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प्रशासन गांवों के संग अभियान: प्रदेशभर में अबतक 3 लाख से अधिक पट्टे बांटे...कोटा जिला पहले पायदान पर

राजस्थान में 2 अक्टूबर से शुरू किए गए प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत अबतक प्रदेशभर में 3 लाख से अधिक पट्टों का वितरण किया गया है. कोटा जिला पट्टों के वितरण में पहले पायदान पर है. राज्य सरकार ने अभियान के तहत 10 लाख पट्टों के वितरण का लक्ष्य रखा है.

prashaasan gaanvon ke sang abhiyaan
प्रशासन गांवों के संग अभियान
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Published : Nov 11, 2021, 7:49 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने संवेदनशील, पारदर्षी और जवाबदेह सुशासन की सोच के साथ आमजन की समस्याओं का मौके पर निस्तारण करने के लिए प्रदेश में 2 अक्टूबर से प्रशासन गांवों के संग अभियान (prashaasan gaanvon ke sang abhiyaan) शुरू किया गया था. अभियान में अबतक 3 लाख से अधिक पट्टे दिए जा चुके हैं. कोटा जिले में सर्वाधिक 9 हजार 881 पट्टों का वितरण किया गया है. सरकार के 22 विभाग अभियान को सफल बनाने में लगे हुए हैं.

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अभियान में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग (Rural Development and Panchayati Raj Department) की ओर से अब तक 4 हजार 845 ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित कर 3 लाख से अधिक पट्टों का वितरण कर ग्रामीणों को बड़ी राहत पहुंचाई है. अभियान के तहत लोगों के सालों से लंबित कार्यों को पूरा किया जा रहा है.

पढ़ें. राजस्थान में 14 नवंबर से चिरंजीवी स्वास्थ्य शिविर: 11 हजार 300 शिविर और 700 मेगा शिविर होंगे आयोजित

पट्टा जारी करने में कोटा जिला रहा अग्रणी

अभियान के दौरान प्रदेश में कोटा जिला 9 हजार 881 पट्टों का वितरण कर पहले पायदान पर काबिज है. यहां पट्टा आवेदन का निस्तारण 99.50 फीसदी रहा है. इसी प्रकार अन्य जिलों जैसलमेर, बूंदी, नागौर और बारां में 98 फीसदी से अधिक पट्टा आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जा चुका है. अन्य जिलों में भी पट्टों के वितरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है.

9 हजार 594 भूखंड किये आवंटित

प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत नियम 158 में बीपीएल परिवारों और गड़रिया भेड़ पालकों को 9 हजार 594 भूखंड आवटित किए गए हैं. इसी तरह घुमन्तू, अर्द्धघुमन्तू भेड़ पालकों को 1417 भूखंड आंवटित कर राहत प्रदान की गई है. आवासहीन परिवारों को भी 8 हजार 332 भूखंड आंवटित किए गए. इससे बरसों से अपने आवास का सपना देख रहे लोगों को बड़ा संबल मिला है.

7316 हैंडपंप एवं ट्यूबवेल को किया दुरुस्त

अभियान के दौरान गांवों में रोजमर्रा की समस्याओं को भी प्राथमिकता के साथ हल किया जा रहा है. आमजन को पेयजल की सुचारु आपूर्ति हो सके इसे देखते हुए जनता जल योजना के अलावा सिंगल फेस के ट्यूबवेल एवं हैंडपंपों को दुरुस्त करवाया गया है. इनमें 962 सिंगल फेस के ट्यूबवेल और 6 हजार 354 हैंडपंप शामिल हैं.

पढ़ें. पाक विस्थापित 132 नागरिक बने भारतीय...लेकिन 3 हजार लोग नागरिकता के इंतजार में काट रहे कार्यालयों के चक्कर

34,606 परिवारों को 41.52 करोड़ का भुगतान

प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान स्वच्छ भारत मिशन (Clean India Mission) के तहत 34 हजार 606 परिवार को शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि के रूप में 41.52 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. अभियान के दौरान नागौर जिले में सर्वाधिक 4 करोड़, जालौर में 3.58, बीकानेर में 3.37, जोधपुर में 3.49 और जयपुर में 2.80 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.

जन्म और मृत्यु के 1,17,936 प्रमाण पत्र जारी

शिविरों के दौरान लोगों को आवश्यक प्रमाण-पत्र भी जारी किए जा रहे हैं. अब तक जन्म और मृत्यु के 1 लाख 17 हजार 936 प्रमाण पत्र जारी किये गए हैं. सर्वाधिक प्रमाण पत्र नागौर जिले में 52 हजार 134 जारी किए गए हैं.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने संवेदनशील, पारदर्षी और जवाबदेह सुशासन की सोच के साथ आमजन की समस्याओं का मौके पर निस्तारण करने के लिए प्रदेश में 2 अक्टूबर से प्रशासन गांवों के संग अभियान (prashaasan gaanvon ke sang abhiyaan) शुरू किया गया था. अभियान में अबतक 3 लाख से अधिक पट्टे दिए जा चुके हैं. कोटा जिले में सर्वाधिक 9 हजार 881 पट्टों का वितरण किया गया है. सरकार के 22 विभाग अभियान को सफल बनाने में लगे हुए हैं.

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अभियान में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग (Rural Development and Panchayati Raj Department) की ओर से अब तक 4 हजार 845 ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित कर 3 लाख से अधिक पट्टों का वितरण कर ग्रामीणों को बड़ी राहत पहुंचाई है. अभियान के तहत लोगों के सालों से लंबित कार्यों को पूरा किया जा रहा है.

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पट्टा जारी करने में कोटा जिला रहा अग्रणी

अभियान के दौरान प्रदेश में कोटा जिला 9 हजार 881 पट्टों का वितरण कर पहले पायदान पर काबिज है. यहां पट्टा आवेदन का निस्तारण 99.50 फीसदी रहा है. इसी प्रकार अन्य जिलों जैसलमेर, बूंदी, नागौर और बारां में 98 फीसदी से अधिक पट्टा आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जा चुका है. अन्य जिलों में भी पट्टों के वितरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है.

9 हजार 594 भूखंड किये आवंटित

प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत नियम 158 में बीपीएल परिवारों और गड़रिया भेड़ पालकों को 9 हजार 594 भूखंड आवटित किए गए हैं. इसी तरह घुमन्तू, अर्द्धघुमन्तू भेड़ पालकों को 1417 भूखंड आंवटित कर राहत प्रदान की गई है. आवासहीन परिवारों को भी 8 हजार 332 भूखंड आंवटित किए गए. इससे बरसों से अपने आवास का सपना देख रहे लोगों को बड़ा संबल मिला है.

7316 हैंडपंप एवं ट्यूबवेल को किया दुरुस्त

अभियान के दौरान गांवों में रोजमर्रा की समस्याओं को भी प्राथमिकता के साथ हल किया जा रहा है. आमजन को पेयजल की सुचारु आपूर्ति हो सके इसे देखते हुए जनता जल योजना के अलावा सिंगल फेस के ट्यूबवेल एवं हैंडपंपों को दुरुस्त करवाया गया है. इनमें 962 सिंगल फेस के ट्यूबवेल और 6 हजार 354 हैंडपंप शामिल हैं.

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34,606 परिवारों को 41.52 करोड़ का भुगतान

प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान स्वच्छ भारत मिशन (Clean India Mission) के तहत 34 हजार 606 परिवार को शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि के रूप में 41.52 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. अभियान के दौरान नागौर जिले में सर्वाधिक 4 करोड़, जालौर में 3.58, बीकानेर में 3.37, जोधपुर में 3.49 और जयपुर में 2.80 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.

जन्म और मृत्यु के 1,17,936 प्रमाण पत्र जारी

शिविरों के दौरान लोगों को आवश्यक प्रमाण-पत्र भी जारी किए जा रहे हैं. अब तक जन्म और मृत्यु के 1 लाख 17 हजार 936 प्रमाण पत्र जारी किये गए हैं. सर्वाधिक प्रमाण पत्र नागौर जिले में 52 हजार 134 जारी किए गए हैं.

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