगामा

जोशी ने कहा नेता प्रतिपक्ष इतने सीनियर हैं और उपनेता तो काफी अनुभव रखते हैं क्योंकि उन्होंने भैरों सिंह शेखावत जी के सानिध्य में ट्रेनिंग ली है. मैं आपसे निवेदन करता हूं कि पहले आप सदन में अनुदान मांगों पर चर्चा कर लें.

राठौड़ ने क्या कहा

इस पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हम सदन को चुनौती नहीं देना चाहते. लेकिन जिस प्रकार के तत्व की बात की जा रही है. वह आज सबके सामने हैं. प्रदेश की हुकूमत ने टेलीफोन टैप करवाए हैं. इसलिए आप किसी भी रूप में एक बार सदन में इस पर चर्चा करवा लें क्योंकि यही हमारा मंतव्य है. राठौड़ ने कहा हमारे पास प्रमाणित दस्तावेज भी हैं और पूर्व में सरकारी मुख्य सचेतक ने पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई है. एक पेन ड्राइव के आधार पर इसलिए यह चर्चा होना जरूरी है और हम आप से प्रार्थना करते हैं कि इस विषय पर चर्चा से पहले सदन में अनुदान मांगो पर चर्चा ना हो. जिसको लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एक्सपोज करना चाह रहे हैं.

राजस्थान विधासभा में फोन टैपिंग को लेकर हंगामा

कटारिया ने भी की फोन टैपिंग पर चर्चा की मांग

नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा ना तो हम अध्यक्ष की व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं और ना देना चाहते हैं. लेकिन विषय इतना गंभीर है लेकिन जो तथ्य आप और राजस्थान की जनता पिछले लंबे समय से जानती है. अब ऐसे विषय को छोड़ कर हम लोग अनुदान मांगों पर चर्चा में आएंगे तो यह हमारे लिए भी संभव नहीं है. कटारिया ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पहले इस मामले में चर्चा हो और फिर बाद में आप सदन चलाएं. मैं समझता हूं बिना तथ्यों के यह कैसे जवाब देंगे, इनकी परेशानी भी समझता हूं.

पढे़ं: किसी विधायक, सांसद, मंत्री का नहीं हुआ फोन टैप: महेश जोशी

कटारिया ने स्पीकर से अनुदान मांगों पर चर्चा अगले दिन रखने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारी भी मजबूरी है कि हम ऐसे महत्वपूर्ण विषय को खाली तो नहीं जाने देंगे, जिसके ऊपर सरकार कभी भी गिर सकती है. हमारी भी मजबूरी है जिन तथ्यों के आधार पर यह मामला उठा है, हम उसे इग्नोर नहीं कर सकते. क्योंकि मामला अब एसओजी तक पहुंच चुका है. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि आपने इस मामले में नए तथ्य रखे क्या. आप जब नए तथ्य रखेंगे तभी तो मैं सरकार से जवाब दिलवाने की व्यवस्था कर आऊंगा.

राजेंद्र राठौड़ ने स्पीकर से उनको और कालीचरण सराफ को प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति मांगी. जिसपर स्पीकर ने कहा कि मैंने वह स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिया है और अध्यक्ष की व्यवस्था नहीं बदलूंगा. इस पर गुलाब चंद कटारिया ने स्पीकर से कहा कि आप सदन में यह चर्चा करेंगे तो ठीक नहीं, आप चेंबर में बुलाकर कर लीजिए और सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दीजिए. तब सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई.

हालांकि आधे घंटे बाद जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तब भी हंगामा जारी रहा. स्पीकर ने साफ तौर पर कहा जब तक प्रतिपक्ष नए तथ्य लेकर नहीं आता सरकार की ओर से इस मामले में वक्तव्य नहीं दिला पाऊंगा और ना बहस करवा पाऊंगा. स्पीकर ने भाजपा विधायकों से निवेदन किया कि पहले डिमांड पर चर्चा कर लें फिर इस मामले में सरकार से वक्त भी दिलाने का प्रयास करेंगे. लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने और बेल में खड़े होकर हंगामा करते रहे इस बीच अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू हो गई.

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