जयपुर. नौकरियों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच रार चलती रहती है. गहलोत सरकार के 3 साल (3rd Anniversary Of Gehlot Government) पूरे होने पर भी इसका क्रम जारी है. एक तरफ सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है तो दूसरी ओर विपक्ष कमियां गिना रहा हैं. बेरोजगारों के साथ नौकरियों (Rajasthan Government Recruitment News) का वादा बार-बार याद दिलाया जा रहा है. सरकार ने बेरोजगारों को हर वर्ष 75 हजार नौकरी देने की घोषणा की थी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद बजट भाषण में इसकी घोषणा की. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी भी बनी. सरकार का दावा है कि प्रदेश के युवाओं से जो वादा किया था, उसे पूरा किया है. सरकार ने तीन साल में 1 लाख 72 हजार 135 अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी हैं. करीब 53 हजार से अधिक परिणाम जारी कर दिए हैं, उन्हें भी जल्द नियुक्ति मिल जाएगी.
Bureaucracy जिम्मेदार- उपेन
बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव (Upen Yadav On Government Jobs) भी मानते हैं कि अन्य राज्यों की तुलना में गहलोत सरकार रोजगार (Rajasthan Government Recruitment News) देने में आगे रही. यादव कहते हैं मुख्यमंत्री तो घोषणा कर देते हैं, लेकिन धरातल पर वो उतरती हुई नहीं दिखती. इसका बड़ा कारण Bureaucracy को मानते हैं. कहते हैं- सीएम की कही को अधिकारी और कर्मचारी अटकाने में लगे रहते हैं. जैसे कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती की घोषणा जुलाई में हो गई, लेकिन अभी तक उसकी विज्ञप्ति जारी नहीं हुई. बेरोजगार इंतजार कर रहे हैं कि कब विज्ञप्ति जारी होगी.
सुझाव देते हैं युवा नेता
उपेन (Upen Yadav On Government Jobs) के पास इस मुश्किल से निजात दिलाने का उपाय भी है. कैलेंडर की बात करते हैं. कहते हैं समय पर विज्ञप्ति जारी हो, समय पर परिणाम जारी हो, समय पर परीक्षा हो। एक कैलेंडर बनना चाहिए (Upen Yadav Demanded Job Calendar) कि सरकार किस तरह से भर्ती करेगी ताकि बेरोजगरों को पता हो कब कौन सी भर्ती निकलने वाली है. उपेन यादव ने कहा कि बेरोजगार खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. कई बार भर्तियों की परीक्षा ऐसे वक्त कराई जाती है, जब एक साथ 2 से 3 परीक्षाएं आपस में टकराती हैं. ऐसे में बेरोजगारों को फिर परीक्षा की तारीख बढ़ाने के लिए आंदोलन करना पड़ता है. हम सरकार से यह कहना चाहेंगे कि अगर सरकार की इच्छाशक्ति है कि बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराए तो इसके लिए एक व्यवस्थित कैलेंडर जारी हो. जिसमें स्पष्ट हो कि साल भर में किस-किस विभाग में कितनी भर्तियां होंगी और कब-कब उनके लिए नियुक्ति निकलेगी. कब उनकी परीक्षा कराई जाएगी और उसका रिजल्ट जारी होगा.
टकराव की वजह ये!
उपेन यादव (Upen Yadav On Government Jobs) ने कहा कि छोटी-छोटी विसंगतियों की वजह से सरकार और बेरोजगारों के बीच टकराव (Upen On Tussle Between Jobless And Rajasthan Government) की स्थिति बनती है. फिर कहा जाता है सरकार की खिलाफत करते हैं, लेकिन जरूरत इस बात की है कि जिस तरह की घोषणा की मंशा रखी जाती है उसी के अनुरूप कर्मचारी और अधिकारी भी हों. उपेन यादव ने कहा कि हम सरकार के खिलाफ आंदोलन नहीं करना चाहते हैं, लेकिन कुछ छोटी लापरवाही रहती है उसकी वजह से मजबूरन आंदोलन करना पड़ता है. अगर बेरोजगार आंदोलन नहीं करेगा तो सरकार तक अपनी बात कैसे पहुंचाएं? कर्मचारी अधिकारियों को कई बार समस्याओं से अवगत कराते हैं, लेकिन वह बेरोजगार की सुनवाई नहीं करते मजबूरन उन्हें आंदोलन की राह पकड़नी पड़ती है.