जयपुर. सड़क या सदन नहीं बल्कि विरोध दर्ज कराने के लिए सेंट्रल पार्क को चुनने वाले बहरोड़ विधायक बलजीत यादव ने कहा कि ये विरोध (Unique protest of MLA Baljit Yadav) सड़े हुए सिस्टम का है. जिस सिस्टम में गरीब, मध्यम वर्गीय परिवार और किसान के साथ लगातार 75 साल से अन्याय होता रहा है. सिर्फ चुनाव के वक्त झूठे सपने दिखा कर उसके वोट को चोर लिया जाता है. राजस्थान के बेरोजगार युवा के साथ लगातार अन्याय हो रहा है. पहले तो भर्तियां नहीं निकलती, निकलती है तो फिर एग्जाम नहीं होता, एग्जाम होते हैं तो पेपर लीक हो जाता है, और कुछ परीक्षाएं विसंगति के कारण हाईकोर्ट में फंस जाती है.
उन्होंने कहा कि जिस युवा बेरोजगार के माता-पिता ने कर्जा लेकर उसे कोचिंग के लिए जयपुर भेजा, वो कोचिंग की फीस दे रहा है, मकान का किराया दे रहा है और इंतजार कर रहा है कि उसका जल्द से जल्द सिलेक्शन हो जाए. लेकिन पांच 5-5 साल तक उसे यह नहीं पता कि उसका सिलेक्शन होगा भी या नहीं. उन्होंने विधानसभा में उठाई अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि भर्ती कैलेंडर जारी होना चाहिए, ताकि बेरोजगार युवा को शेड्यूल तो पता रहे.
नौकरी की चोरी!: एमएलए बलजीत ने कहा कि गांव में बुजुर्ग लोगों का सपना होता है कि पोते का विवाह देख लें. पोता चाहता है कि उसकी नौकरी लग जाए फिर शादी करे. लेकिन भर्ती और नियुक्ति के इंतजार में बुजुर्ग चारपाई पर पड़ा रह जाता है. ब्याज और कर्जा बढ़ता रहता है. लेकिन नौकरी लगने का नाम नहीं लेती. जब भर्तियों का समय आता है, तो नौकरियों को चुरा (Rajasthan employment Fraud) लिया जाता है. पढ़ने वाले को कहा जाता है कि मेहनत करो मेहनत का फल मीठा होता है. लेकिन अब सरकार के निकम्मेपन ने ये कर दिया है कि षड्यंत्र करो, जालसाजी करो, चोरी करो, लूट करो, बेईमानी करो, उससे आनंद आता है. फर्जीवाड़ा करके आप सेलेक्ट हो सकते हो, पढ़ाई करके सेलेक्ट नहीं हो सकते.
ये राजस्थान की बात है: इस तरह का प्रदर्शन (Baljit Yadav Expressed unhappiness against the system) करने के पीछे उन्होंने कहा कि सदन में हर विधानसभा सत्र में ये मुद्दा उठाया कि राजस्थान के युवा का 23 राज्यों में सिलेक्शन नहीं हो पा रहा है. कई राज्यों में भाषाओं का बैरियर लगा दिया जाता है. कहीं आरक्षण की दीवार है. राजस्थान के युवा को बाहर भी नौकरी नहीं मिल रही है. यहां उसके हितों की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में राजस्थान में भी एक ऐसा कानून बने, ताकि राजस्थान के युवा को नौकरी मिले लेकिन सरकार ऐसा कोई बिल लेकर नहीं आई.
पूर्ववर्ती सरकारों ने भी ऐसा कुछ नहीं किया. न वर्तमान सरकार कर रही. उन्होंने कहा कि वो निर्दलीय विधायक हैं, अकेले हैं, उनके हाथ में न सरकार बनाना है न गिराना है. यही वजह है कि उनका दबाव माना नहीं जाता. ऐसे में वो और कुछ नहीं कर सकते कम से कम खुद को कष्ट तो दे सकते हैं. उन्होंने इसे युवा बेरोजगारों की पीड़ा और एक आग बताई. जिसकी तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है.
सदन में किया था ऐलान: गुरुवार को राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Vidhansabha Proceedings) में सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित संसाधनों और नकल की रोकथाम के लिए लाए गए विधेयक पर बहस के दौरान बलजीत यादव ने विधेयक को किसी काम का नहीं होना बताया था. साथ ही काले कपड़े पहनकर दौड़ लगाते हुए विरोध जताने की घोषणा की थी. इस दौरान उन्होंने रीट भर्ती परीक्षा पेपर लीक के आरोपी आरके मीणा की ड्यूटी स्ट्रांग रूम में लगाने वाले जयपुर कलेक्टर की गिरफ्तारी नहीं किए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए थे.
समर्थन में पहुंचे राजेन्द्र राठौड़: यादव के समर्थन में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी सेंट्रल पार्क पहुंचे. इस दौरान राठौड़ ने बलजीत यादव को जुनूनी विधायक बताते हुए कहा कि बलजीत यादव कल तक सरकार के समर्थन में उतरे हुए थे, लेकिन जब उन्हें लगा कि सरकार नौकरियां बेच रही है, नौजवानों के अरमान कुचले जा रहे हैं, तब उन्होंने सरकार का विरोध करते हुए सूर्योदय से सूर्यास्त तक दौड़ लगाने का फैसला लिया. राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा अध्यक्ष से प्रार्थना की कि वो इस नौजवान विधायक से अपील करें कि वो अपने जीवन के साथ ना खेले, क्योंकि इस धूप में पूरे दिन दौड़ना असंभव है.