जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक की. इस बैठक में कृषि क्षेत्र में आ रही किसानों की समस्याओं के निवारण के लिए संशोधित एपीएमसी विधेयक-2020 सहित विभिन्न नीतिगत पहलुओं पर चर्चा की गई. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और कई अधिकारी शामिल हुए.
बैठक के दौरान केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना और टिड्डी संकट से निपटने को लेकर कृषि मंत्रालय की ओर से उठाए गए त्वरित और प्रभावकारी कदमों के बारे में जानकारी दी. साथ ही 10 हजार नए एफपीओ के गठन और उससे किसानों के जुड़ाव और फायदों के बारे में भी बताया.
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इस दौरान केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टिड्डी दल से निपटने को लेकर संबंधित राज्य सरकारों की जिम्मेदारी तय करने की मांग की. उन्होंने पीएम मोदी को लॉकडाउन की समयावधि के दौरान कृषि उत्पादों के आवागमन को लेकर दी गई छूट के बारे में भी बताया.
कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि टिड्डी दल खेती-किसानी के लिए किसी अकाल या आपदा से कम नहीं है. ऐसे समय में केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य सरकार की ढिलाई से भी परिणाम प्रभावित होता है. राज्य सरकारों की जिम्मेदारी और कार्ययोजना भी तय होनी चाहिए.
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इसके अलावा बैठक में पीएम मोदी ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता में सुधार करते के लिए परंपरागत एवं जैविक खेती को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय मंत्रालय को ये सुनिश्चित करने की सलाह दी कि आईसीएआर और कृषि विज्ञान केंद्र अपने प्रदर्शन और मापदंडों को समय-समय पर प्रकाशित करें. प्रधानमंत्री ने 10 हजार नए एफपीओ में छोटे किसानों को जोड़ने कीे योजना में तेजी लाने की इच्छा जताई और स्थानीय कच्चे माल का उपयोग करते हुए लोगों की स्थानीय आवश्यकताओं की आपूर्ति पर भी जोर दिया.