जयपुर : राजधानी जयपुर में कनकपुरा धानक्या के बीच सिंवार फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में रेलवे की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है. रेलवे अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज करके गाड़ी को जब्त कर लिया गया है. वहीं, आरोपी की भी पहचान कर ली गई है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि गैर कानूनी रूप से रेलवे ट्रैक को पार करना और स्टंट करना दंडनीय अपराध है. इसमें 5 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के मुताबिक अनाधिकृत रूप से रेलवे ट्रैक पार करने वालो पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. 11 नवंबर को शाम करीब 4 बजे जयपुर मंडल के कनकपुरा-धानक्या रेलवे स्टेशनों के मध्य सड़क से थार गाड़ी के ड्राइवर ने जानबूझकर गाड़ी को रेलवे ट्रैक पर चढ़ा दिया. रेलवे ट्रैक को अनाधिकृत रूप से पार करने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी रेलवे ट्रैक के मध्य फंस गई. इस दौरान एक मालगाड़ी आ रही थी. मालगाड़ी के लोको पायलट ने देखा कि एक गाड़ी रेलवे ट्रैक पर फंसी हुई है, जिसपर सतर्कता दिखाते हुए लोको पायलट ने मालगाड़ी को निश्चित दूरी पर रोक लिया. इसके बाद वॉकी-टॉकी के माध्यम से संबंधित रेल कर्मचारियों को सूचना दी.
सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल मौके पर पहुंचा. इस दौरान गाड़ी का ड्राइवर गाड़ी को जैसे-तैसे रेलवे ट्रैक से निकाल कर भागने लगा. पुलिस की टीम ने भी गाड़ी का पीछा किया. लगभग 4 किलोमीटर दूरी पर ड्राइवर गाड़ी को छोड़कर भाग गया. इस संबंध में रेलवे सुरक्षा बल की ओर से रेल अधिनियम की धारा 153, 174, 147 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर गाड़ी जब्त कर ली गई है. साथ ही आरोपी की पहचान भी कर ली गई है. नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है. रेल अधिनियम की धारा 153 के तहत 5 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. धारा 147 और 174 के अंतर्गत सजा और जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.
स्टंट करना दण्डनीय अपराध : कैप्टन शशि किरण ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि निर्धारित मार्ग से ही रेलवे ट्रैक को पार करें. गैरकानूनी रूप से और अनाधिकृत स्थानों से रेलवे ट्रैक को पार करना और किसी भी प्रकार का स्टंट करना रेलवे अधिनियम के तहत दण्डनीय अपराध है. इसके अंतर्गत सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है. इसके साथ ही गैर कानूनी रूप से रेलवे ट्रैक को पार करना जानलेवा भी हो सकता है. यह जानबूझकर अपनी जान जोखिम में डालना है. रेलवे ट्रैक पर मोबाइल फोन या कैमरा से रील बनाना भी कानूनन अपराध है. इस प्रकार के मामलों में रेलवे की ओर से सख्त कार्रवाई की जाती है.