जयपुर. राजस्थान में साल 2018 के चुनाव के दौरान युवाओं को रोजगार को लेकर किए वादे के बाद लगातार प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार से बेरोजगारों का टकराव बना रहा है. एक बार फिर राजस्थान में ये बेरोजगार युवा हुंकार भरने की तैयारी में हैं. इस सिलसिले में राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने सरकार को फिर से अल्टीमेटम (Upen Yadav warning to the Rajasthan government) दे दिया है. महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने ट्वीटर पर एक वीडियो जारी किया. जिसमें उन्होंने भर्तियों, भर्तियों में हुई खामियों के साथ बाकी कई मुद्दों को लेकर आक्रोश रैली का एलान किया. 23 मई को अपनी मांगों को लेकर बेरोजगार युवा उपेन यादव के नेतृत्व में जयपुर के शहीद स्मारक से पैदल मार्च शुरू करेंगे जो आक्रोश रैली के रूप में सिविल लाइंस फाटक तक पहुंचेगा .
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि आक्रोश रैली के बावजूद अगर सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करेगी , तो प्रदेश के बेरोजगार युवा भी चिंतन शिविर करेंगे. जाहिर है कि कांग्रेस अभी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी रणनीति को लेकर उदयपुर में पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ नव संकल्प चिंतन शिविर का आयोजन कर रही है. उपेन यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश में सड़क से लेकर सोश्यल मीडिया तक युवा प्रदर्शन करेंगे और सरकार से पूर्व में हुए समझौतों को लागू करने की मांग करेंगे.
इनका कहना है कि सरकार का रुख लंबित भर्तियों को लेकर संतुष्टि वाला नहीं है. लिहाजा युवाओं में अब नाराजगी बढ़ने लगी है. बेरोजगार महासंघ की मांग है कि राजस्थान की भर्तियों में बाहरी राज्यों का कोटा खत्म किया जाना चाहिए. सरकार बार-बार बेरोजगार युवाओं को महज आश्वासन दे रही है .जबकि इस पर अमल की प्रक्रिया फिलहाल सुस्त पड़ी हुई है. ऐसे में साल 2023 में होने वाले चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिहाज से राजस्थान का बेरोजगार युवा चिंतन शिविर आयोजित करेगा और चुनाव में अपनी ताकत दिखाएगा. यादव ने कहा कि हम यह रणनीति बनाएंगे कि कैसे कांग्रेस नेताओं को हराया जाए.
सरकार ने भी दिखाई हरकतः राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की तरफ से आक्रोश रैली और चिंतन शिविर की धमकी के बाद प्रदेश सरकार ने भी इस मामले में गंभीरता दिखाई है. जहां एक तरफ युवा नौकरियों के मामले में गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. दूसरी तरफ सोमवार यानी 16 मई को सचिवालय में एक अहम बैठक होने जा रही है.
माना जा रहा है कि मुख्य सचिव उषा शर्मा ने अलग-अलग महकमों से लंबित भर्तियों के मसले पर बातचीत का मानस बनाया है. जिसमे कांग्रेस के घोषणा पत्र और बजट में किए गए ऐलान के आधार पर युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के मामलों के साथ ही लंबित भर्ती प्रक्रिया को रफ्तार देने की बात होगी. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के मुताबिक फिलहाल प्रदेश सरकार से उनकी एक दर्जन के करीब बकाया मांगों के निस्तारण की उम्मीद है. इसमें मुख्य रूप से युवा बेरोजगार आयोग के गठन के साथ ही भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय युवाओं को तरजीह देने की मांग शामिल है.
इसके अलावा तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग का इस्तीफा भी महासंघ की मांगों का हिस्सा है. वहीं भर्ती प्रक्रिया में पंचायती राज लिपिक भर्ती 2013, शिक्षक भर्ती 2012 , स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 और पशु चिकित्सक भर्ती 2019 को जल्द पूरा करने की मांग की गई है. उनकी मांग है कि भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ भी सरकार सख्त से सख्त कदम उठाए.