जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अकील कुरैशी का एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है. मंगलवार को जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान जस्टिस कुरैशी ने कहा था कि जब तक बेरोजगारी का मुद्दा हल नहीं होता, तब तक पेपर लीक होते रहेंगे, चाहे इसके लिए चाहे मृत्युदंड का प्रावधान ही क्यों न कर दें. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव का इस बयान पर कहना है कि चीफ जस्टिस के बयान से युवा निराश हो गए (Upen Yadav reaction on High Court Chief Justice statement) हैं.
यादव ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि लगातार प्रदेश में हो रहे पेपर लीक प्रकरण के कारण बेरोजगार अवसाद में हैं. इस बयान से युवाओं में निराशा है और मुझे भी बड़ा दुख पहुंचा है. क्योंकि हम लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में पेपर लीक प्रकरण रोकने के लिए सरकार गैर-जमानती कानून लेकर आए. हमारी यह मांग जल्द ही पूरी होने वाली है. इस मांग को पूरा करवाने के लिए लंबा संघर्ष किया है और लाठियां भी खाई हैं.
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उन्होंने कहा कि बेरोजगारों में एक उम्मीद थी कि नकल के खिलाफ गैर-जमानती कानून आएगा और बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. यादव ने कहा कि इस तरह के बयान देने से सभी को बचना चाहिए. चीफ जस्टिस न्यायवादी हैं और हमारे अभिभावक भी हैं. न्यायालय, सरकार और राजनीतिक दलों को मिलकर ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए ताकि युवाओं में विश्वास पैदा हो और पेपर लीक न हो.
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उपेन यादव ने कहा कि आज युवा इस बात को लेकर अवसाद में रहते हैं कि कोई भर्ती पूरी होगी या नहीं. रोजगार मिलेगा कि नहीं. कहीं भर्ती का पेपर लीक ना हो जाए. कानून आने से युवाओं में आशा थी, लेकिन चीफ जस्टिस के बयान से युवा निराश हो गए हैं. चीफ जस्टिस हमारे लिए सम्मानीय हैं, लेकिन उनके बयान से हमें दुख पहुंचा है.
क्या है मामला ?
दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी ने मंगलवार को जोधपुर के नारी निकेतन परिसर में बाल अधिकारिता विभाग की ओर से स्थापित बाल परामर्श एवं कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र (Child Counseling and Skill Development Training Center) के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जहां उन्होंने कहा था कि यह केंद्र इस सोच के साथ बनाया गया है कि यहां उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने के काबिल बनाया जा सके. उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी के बीच होने वाली पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए बनाए जा रहे प्रावधानों को लेकर भी टिप्पणी की थी.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि 'लेकिन मेरे दिमाग ने मुझे कहा कि अब चाहे मृत्युदंड का प्रावधान भी कर दें, लेकिन जब तक बेरोजगारी का मसला हम सुलझा नहीं पाएंगे तो पेपर लीक होते ही रहेंगे'. अपने संबोधन में उन्होंने मौजूद बच्चों से कहा कि जब आप भविष्य में सफल हो जाएं, अफसर बन जाएं, एक मुकाम हासिल कर लें तो अपने जैसे दस बच्चों की मदद जरूर करें. कुरैशी के पेपर लीक को लेकर दिए गए इसी बयान को उपेन यादव ने निराशजनक बताया है.